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कुकिंग से बना व्यापार…आज 1.2 करोड़ का बिजनस

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 हाथ में हुनर हो, कुछ करने की लगन हो और जीतने का जज्बा तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती। आपको 2020 याद होगा, जब कोविड लॉकडाउन लगा था। लोग घरों में बंद थे। उस समय कुकिंग का एक ट्रेंड चला था। लोग नई-नई खाने की चीजें बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते थे। ऐसी ही कहानी एक मां और दो बेटियों की है। उस कठिन समय में इन्हें कुकिंग से प्यार हो गया। धीरे-धीरे उन्होंने मसाले और सॉस का बिजनस शुरू कर दिया। यह बिजनस आज एक करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया है।

चिल्जो में मिल रहा इंटरनेशनल स्वाद

दिक्षिता और ओजस्वी के साथ मां हेमा ने साथ मिलकर मुंबई बेस्ड फूड ब्रांड चिल्जो (Chilzo) लॉन्च किया। इस ब्रांड के तहत वे ऑथेंटिक सॉस और मशाले ऑफर कर रहे हैं। इनमें आपको इंटरनेशनल स्वाद भी मिल जाएगा। यह ब्रांड सॉस के 11 फ्लेवर सर्व करता है। ये फ्लेवर इटली, अफ्रीका, मैक्सिको और चीन जैसे विभिन्न देशों से लिये गए हैं।

एक एंप्लाई जो दुनियाभर में घूमती हुई एंटरप्रेन्योर बन गई

इस स्टार्टअप की शुरुआत भी दिलचस्प है। एक एंप्लाई जो दुनियाभर में घूमती हुई एक एंटरप्रेन्योर बन गई। दिक्षिता ट्रेक्सेल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट है। वह फिलाडेल्फिया में एक मार्केटिंग फर्म में काम करती थीं। अपने तीन साल के कार्यकाल में दिक्षिता कई देशों में घूमी। वहां उसने अलग-अलग व्यंजनों का स्वाद चखा। यही नहीं, वह कई ट्रेडिशनल शेफ और फूड इंडस्ट्री के प्रोफेशनल्स से भी मिली।

टाइम पास करने से हुई शुरूआत

लोकल समोसा से बात करते हुए दीक्षिता ने बताया, ‘लॉकडाउन लगने पर जब वह भारत लौटीं, तो उन्हें उन डिशेज की याद आई। वह उन्हें काफी मिस कर रही थीं। इसके बाद दीक्षिता ने अपनी बहन ओजस्वी और मां हेमा के साथ घर पर ही अलग-अलग सॉस बनाना शुरू किए। उन्होंने अपने स्वाद के लिए और टाइम पास करने के इरादे से यह शुरू किया था।’

हॉस्टल के खाने से बोर हो गई थी ओजस्वी

ओजस्वी बीटेक ग्रेजुएट हैं। उन्होंने बेटर इंडिया को बताया, ‘मेरा फूड की तरफ झुकाव था, कुकिंग की तरफ नहीं। लेकिन वर्षों तक हॉस्टल का खाना खाने के बाद में अच्छा भोजन करना चाहती थी। मैं पागलों की तरह अच्छा खाना ढूंढ रही थी। मुझे पास्ता पसंद था, तो हमने पहले अरबियाटा और मारिनारा सॉस बनाना शुरू किया।’

15 बार हुईं फेल

ये मां-बेटियां एक परफेक्ट रेसिपी तक पहुंचने से पहले 15 बार फेल हुई थीं। वे प्रोफेशनल नहीं थीं। इसलिए यूट्यूब से सीख-सीखकर इन्होंने सॉस तैयार किया। यह सॉस उनके दोस्तों और रिश्तेदारों को काफी पसंद आया। जब लोगों ने प्रोत्साहित किया, तो इन मां-बेटियों ने सॉस का बिजनस करने की ठानी। पहले सिर्फ एंटरटेनमेंट और आस-पास के घरों में सप्लाई करने के इरादे से यह बिजनस शुरू किया गया था। जब कस्टमर्स से अच्छा रिस्पांस मिला तो उन्होंने इस बिजनस को बढ़ाने का फैसला लिया।

घर में बनाई रिसर्च यूनिट

मां-बेटी की तिकड़ी ने अपने घर में ही एक छोटी सी रिसर्च एंड डेवलपमेंट यूनिट बना ली। इसे ओजस्वी ने मैनेज किया। इसके बाद साल 2020-21 में उन्होंने एक फूड कंसल्टेंट के साथ डिस्कस किया और जाना कि फैक्ट्री लगाने के लिए किन मशीनों की जरूरत होगी। एक साल के रिसर्च और डेवलपमेंट के बाद इन तीनों ने अपने घर से चलने वाले बिजनस को एक 30 एंप्लाई वाले फॉर्मल सेटअप में बदल दिया।

40 लाख जुटाकर डाली फैक्ट्री

उन्होंने अपने परिजनों और बैंक से लोन लेकर अक्टूबर 2021 में वसई में एक फैक्ट्री डाली। इसमें 40 लाख रुपये का खर्चा आया था। कमर्शियल ऑपरेशन जनवरी 2022 में जाकर शरू हुआ। वित्त वर्ष 2023 में इस बिजनस ने 1.2 करोड़ का कारोबार किया। चिल्जो इस समय मुंबई, दिल्ली और कोलकाता के 80 स्टोर्स में उपलब्ध है। इसे अमेजन, जियोमार्ट, डंजो और बिग बास्केट जैसे ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स से भी खरीदा जा सकता है।

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