डॉ. प्रिया
जब आप लंबे समय तक तनाव में रहते हैं, तो इससे आपकी सोच, त्वचा और मस्तिष्क सभी कुछ प्रभावित होते हैं। लंबे समय तक तनाव से जूझने पर व्यक्ति में जैविक उम्र बढ़ती है और इंसुलिन प्रतिरोध में तेजी आती है.
यदि आप लंबे समय से तनाव से गुजर रहे हैं तो सावधान हो जाएं।तनाव आपके जीवन और उम्र के लिए भी बढ़िया नहीं है।
हालांकि बैजिक उम्र को उलटना संभव नहीं है। खोज के अनुसार कुछ प्राकृतिक अपना उपाय बायोलॉजिकल एज को उल्टा करने में मदद कर सकते हैं।
*कम और ज्यादा तनाव के अलग-अलग प्रभाव :*
हार्वर्ड हेल्थ में प्रकाशित शोध के अनुसार, गर्भावस्था के दौर से गुजर रही महिलाएं, कोविड के मरीज और उससे जुड़ी महिलाओं पर अध्ययन किया गया। अध्ययनों में पाया गया है कि स्ट्रेस एजेजिक उम्र को बढ़ाया जा सकता है, लेकिन स्ट्रेस कम समय के लिए है, तो एजेजिक एज बढ़ने के लक्षणों को भी पहचाना जा सकता है।
ब्रेटन ने पाया कि प्रेग्नेंसी के दौरान मेटाबॉलिक उम्र में वृद्धि हुई है। यह परिवर्तन जन्म के समय चरम पर था। बच्चे के जन्म के बाद यह समस्या हल हो गई, यानी इसका उल्टा हो गया।
*बढ़ सकती है बायोलोजिकल एज :*
शोध में कोरोनावायरस (COVID-19) के मरीजों और सर्जरी से जूझ रहे मरीजों में भी बायोलोजिकल एज में वृद्धि देखी गई। अस्पताल से छुट्टी मिलते ही यह आंशिक रूप से रिवर्स हो गई थी।
शोध में क्रोनिक तनाव यानी लंबे समय तक तनाव से जूझने पर व्यक्ति में बायोलोजिकल एज बढ़ने और इंसुलिन प्रतिरोध में वृद्धि देखी गई। तनाव के कारण लोगों में कई तरह के रोग होने और बूढा दिखने के संकेत मिले।
*बायोलोजिकल एज को रिवर्स करने के प्राकृतिक उपाय :*
नेचर जर्नल के अनुसार, यदि आप लंबे समय से तनाव से जूझ रही हैं, तो बायोलोजिकल एज बढना लाजिमी है। निम्नलिखित कुछ प्राकृतिक उपाय अपनाकर पूरी तरह तो नहीं, आंशिक रूप से इसे रिवर्स किया जा सकता है :
*1 वजन के अनुसार रेसिस्टेंस ट्रेनिंग :*
रेसिस्टेंस ट्रेनिंग मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह बायोलोजिकल एक्टिविटी को ट्रिगर करता है, जो मुक्त कणों (free radicals) और ऑक्सीडेटिव तनाव (oxidative stress) को दूर करने में मदद करता है।
यह ब्लड फ्लो को बढ़ाता है। यह फैट जलाने वाली मांसपेशियों को बनाए रखने में मदद करता है। ओबेसिटी जर्नल के अध्ययन के अनुसार इससे विसेरल फैट में कमी आती है, जो उम्र के साथ होने वाले हृदय रोग और मधुमेह से बचाव करता है।
*2 एरोबिक एक्सरसाइज :*
साइकिल चलाना, दौड़ना या अन्य सहनशक्ति बढाने वाले एक्सरसाइज से युवा महसूस किया जा सकता है। लंबी दूरी के साइकिल चालकों में कोलेस्ट्रॉल लेवल बैलेंस रहा।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने वाली टी-कोशिकाएं उम्र अधिक होने पर भी बनी रहीं। वेट-बेयरिंग एक्सरसाइज ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव करता है। कार्डियो एक्सरसाइज हार्ट को मजबूत बनाते हैं।
*3 पर्याप्त ओमेगा 3 फैटी एसिड जरूरी :*
ओमेगा 3 फैटी एसिड एंटी इन्फ्लेमेट्री होते हैं, जो कोशिकाओं को अच्छी उम्र में रखने में मदद करते हैं। अलसी, फैटी फिश, ओलिव आयल, सीड्स, नट्स, एवोकेडो से प्राप्त कर सकती हैं।
न्यूट्रिशन जर्नल के अनुसार, मछली, सब्जियां, साबुत अनाज और अपरिष्कृत कार्बोहाइड्रेट मृत्यु दर में 25 प्रतिशत की कमी लाता है। इससे डिमेंशिया और मेमोरी लॉस को दूर करने में मदद मिलती है।
*4 खानपान में हर्ब्स और एंटीऑक्सिडेंट अहम :*
अदरक और हल्दी शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं अदरक एंटी इन्फ्लेमेट्री प्रभाव वाला होता है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल में सुधार करता है।
हल्दी में पाए जाने वाले करक्यूमिन में भी सूजन-रोधी गुण होते हैं। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएं।
इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और बीमारी-संक्रमण से आपका बचाव होगा। लहसुन, प्याज, मिलेट, फरमेंटेड फ़ूड इसमें मदद करेंगे। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे कि हरी पत्तेदार सब्जियां, कलरफुल फल, केल, अजवाइन, अलसी को शामिल करें।
*5 पर्याप्त नींद :*
अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार, नींद की कमी की वजह से उम्र बढ़ती जा रही है।
जो लोग रात में पांच घंटे से कम सोते हैं, उनकी वास्तविक आयु से 5.1 वर्ष अधिक बायोलॉजिकल एज हो जाती है। इसलिए 7-8 घंटे नींद लेने की कोशिश करें।