एस पी मित्तल, अजमेर
बहुचर्चित और विनाशकारी बिपरजॉय तूफान की वजह से 18 जून को अजमेर में जो बरसात हुई उसके कारण आनासागर का पानी पुष्कर रोड तक फैल गया। आनासागर के किनारे बनी आवासीय कॉलोनियां जलमग्न है। हालात इतने खराब है कि पुष्कर रोड पर बने डॉ. संजीव मेहरा के मकान और अस्पताल में भी पानी भर गया है। अब यह पानी तभी हटेगा तब आनासागर खाली होगा। आनासागर को खाली करने के लिए 19 जून को गेट को एक इंच तक खोल दिया गया। अब धीरे धीरे आनासागर का पानी एस्केप चैनल में जा रहा है। बिपरजॉय तूफान और बरसात होने की जानकारी पिछले एक सप्ताह से मीडिया में चल रही थी। जिला प्रशासन ने भी सतर्कता के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया था, लेकिन तब प्रशासन ने आनासागर को खाली करने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया। यदि आनासागर को बरसात से पहले ही एक फिट खाली कर दिया जाता तो आवासीय कॉलोनियों में पानी नहीं भरता। आमतौर पर बरसात का आकलन कर आनासागर को एडवांस में खाली किया जाता है। चूंकि आनासागर में अभी भी 8-10 नालों का गंदा पानी गिर रहा है, इसलिए थोड़ी सी बरसात में आनासागर लबालब हो जाता है। आनासागर का पानी पुष्कर रोड तक आ जाने से हाजिर होता है कि प्रशासन ने बरसात का पूर्व में आकलन नहीं किया। अब आवासीय कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को जो परेशानी हो रही है, उसका जिम्मेदार जिला प्रशासन ही है। 19 जून को भी अजमेर में बरसात का दौर जारी रहा। जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ेंगे। आनासागर के किनारे जो आवासीय कॉलोनियां जलमग्न होंगी, साथ ही शहर के अन्य इलाकों में भी पानी भरा हुआ है। असल में नालों की सफाई नहीं होने की वजह से भी अजमेर में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं।
पानी की समस्या पुरानी:
बिपरजॉय तूफान की बरसात के कारण अजमेर के सरकारी अस्पताल जेएलएन में भी पानी भर गया है। कई वार्डों में भी पानी भरा है। गंभीर बात यह है कि अस्पताल में भरे इस पानी निकासी का कोई रास्ता नहीं है। इससे मरीजों के साथ डॉक्टर और चिकित्सा कर्मियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नीरज गुप्ता ने बताया कि जेएलएन अस्पताल में बरसात के समय पानी भरने की समस्या पुरानी है। असल में अस्पताल की बिल्डिंग पुरानी है और आसपास के क्षेत्र ऊंचे हो गए हैं। यही वजह है कि थोड़ी सी बरसात में पानी अस्पताल में घुस जाता है। इस संबंध में पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों का कई बार ध्यान आकर्षित किया गया है। डॉ. गुप्ता ने कहा कि मौजूदा समय में जो हालात उत्पन्न हुए हैं, उसे देखते हुए जिला प्रशासन से संवाद किया जाएगा। हमारा प्रयास होगा कि पुरानी बिल्डिंग के चारों तरफ एक नाले का निर्माण किया जाए ताकि बरसात का पानी अस्पताल में न घुसे। उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर में जो नई बिल्डिंग बनी है उन्हें ऊंचाई पर बनाया गया है, इसलिए वहां बरसात का पानी नहीं है। डॉ. गुप्ता ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भी पानी की समस्या के निदान के प्रयास किए जाएंगे।