डॉ. प्रिया
स्किन पर हाइपरपिग्मेंटेशन और एक्ने स्कार्स की समस्या हो सकती है। ये दोनों एक जैसे दिखते हैं, पर होते नहीं.
पॉलयूशन, झिझक और उम्र बढ़ने पर त्वचा पर दाग-धब्बे दिखने लगते हैं। पिंपल, एक्ने, ब्राउन स्पॉट, हाइपरपिग्मेंटेशन-ये सभी त्वचा के जोखिम हैं। कभी-कभी हाइपरपिग्मेंटेशन और एक्ने स्कार्स को एक ही चीज मान लिया जाता है, जबकि दोनों ही खतरनाक तरीके से पूरी तरह से अलग हैं.
सबसे पहले जानते हैं क्या होता है हाइपरपिग्मेंटेशन :
मेलेनिन के कारण त्वचा को उसका रंग मिलता है। जब त्वचा अतिरिक्त मेलेनिन पैदा करती है तो हाइपरपिग्मेंटेशन हो जाता है। हाइपरपिगमेंटेशन के कारण स्किन पैचवर्क आसपास की त्वचा की तुलना में अधिक गहरे हो जाते हैं। यह हर प्रकार की त्वचा को प्रभावित कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान उम्र बढ़ने या चोट लगने की संभावना अधिक हो जाती है।
क्या होते हैं एक्ने स्कार्स (मुँहासे के निशान)? :
त्वचा में हुए सूजन का परिणाम हैं एक्ने स्कार्स। एक्ने पोर्स सूज जाते हैं और पोर की दीवार टूट जाती है। कुछ एक्ने के धब्बे छोटे होते हैं, तो कुछ उभरे हुए होते हैं।
ये जल्दी ठीक भी हो जाते हैं। कभी-कभी यह आसपास के ऊतकों में फैल जाती है और गहरे निशान पैदा कर देती है।
हाइपर पिगमेंटेशन के कारण स्किन पर भूरा (Brown Mark) और लाल मार्क (Red Mark) दिखाई पड़ते हैं। स्किन पर स्क्रेच, कट्स, अल्ट्रावायलेट किरणों का प्रभाव, हीट, एग्जिमा और ओवर एक्स फ़ोलिएशन भी हो सकता है।
इंजरी के कारण स्किन इनफ्लेमेशन हो जाता है। मिलेनिन का प्रोडक्शन भी अधिक हो सकता है।’
इन सभी के कारण वस्कुलर रेस्पोंस अधिक होने लगता है। वस्कुलर रेस्पोंस के कारण चोट के आस-पास की छोटे ब्लड वेसल्स फैल जाते हैं (Vasodilatation) और उस क्षेत्र में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। एंडोथेलियल कोशिकाएं शुरू में सूज जाती हैं। फिर उनके बीच की जगह को बढ़ाने के लिए सिकुड़ जाती हैं। जिससे वस्कुलर बैरियर की परमिएबिलिटी बढ़ जाती है।
इंजरी के कारण स्किन इनफ्लेमेशन हो जाता है। मिलेनिन का प्रोडक्शन भी अधिक हो सकता है।
एक्ने स्कार्स होने पर पहले स्किन पर छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं। फिर स्किन इनफ्लेमेशन के कारण पोर्स फूल जाते हैं। ये फोलिकल वाल (Follicle Wall) में ब्रेक कर जाते हैं। सही ट्रीटमेंट नहीं होने पर स्किन पिकिंग या स्किन एक्ने हो जाते हैं।
इसके पीछे जीन भी जिम्मेदार है। इस दौरान सबसे अधिक स्किन केयर की जरूरत पड़ती है।
हाइपरपिग्मेंटेशन से किसी विशेष स्थान पर त्वचा का रंग गहरा हो जाता है। वहीँ एक्ने स्कार्स स्किन की बनावट को बदल देते हैं और निशान छोड़ देते हैं। पिग्मेंटेशन आमतौर पर सनबर्न के कारण होता है या जब मेलेनिन स्किन सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत बनाता है। एक्ने स्किन को खरोंचने या रोमछिद्रों में सूजन की वजह से हो सकते हैं।
ये दोनों स्थितियां समान नहीं हैं, लेकिन कहीं न कहीं परस्पर जुड़ी हुई हैं। कुछ आसान से उपाय इनसे दूर रखने में मदद कर सकती हैं।
*उपाय, जिनसे ये स्किन प्रॉब्लम दूर हो सकती हैं :*
1 अपने चेहरे को बार-बार खरोंचें या स्पर्श नहीं करें। ऐसा करने से स्किन की समस्या बढ़ सकती है।
2 स्किन को नमीयुक्त और हाइड्रेटेड रखें। हाइलूरोनिक एसिड-आधारित सीरम और मॉइस्चराइज़र का प्रयोग बढ़ाया जा सकता है।
3 आप चाहे घर के अंदर रहें या घर से बाहर रहें, हमेशा सनस्क्रीन लगा कर रहें। घर के अंदर भी सनस्क्रीन लगा कर रहें।
4 ब्रेसिव एक्सफोलिएटर से एक्सफोलिएट करने से बचें। हफ्ते में सिर्फ एक बार केमिकल पील का इस्तेमाल करें। केमिकल आपके चेहरे को तुरंत ठीक कर सकता है, लेकिन बार-बार केमिकल का इस्तेमाल करने से स्किन प्रॉब्लम हो सकती है।
5 अगर आप भी त्वचा की समस्या से जूझ रहे हैं तो किसी प्राकृतिक पिंपल का उपयोग करें। बहुत फायदा मिलेगा। यदि सभी उपायों को आज तक के बावजूद हाइपरपिगमेंटेशन और एक्ने के निशान की समस्या बनी रहती है, तो स्थिति बिगड़ने से पहले किसी से सलाह लें और उचित त्वचा उपचार लें।