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जनकल्याणकारी व्यवस्था और सरकार कायम करें

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मुनेश त्यागी 

        2024 के संसदीय चुनावों की बिसात बिछाई चुकी है। मोदी सरकार, सांप्रदायिक ताकतें और बड़े बड़े पूंजीपति और धन्नासेठ इस मुहिम में शामिल हो चुके हैं। सरकार, सारी हिंदुत्ववादी सांप्रदायिक ताकतें और देश दुनिया के बड़े बड़े पूंजीपति चाहते हैं कि मोदी सरकार फिर से रिपीट करे, सत्ता में आए और उनके धन दौलत से भरे हुए उनके लुटेरे साम्राज्य को और ज्यादा आबाद करे, उसमें और ज्यादा अमीरी के चार चांद लगाए।

       आज हमारे देश के हालात बेहद खराब हैं। अर्थव्यवस्था लगभग चौपट है, नौकरियां कम होती चली जा रही हैं, सरकारी नौकरियां गायब कर दी गई हैं, जो थोड़े बहुत लोगों को नौकरियां मिली हुई हैं, उन पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है, उनका वेतन और कमाई लगातार कम होती जा रही है, कमरतोड़ महंगाई जनता को परेशान कर रही है, हिंदू मुस्लिम नफरत का जहर लगातार बढ़ाया जा रहा है, रोजगार और स्वास्थ्य पर सरकार कोई चर्चा नहीं कर रही है और अब पूरे देश की जनता जान गई है कि सरकार चंद उद्योगपतियों और पूंजीपतियों का धंधा चलाने और बढ़ाने की ही राजनीति करती जा रही है, जैसे उसका और कोई काम ही नहीं रह गया है।

    आज हमारे देश में भयंकर हालात मौजूद हैं। तमाम देशी विदेशी पूंजीपति और साम्राज्यवादी देश और फासीवादी व धर्मांध ताकतें एकजुट होकर येन केन प्रकारेण भारत के संविधान को खत्म करने पर आमादा हो गई है और अब उनका एकमात्र उद्देश्य है कि भारत के जल, जंगल, जमीन, आकाश और प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा करके अपने लुटेरे साम्राज्य को और अधिक विस्तार दिया जाये।

     अब यहां पर, हमारे देश की जनता का भला चाहने वाले समस्त देशवासियों, तमाम जनप्रिय जन संगठनों, किसानों मजदूरों का भला चाहने वाली सारी राजनीतिक पार्टियों, बुद्धिजीवियों, लेखकों, कवियों और तमाम प्रेस और मीडिया कर्मियों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है कि वे सब समय रहते, जनता के सामने, उसकी मुक्ति का कल्याणकारी कार्यक्रम पेश करें और इस कार्यक्रम को देश की जनता के हर तबके के बीच पोस्टर, पर्चा, फेसबुक वाट्सएप और कलम के माध्यम से ले जाकर, सरकार की जनविरोधी नीतियों, धर्मांधता, जातिवाद, छोटे बड़े और ऊंच-नीच की सोच की मानसिकता का जोरदार तरीके से भंडाफोड़ करें और इनमें फंसी जनता को जागरूक करें।

       इस देश की गरीब, शोषित, अन्यायग्रस्त, पिछड़ी और अभावग्रस्त जनता की भलाई चाहने वाली तमाम राजनीतिक ताकतों, जन संगठनों, बुद्धिजीवियों, साहित्यकर्मियों और प्रेस और मीडिया कर्मियों को एकजुट होकर जनता के बीच जाना चाहिए। उसे सरकार की नीतियों के बारे में बताना चाहिए और उसे जनकल्याण करने की अपनी राजनीति से अवगत कराना चाहिए।

