मप्र चुनाव में अब कुछ ही महीने का वक्त बचा है। सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं। भाजपा जहां सत्ता में बरकरार रहने की कोशिश में जुटी हुई है, वहीं कांग्रेस सत्ता में वापसी के प्रयास में लगी हुई है। इसके लिए पार्टी ने नई रणनीति बनाई है। इस रणनीति के तहत कांग्रेस अब भाजपा पर आक्रामक होकर हमला करेगी। पार्टी मीडिया और सोशल मीडिया पर भाजपा और उसकी सरकार को घेरेगी। इसके लिए दिल्ली में रणनीति बनाई गई है। दिल्ली मुख्यालय में हुई बैठक में चार राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर मीडिया विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक रखी गई थी। इस बैठक में कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस के मीडिया प्रमुख जयराम रमेश, मीडिया विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा, सोशल मीडिया विभाग की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत एवं मप्र कांग्रेस के प्रभारी महासचिव जेपी अग्रवाल भी प्रमुख रूप से उपस्थित थे। एमपी से पीयूष बबेले, शोभा ओझा, अभय दुबे और अभय तिवारी भी बैठक में पहुंचे थे। कुल मिलाकर बैठक में तय किया गया कि जिस तरह से भाजपा चुनाव में मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से हमले करती है। उसका जवाब उसी की शैली में दिया जाएगा। गौरतलब है की भाजपा को घेरने के लिए कांग्रेस चौतरफा प्रयास कर रही है। इस बार कमलनाथ के सर्वे के आधार पर कमजोर सीटों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है तो, कांग्रेस ने जीतने वाली सीटों पर इस माह के अंत में प्रत्याशी घोषित करने की तैयारी की है। प्रदेश में दिल्ली से भी कई नेताओं को जवाबदारी दी गई है, तो अब मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से किस प्रकार के हमले किए जाएं, इसको लेकर भी दिल्ली के प्रवक्ता प्रदेश के प्रवक्ताओं को मार्गदर्शन देंगे और चुनाव तक यहीं रुक कर कार्य करेंगे। कांग्रेस भी भाजपा सरकार पर सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से हमले की तैयारी कर रही है। इसमें सरकार को विफल बताने की तैयारी है। इसके लिए सोशल मीडिया कार्यकर्ता तैयार किए जा रहे हैं। वहीं मीडिया के माध्यम से जानकारी पहुंचाने के लिए प्रवक्ताओं की नियुक्ति की जा रही है। खास बात यह है कि दिल्ली के प्रवक्ताओं की नियुक्ति प्रदेश में की जाएगी और उनके अनुभवों का लाभ लिया जाएगा।
कांग्रेस सोशल मीडिया पर मजबूत
बताया जा रहा है कि कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग ने बैठक में आंकड़े प्रस्तुत किये हैं। जिसके अनुसार जनवरी से जून तक छह महीने में कांग्रेस ने ट्वीटर, फेसबुक और यूट्यूब से बीजेपी पर 5 महीने तक बढ़त बनाई। कांग्रेस सिर्फ अप्रैल महीने में पिछड़ी। कांग्रेस व्हाटसएप में आज भी भाजपा से पिछड़ी हुई है। इसके लिए पार्टी ने सिर्फ व्हाट्सएप के लिए जोनल स्तर से बूथ स्तर तक सोशल मीडिया का अलग संगठन खड़ा करने का फैसला किया है। जिसकी शुरूआत पांच चुनावी राज्यों से होगी। पार्टी सूत्रों की माने तो आने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में सेंट्रल और स्टेट लीडरशिप के बीच बेहतर तालमेल बनाने के लिए एक टीम गठित की जाएगी। इसका मकसद ये होगा कि कांग्रेस का सोशल मीडिया पर प्रचार धारदार हो और मुद्दों को लेकर एकरूपता रहे। राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर प्रदेश संगठन पार्टी के केन्द्रीय विभाग को फॉलो करेंगे। लेकिन राज्यों के लिए मुद्दे एक समन्वय समिति चर्चा कर तय करेगी। चुनावी राज्यों की