Keshav Kripal Pandey
हमारे देश के ऋषि मुनि और आधुनिक कालखंड के साधक महात्मा अपनी तपस्या के बल पर भविष्यवाणी किया करते थे। ये मंत्रद्रष्टा कहलाए। इनका संपूर्ण संकल्प सृष्टि के कल्याण के लिए होता था। न इन्हें मन की बात करने का और न ही मन की बात बताने का शौक था।
रामायण में पर्ची लिखने वाले दो महात्माओं का संदर्भ आता है। एक राजा भानुप्रताप से पराजित मायावी जो उन्हें जंगल में मिला और दूसरा संजीवनी बूटी लेने गए हनुमान जी को दिव्य सत्संग सुनाने वाला कालनेमि। लेकिन सनातनधर्म की यह विशेषता है कि इसमें मायावी भी प्रकट होकर परोक्ष रूप से सज्जनों को चेतावनी देते हैं। शरीर की तरह सनातन में एक एंटीबॉडी काम करती है जो पाखंड के जीवाणु समय पर स्वयं नष्ट किया करती है।
यह आदि धर्म है इसलिए इसमें नेतृत्व का भी गुण है। इसमें जब मायावी भी जन्म लेते हैं तो दूसरे धर्मों का भी मिथ्या मायाजाल पटल पर आ जाता है। इनमें श्रेणी के मिथ्याचारियों का लक्ष्य धन वैभव और प्रचार की प्राप्ति तक सीमित नहीं है अपितु जन्म ग्रहण करते ही उनकी चेष्टा में राजसत्ता का लोभ पनपना शुरू हो जाता है।
यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि कौन कौन मायावी सनातन के सगे संरक्षक बनकर सनातन को ही ठगने लगे थे। जिनमें कई कृष्ण-मंदिर (कारागार) का सेवन कर रहे हैं। इन सबकी सम्मिलित सिद्धियों के बराबर की सिद्धि अकेले लेकर वाणी और वस्त्रों का बाजीगर न केवल संयमित सात्विक धर्मानुरागियों को चुनौती दे रहा है अपितु परोक्ष रूप से भारत के संविधान को ललकार रहा है जिसके उत्सव का आज दिन है।
इस दुर्दिन का भी विराम होगा। लेकिन कब तक, यह कहा नहीं जा सकता। तब तक देश की बहुमूल्य ऊर्जा आभासी प्रसंगों में नष्ट होती रहेगी।
रामचरितमानस में रावण से संवाद के समय अंगद ने ऐसी सिद्धि को इंद्रजाल की संज्ञा देकर दो कौड़ी का बताया था।
सुनु मतिमंद देहि अब पूरा।
काटें सीस कि होइअ सूरा॥
इंद्रजालि कहुँ कहिअ न बीरा।
काटइ निज कर सकल सरीरा॥
अरे मंद बुद्धि! सुन, अब बस कर।
सिर काटने से भी क्या कोई शूरवीर हो जाता है? इंद्रजाल रचने वाले को वीर नहीं कहा जाता, यद्यपि वह अपने ही हाथों अपना सारा शरीर काट डालता है!
विश्व विख्यात मेंटलिस्ट भारत की बेटी #सुहानी_शाह अपनी कलात्मक प्रतिभा से भारत का नाम ऊंचा कर रही है साथ ही पाखंडियों द्वारा आस्था के दोहन से देश के गौरव को बचाने का भी काम कर रही है। इसे देख समझ लेने के बाद रावण तक से बात करने वाले स्वयंभू सरकार के चमत्कार का पोस्टमार्टम आप खुद ही कर सकेंगे।