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मूड खराब है या हुआ है एंग्जाइटी अटैक, राहत देंगे ये 5 तरीके

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सुधा सिंह 

     छोटी छोटी बातें कई बार हमारे लिए स्ट्रेस का कारण बन जाती है। इसके चलते फिज़िकली और मेंटली डिस्टर्ब रहने लगते हैं। तनाव में रहना, चिड़चिड़ा होना या बात-बात पर गुस्सा आना मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने लगता है।

छोटी छोटी बातों को लेकर रिएक्ट करना और चिंतित हो उठने की प्रवृत्ति इन दिनों तेजी से बढ़ रही है।

      हर क्षण सैकड़ों लोग किसी न किसी कारण से दूसरों से उलझते है। इसका प्रभाव मेंटल हेल्थ (Mental health) पर दिखने लगता है। वे धीरे-धीरे हर बात पर परेशानी ज़ाहिर करने लगते हैं और ज़ोर-ज़ोर से बोलने भी लगते हैं।    

        दरअसल, चिंता, घबराहट (Anxiety) और गुस्सा, ये तीन ऐसे कारक हैं, जो कभी भी किसी को घेर सकते हैं।

     गुस्से को शांत करने से पहले हमें अपनी इंद्रियों पर काबू पाना आना चाहिए। इसके चलते हम दुखद घटना में अत्यधिक परेशान और खुशी की खबर में अति उत्साहित होने से बचते है। कई ऐसे तरीके हैं, जिनकी मदद से हम आसानी से इन समस्याओं का सामना कर सकते हैं। इतना ही नहीं, कई बार कैफिन (caffeine)और अल्कोलह (Alcohol) की अधिकता भी चिंता का कारण साबित हो सकती है।

स्ट्रेस क्या होता है?  स्ट्रेस या तनाव एक ऐसी मनोदशा है, जब हम किसी बात को लेकर चिंतित महसूस करते हैं और अंदर ही अंदर घुटते रहते है।

     पुराना तनाव हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट संबधी समस्याओं का कारण सिद्ध होता है। हेल्थ हार्वड के रिसर्च के मुताबिक तनाव किसी भी उम्र में हो सकता है।

*1. गहरी सांस लें :*

      गुस्से से बाहर आने के लिए अपनी सांस को नियंत्रित (breath control) करें। इसके लिए गहरी सांस लें और उसे रोककर रखें।

      अगर आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, तो धीमे धीमे से सांस को लें। सांस लेने और छोड़ने में नीचे दी गई विधि का प्रयोग करें।

      इसके लिए लगभग 5 से 7 सेकंड के लिए धीरे धीरे सांस लें और छोड़ें। फिर तीन या चार सेकंड के लिए सांस को पकड़कर रखें। 7 से 9 सेकण्ड के बीच में सांस को धीरे धीरे छोड़ें और होठों से विसल की आवाज़ निकालें। इससे आप आसानी से क्रोध रहित हो पाएंगी।

*2. दोस्त से बात करें :*

वो इंसान जो आपका सच्चा मित्र हो और आपको सही सलाह देता है, उससे कुछ देर बात करें। दोस्त के अलावा आप किसी ऐसे व्यक्ति से भी बातचीत कर सकते हैं, जिसको आप अपने दिन की बात बता पाते है।

      बात करने से खुशी का एहसास होता है और हमारा मन धीरे धीरे हल्का होने लगता है। किसी व्यक्ति की सहानुभूतिपूर्ण हमारे टूटे हुए मन को दोबारा जोड़ने का काम करती है। कई बार पैनिक अटैक हमें बेहद परेशान कर देता है। ऐसे में किसी का हमारे साथ होना हमें मानसिक तौर पर मज़बूत करता है। साथ ही मेंटल हेल्थ का सुधारने का भी काम करता है।

*3. मसाज का सहारा लें :*

      सिर में की गई चंपी या शरीर की मसाज हमें रिलैक्स रखने में मदद करती है। दिनभर चिंताग्रस्त रहने के बाद बॉडी स्पा अवश्य लें। इससे आपका मन हल्का हो जाता है और शरीर खुद को तनावमुक्त महसूस करने लगता है।

      आधे घंटे की मसाज आपके तन मन को खुशी प्रदान करती है। इससे शरीर में से हैप्पी हार्मोंस रिलीज़ होने लगते है।

*4. पसंदीदा खेल खेलें :*

      कुछ देर अपना मनपसंद खेल खेलने से हमारे शरीर में स्ट्रेस लेवल कम होने लगता है। हम खुद को दोबारा से एनर्जेटिक महसूस करने लगते है। अपनी खोई हुई ताकत को वापिस गेन करने लगते है।

     खेल से तनाव कम होने लगता है और शरीर के अन्य दर्द भी छू मंतर हो जाते है।

*5. संगीत सुनें :*

डॉ युवराज के मुताबिक मूड स्विंग्स और एंग्ज़ाइटी अटैक से बाहर आने में संगीत एक आसान और बेहतरीन उपाय है। ऐसी बहुत सी समस्याएं है, जिन्हें अक्सर डॉक्टर म्यूज़िक थेरेपी के ज़रिए ही ठीक करते है।

      अक्सर रेस्तरा और फूड कोर्टस में आपको हर वक्त हल्का म्यूजिक सुनने को मिलता है, ताकि आने वाले लोगों के मूड को ठीक किया जा सके। इसके अलावा कई ऑफिस और स्कूल के रिसेप्शन पर भी आपको हल्हा म्यूज़िक सुनने को मिलता है। स्लो और धीमा म्यूज़िक हमारे मन को शांति प्रदान करता है।

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