स्थानीय भाषा संस्कृति और परंपराओं को प्राथमिकता दी जाएगी। चुनाव वाले पांच राज्यों में मध्यप्रदेश के मीडिया विभाग के कार्यों की प्रशंसा की गई। खासतौर से पटवारी भर्ती परीक्षा का मुद्दा। जिसे लेकर मीडिया विभाग बेहद आक्रामक रही। यह मुद्दा नेशनल लेवल पर छा गया। इसका असर यह हुआ कि भाजपा सरकार को परीक्षा स्थगित करनी पड़ी। इसके साथ ही कर्नाटक में असरदार रहे 40 परसेंट कमीशन सरकार या पेटीएम को भी मध्यप्रदेश में मीडिया विभाग ने असरदार तरीके से उठाया। मप्र से मीडिया प्रभारी पीयूष बबेले और सोशल मीडिया इंचार्ज अभय तिवारी ने बैठक में भाग लिया। दोनों ने चुनाव को लेकर तैयार की गई रणनीति को पार्टी नेताओं के सामने रखा।
आज आएंगे भाजपा प्रदेश चुनाव प्रभारी
उधर आज मप्र भाजपा के प्रभारी और सह-प्रभारी राजधानी आएंगे। गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौर के बाद भाजपा एक्टिव मोड में आ गई है। अब विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी समितियों के गठन और विधायकों से वन-टू-वन करने जा रही है। पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी व केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह, चुनाव सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव आज भोपाल पहुंच रहे हैं। दोनों नेता 17 जुलाई को दोपहर तक भोपाल में रहेंगे। दोनों नेताओं के साथ प्रदेश चुनाव प्रभारी और अन्य नेता बैठक कर विधानसभा चुनाव को लेकर गठित होने वाली समितियों के पदाधिकारियों के नामों को अंतिम रूप देंगे। चुनाव प्रभारी और चुनाव सह प्रभारी नेताओं के साथ बैठक कर प्रदेश चुनाव अभियान समिति और संकल्प-पत्र समिति के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों व सदस्यों के नाम तय किए जाएंगे। प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव तीनों समितियों के पदाधिकारियों के नाम तय करने के साथ विधायकों के साथ भी वन-टू-वन चर्चा करेंगे। दोनों नेता विधायकों से उनके परफार्मेंस, पार्टी गतिविधियों और क्षेत्र में सक्रियता, सर्वे और जनता व पार्टी पदाधिकारियों से लिए गए फीडबैक के आधार पर संवाद करेंगे। इस संवाद के बाद ही टिकट की रूपरेखा तय की जाएगी। भाजपा विधानसभा चुनाव को कितना संजीदगी के साथ ले रही है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा रहा है कि चुनाव के चार माह पहले ही समितियों के गठन के साथ टिकट किसे मिले या किसका काटा जाए, इसकी रूपरेखा तैयार होने लगी है।
भाजपा को अब उसी के अंदाज से जवाब
जानकारी के अनुसार चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस बूथ लेवल तक सोशल मीडिया संगठन खड़ा करने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस अब भाजपा को उसी के अंदाज में जवाब देगी। इसे लेकर दिल्ली में पांच राज्यों के प्रभारी मीडिया और सोशल मीडिया प्रमुखों की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, जयराम रामेश, पवन खेड़ा और सुप्रिया श्रीनेत, प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल सहित अन्य मौजूद थे। करीब ढाई घंटे चली बैठक में सभी ने अपना-अपना रोडमेप सामने रखा। राज्य के मुद्दों को नेशलन लेवल तक लाने पर मप्र की मीडिया टीम की सराहना की गई। राष्ट्रीय संगठन महासचिव ने कहा कि मीडिया विभाग आक्रामक होता है, लेकिन चुनाव में और आक्रामक होकर काम करना है। राज्यों के मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर तक लाए। जिससे सरकार को अपने कदम वापस लेने पड़े, जैसा मप्र में पटवारी भर्ती परीक्षा में हुआ। सभी आपस में समन्वय बनाकर कार्य करें।