भोपाल
मध्यप्रदेश में हाट-बाजारों में अब पथ विक्रेताओं, हाथ ठेला चालकों से तहबाजारी का शुल्क नहीं लिया जाएगा। भोपाल में सीएम हाउस में पथ विक्रेता और हाथ ठेला चालकों की पंचायत में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने यह घोषणा की है। उन्होंने कहा- आपकी जिंदगी बहुत कठिन है। कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, मैं आप लोगों की परेशानियां पता कर रहा था कि हमारे सामने कौन-कौन सी परेशानी आती है।
सीएम ने कहा- भोपाल समेत अलग-अलग जगहों से जो पथ विक्रेता भाई बहन आज जुड़े हैं। उनकी एक परेशानी आपके बीच से ही निकली, जो मुझे बताई गई कि उन्हें रोज पैसा देना पड़ता है। कुछ जगह ठेकेदारों को देते हैं। ठेकेदार पैसे वसूलते हैं। कई जगह रंगदार भी आ जाते हैं, कि अगर यहां सामान बेचने बैठा है तो इतने पैसे ला। ऐसी कई तरह की परेशानियां, जिनसे हम को गुजरना पड़ता है। हम छोटी मोटी पूंजी की व्यवस्था करके अलग-अलग तरह का सामान बेचकर लोगों तक आसानी से पहुंचाते हैं। अपनी जिंदगी आसान होनी चाहिए..।
सीएम ने मंत्री भूपेंद्र सिंह को दिए निर्देश
सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश में कहीं भी किसी भी नगर में रोज वसूली नहीं होगी। वह वसूली तत्काल बंद की जाएगी। यह निर्देश निकाल दो। सड़क पर चलने का पैसा ले रहे हैं। यह न्याय नहीं है। कुछ जगह नगरीय निकाय ठेकेदारों को ठेका दे देते हैं। वो ठेकेदार सौ-सौ रुपए वसूलता है। सीएम ने मंत्री भूपेंद्र सिंह से कहा अगर परिवर्तन करना पड़े कीजिए। यह तहबाजारी रोज वसूली पूरी तरह से बंद कर दी जाए।
सीएम शिवराज ने सभी का फूल बरसाकर स्वागत किया।
पथ विक्रेताओं के होंगे रजिस्ट्रेशन
सीएम ने कहा- हम एक बार रजिस्ट्रेशन करेंगे। जिन पथ विक्रेताओं, हाथ ठेला चालकों को काम करना है। वह नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में रजिस्ट्रेशन करवा लेंगे कि हम स्ट्रीट वेंडर हैं। उस रजिस्ट्रेशन का नाम मात्र का शुल्क होगा। सीएम ने कहा इनसे क्या कमाना? नगरीय निकायों को कमाने के लिए तो दुनिया पड़ी है। उनकी पहचान के लिए एक बार रजिस्ट्रेशन हो जाएंगे कि यह पथ विक्रेता है…।मुख्यमंत्री के तहबाजारी शुल्क नहीं लेने की घोषणा के बाद पथ विक्रेता और हाथ ठेला चालकों के चेहरे खुशी से खिल गए।
सीएम को याद आया बचपन
सीएम ने कहा अपनी इस पंचायत में जिसमें हाथ ठेला वाले, रेहडी वाले भाई बहन आए हैं। मैं सबका स्वागत करता हूं। आप लोग श्रम साधक हैं सब्जी ले लो, फल ले लो, मनिहारी का सामान ले लो, आइसक्रीम ले लो… मुझे बचपन के दिन याद आ रहे हैं जब बर्फ का गोला लेकर आते थे और हम दौड़कर आते थे कि हमारे बर्फ वाला भैया आ गया।
जब हम भोपाल में स्कूल जाते थे तब हाथ ठेला पर हमारे रघु भैया कभी आया करते थे। आजकल जो हम भूल गए जैसे इमली के चोईया बिकते थे, जाम, बेर, कई लोग तो उबले बेर बेचते थे। उसे लप्पो कहते थे। यह सब हमारे सारे पथ विक्रेता सस्ती दर पर बेचते हैं। जो चीज आप एक रुपए की बेचते हो। वह बड़ी दुकानों पर ₹10 की मिलेगी। आप घर पहुंच सेवा वाले व्यक्ति हैं। डोर टू डोर डिलीवरी यानी घर के दरवाजे पर ही ठेला लगा देते हैं ले लो भैया।
