डॉ. प्रिया
टॉप के युवा हॉर्ट सर्जन गौरव गाँधी की आकस्मिक मौत और वह भी हार्टअटैक से : आप ने पढ़ी-सुनी होगी ये दर्दनाक स्टोरी. किसी का कोई हुक्म नहीं मानना था, पैसे की भी कोई कमी नहीं थी, परिवार से भी कोई टेंशन नहीं थी : वज़ह ओवरथिंकिंग-ओवरवर्डन के अलावा और क्या हो सकती है? दौलत की अंतहीन भूख खा गई उनको.
काम करने के दौरान अगर आपका मन विचलित होने लगता है या अन्य कार्यों को करने की ओर भागने लगता है, तो ये स्थिति आपके अंदर अटैंशन स्पैन की कमी को दर्शाती है। लंबे वक्त तक काम करने और एक साथ कई चीजों को अकेले हैंडल करने से इस समस्या का पनपना आम बात है। चाहे आप वर्किंग वुमेन है या होम मेकर, हर महिला इस समस्या से दो चार होती है। इसी तरह अमूमन हर मर्द इस दौर से गुजरता है.
इस समस्या के चलते चीजों को भूलना, वक्त पर काम न हो पाना और वर्क प्रोडक्टिविटी प्रभावित होना आम लक्षण है।
अटैंशन स्पैन का अर्थ है कि हम बिना ब्रेक लिए और बिना विचलित हुए कितने वक्त तक एक काम पर फोकस कर सकते हैं। हांलाकि हर व्यक्ति का अटैंशन स्पैन अलग अलग होता है। ऐसे में व्यक्ति को किसी भी कार्य में लंबे वक्त तक फोक्स करने में दिक्कत आने लगती है। इसके चलते आस पास के लोग इन्हें लापरवाह समझने लगते हैं।
अगर आप 60 मिनट तक कोई भी कार्य करते हैं। तो उसके बाद 10 से 15 मिनट का गैप अवश्य लें। इससे काम की क्वालिटी बेहतर होने लगती हैं और अटैंशन स्पैन भी बढ़ने लगता है।
अटैंशन स्पैन का अर्थ है कि हम बिना ब्रेक लिए और बिना विचलित हुए कितने वक्त तक एक काम पर फोकस कर सकते हैं।
अटैंशन स्पैन कम होने के लक्षण :
कार्य अधूरे छोड़ने लगते हैं.
टाइम मैनेजमेंट खराब होने लगता है.
गलतियां बढ़ने लगती है.
हमारा मन इधर उधर भटकने लगता है.
अटैंशन स्पैन बढ़ाने के इन तरीकों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें :
*1. मल्टी टास्क करने से बचें :*
एक समय में एक कार्य करने से आप पूरी तरह से उस पर ध्यान लगा पाते हैं। इससे आपके मन में स्थिरता और संतुलन बनने लगता है। अगर आप अपने काम पर पूरी तरह से फोक्स करना चाहते हैं, तो एक वक्त में दो कार्यों को न करें। इससे आपकी परफार्मेंस और कार्य क्षमता दोनों प्रभावित होने लगती है।
साथ ही आप तनाव से ग्रस्त हो जाते है, जो आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। अंटेशन बढ़ाने के लिए एक कार्य को पूरे मन और समय लगाकर करें।
*2. ब्रेन गेम्स खेलें :*
दिनभर काम करने के बाद माइंड एग्जॉस्ट होने लगता है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए हम कुछ देर आराम करते हैं और दिमाग को सुकून पहुंचाते हैं। अगर आप काम पर पूर्ण रूप से ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, तो ब्रेन गेम्स आपके लिए बेहतरीन विकल्प है।
इसके लिए आप चेस, सुडोकू और क्रासवर्ड खेलने में कुछ वक्त गुज़ार सकते हैं। इससे आप मेंटल तौर पर खुद को मज़बूत महसूस करेंगे। साथ ही किसी भी काम को करने में आपको उलझन महसूस नहीं होगी।
अगर आप काम पर पूर्ण रूप से ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, तो ब्रेन गेम्स आपके लिए बेहतरीन विकल्प है।
*3. टू डू लिस्ट तैयार करें :*
बहुत बार ऐसा होता है कि सुबह उठते ही हमारे दिमाग में कई कार्यो को पूरा करने की प्लानिंग बनती है। मगर दिन ढ़लने तक हम बहुत सी चीजें भूल जाते हैं। ऐसे में अपने ध्यान को भटकने से बचाने के लिए दिन की शुरूआत में ही एक टू डू लिस्ट तैयार करें।
उसमें लिखित सभी कार्यों को क्रास चेक करते रहें। जो भी कार्य पूर्ण नहीं हो पाए हैं, उन्हें करने का प्रयास करें। इससे आप अपने सभी काम समय पर कर सकते हैं। इससे आपकी याददाश्त भी बढ़ने लगती है और बार बार चीजों को भूलने की समस्या दूर होने लगती है।
*4. काम के दौरान फोन के इस्तेमाल से बचें :*
अगर आप ऐसा महससू कर रहे हैं कि आप काम पर पूरी तरह से ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, तो वर्कप्लेस पर फोन का इस्तेमाल न करे। दरअसल, काम के दौरान फोन को म्यूट पर रखें या उसे टर्न ऑफ कर दें।
इससे आप काम पर पूरी तरह से फोक्स कर सकते हैं। स्मार्ट फोन को लगातार इस्तेमाल आपके काम की बाधित करने का काम करता है। साथ ही इससे प्रोडक्टिविटी भी प्रभावित होने लगती है।
*5. मेडिटेशन है ज़रूरी :*
काम पर फोक्स करने की क्षमता को बढत्राने के लिए रोज़ाना कुछ देर मेडिटेशन करना ज़रूरी है। इससे चीजों को बार बार भूलना और तनाव संबधी समस्याओं से राहत मिल जाती है। खुद को मानसिक तौर पर एक्टिव और हेल्दी रखने के लिए सुबह उठकर कुछ मिनटो की मेडिटेशन अवश्य करें।
मेडिटेशन के दौरान आप सभी शारीरिक अंगों पर एक एक कर अपना ध्यान केन्द्रित करने लगते हैं। इससे आपका मन मज़बूत और चीजों को याद रखने और एंटेशन स्पैन बढ़ने लगता है।
*इन बातों का भी रखें ख्याल :*
अच्छे लिसनर बनें। दूसरों को सुनने की क्षमता को बढ़ाएं। इससे आपके सोचने और समझने की शक्ति का विकास होता है।
पढ़ाई के लिए समय निकालें। कुछ देर किताब या अखबार से रीडिंग करें।
रनिंग, व्यायाम, साइकलिंग और मसल्स एक्सरसाइज़ पर ध्यान दें।
ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ को अपने रूटीन में शामिल करने से भी अटैंशन स्पैन बढ़ने लगता है।
काम के दौरान रेगुलर ब्रेक्स लें। स्मॉल इंटरवेल्स हमारी मेंटल हेल्थ को फायदा पहुंचाते हैं।
आसपास का वातावरण ऐसा हो, जिससे आपको काम में डिसटर्बेंस का अनुभव न हो।
नींद पूरी लेनी चाहिए। इससे आपका दिमाग पूर्ण रूप से विकसित होने लगता है। (चेतना विकास मिशन).