    उन सबको, जनता को बताना चाहिए कि “वर्तमान सरकार, देशी-विदेशी पूंजीपतियों की तिजोरियां भरने की राजनीति कर रही है और वैसी ही नीतियों को लागू करने पर आमादा है, तो हम भी आपके बीच जनता का कल्याण करने वाली नीतियों की राजनीति करने आए हैं।”  इन जनसमर्थक ताकतों को पूरी जनता को इसी राजनीति के इर्द-गिर्द एकजुट और संगठित करना चाहिए और पूरी जनता का आह्वान करना चाहिए कि वह इस जनकल्याण की राजनीति के इर्द-गिर्द एकजुट हों और देश में अपनी जन कल्याण की राजनीति के तहत, किसानों मजदूरों की सरकार स्थापित करें, जो उसकी रोजी रोटी भुखमरी हिंसा मंहगाई अन्याय शोषण की समस्याओं और जुल्म ज्यादति, जातिवाद और सांप्रदायिकता की राजनीति का खात्मा करेगी।

     अब जन कल्याण करने की राजनीति के तमाम संगठनों को जनहितकारी कार्यक्रम बनाना चाहिए और इस कार्यक्रम में निम्नलिखित मांगे शामिल की जानी चाहिए,,,,,, 1.सबको रोटी कपड़ा और मकान मिले, 2. सबको आधुनिक और मुफ्त शिक्षा मिले, 3. सबको मुफ्त इलाज की गारंटी हो, 4. सारी जनता को बेरोजगार हाथों को काम मिले, 5. सारे धनधान्य का जनता में बटवारा हो, 6. सरकार की सारी नीतियां जनकल्याण को बढ़ाने वाली हों, 7. सारे मजदूरों को न्यूनतम वेतन मिले, 8.सबको रोजगार की गारंटी मिले, 9. समस्त किसानों को उनकी समस्त फसलों का वाजिब दाम मिले, 10. तमाम भूमिहीनों को सरकारी जमीन और सीलिंग के बाद फालतू जमीन का बटवारा किया जाए, 11. सरकारी उद्योग धंधों को बढ़ावा दिया जाए, 12. साठ बरस के ऊपर सभी बुजुर्गों को, जिसमें औरत और मर्द दोनों शामिल हों, को ₹15000 महावार वृद्धावस्था पेंशन मिले, 13. सारे गरीबों को लागत मूल्य पर बिजली उपलब्ध कराई जाए, 14. महंगाई को बढ़ाने वाले सारे चोर दरवाजे बंद किए जाएं, 15. समाज में फैली धर्मांधता और अंधविश्वासों को खत्म करने के लिए ज्ञान विज्ञान की मुहिम चलाई जाए और वैज्ञानिक संस्कृति को बढ़ावा दिया जाए,16. हिंदू मुस्लिम के बीच नफरत बढ़ाने वाली राजनीति का खात्मा करके, जनता की एकता और सौहार्द और आपसी भाईचारा बढ़ाने वाली राजनीति का आगाज किया जाए।

      इसी जनकल्याणकारी राजनीति के कार्यक्रम के तहत पूरी जनता को बताया जाना चाहिए कि तमाम साम्राज्यवादी, फासीवादी और धर्मांध सांप्रदायिक ताकतें एकजुट होकर येन केन प्रकारेण भारत के संविधान को खत्म करने पर आमादा हैं और अब उनका एकमात्र उद्देश्य है कि भारत के जल जंगल जमीन और आसमान पर कब्जा करके अपना लुटेरा साम्राज्य कायम किया जाए।

     इसी के साथ पूरी जनता को आगाह करना चाहिए और उसका आह्वान करना चाहिए कि वह अपने तमाम मतभेदों को बुलाकर और चट्टानी एकता कायम करते ही इन जन विरोधी ताकतों को सत्ता से बेदखल कर सकती हैं और अपने जन कल्याणकारी प्रोग्राम को, अपनी एकता के माध्यम से ही लागू कर सकते हैं। इसके अलावा अब हमारे सामने और कोई उपाय बाकी नहीं रह गया है।

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