आप ऐसे लोग हैं जो लोग सामान खरीदते हैं, तो बड़ी दुकान पर जाएं तो कहते हैं मोल भाव नहीं होता। आप तो ऐसे हैं कि मोल भाव भी कर लेते हैं ग्राहक से रोज आमना सामना होता है इसलिए आप अच्छी और गुणवत्ता वाली चीज बेचते हो। छोटी बड़ी चीज आसानी से लोगों तक पहुंचाते हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने महिलाओं को पौधा भेंट किया।
मेरा कर्तव्य है आपकी जिंदगी को आसान बनाना…
अपनी भी तो जिंदगी है ना कहीं से भी नगर निगम वाला जाता है कि चल हटा मैं नहीं कहता कि नगर की रास्ता बदल हूं हम स्थान तय करें। कुछ कॉलोनियों में जाएंगे लोगों को घर पर चीज मिल रही है, तो हाथ ठेला में क्या आपत्ति है। अगर, हाथ ठेला प्रभु लेकर जाता है, तो उसमें कौनसी परेशानी होती है। ऐसे सारे लोग अपना व्यवसाय करेंगे।पंचायत में शामिल होने के लिए कई जिलों से लोग यहां पहुंचे थे।
CM की खास बातें
- पथ विक्रेताओं के लिए एक ऐसी व्यावहारिक जगह तय की जाए जहां लोग आसानी से सामान खरीदने आ सकें। इतनी दूर स्थान तय न किया जाए कि जहां लोग पहुंच ही न सकें। ऐसा ना हो कि भोपाल में कोकता चले जाओ, वहां कौन खरीदने आएगा? भैंसों को तो बेचेगे नहीं।
- सीएम ने कहा- मुझे एक शिकायत मिली है कि हाथ ठेला जब्त कर लेते हैं। यह पाप है आज मैं तत्काल प्रभाव से यह निर्देश दे रहा हूं किसी के हाथ ठेला जब्त नहीं होगा। भूपेंद्र सिंह से कहा यह नियम बन जाए कोई हाथ ठेला जब्त नहीं होगा।
- जिनके पास हाथ ठेला नहीं है उनको नगरीय विकास विभाग सब्सिडी पर हाथ ठेला दे। इसको लेकर योजना बननी चाहिए। मुझे पता चला कि अभी ठेकेदारों से हाथ ठेला लेने पड़ते हैं। नई योजना बना दो, ताकि ठेकेदारों से हाथ ठेला न लेना पड़े। एक ठेला दस हजार रूपए में बनता है। एक ऐसी योजना बनाओ जिससे हम 5000 रुपए देंगे 5000 आप देना। सब्सिडी पर हाथ ठेला देंगे। वार्ड वाइज एक बार रजिस्ट्रेशन कर लिया जाए कि सबके पास परिचय पत्र हैं या नहीं!
- सीएम ने कहा केवल नगर निगम वाले ही नहीं, पुलिस वाले भी इन्हें परेशान करते हैं। इधर – उधर से आए और पता चला वह भी गोभी उठा ले गए। मुझे शिकायत मिली है इसलिए मैं कह रहा हूं। अब किसी भी पथ विक्रेता या हाथ ठेला से बिना पैसे की यदि कोई चीज उठाई तो वह संज्ञेय अपराध होगा। यह नियम बनाया जाएगा हम परेशान करने के लिए थोड़ी हैं हमारी अपनी जिंदगी है और हमारी अपनी जरूरतें हैं।
- एक प्लान अर्बन डेवलपमेंट में बनना चाहिए जो लोग बाहर से आए हैं। वह कहां रहेंगे इसकी व्यवस्था भी की जानी चाहिए। सीएम ने कहा- 2 गज जमीन केवल मरने के बाद नहीं, जिंदा रहते हुए भी चाहिए। हमने बड़े-बड़े गुंडा माफियाओं से 23000 एकड़ जमीन छुड़ाई है। जो रजिस्टर्ड हैं उन्हें सरल शर्तों पर मकान देने का अभियान भी चलाया जाए।
- जिनका वर्षों से ऐसी जमीन पर कब्जा है जहां सार्वजनिक रूप से कोई दिक्कत नहीं है। उनको भी पट्टा देने के लिए सूची बनाई जाए ताकि छोटी सी जगह में रहकर वह अपने बाल बच्चों को पाल पाएं। लाडली बहना योजना में स्थित स्ट्रीट वेंडर योजना के हितग्राही परिवार की बहनों के खातों में ₹1000 हर महीने डाले जाएंगे।
- जो संबल योजना में शामिल नहीं है उनको पोर्टल खोलकर योजना में शामिल कर लिया जाए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मंत्री भूपेंद्र सिंह से चर्चा करते दिखे।