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द कश्मीरवाला वेबसाइट के खिलाफ बगैर किसी सबूत और आधार के सरकार कर रही है कार्रवाई:पोर्टल के पत्रकारों और कर्मचारियों का बयान

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नई दिल्ली। मोदी सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक आदेश से जम्मू-कश्मीर के जाने-माने समाचार पोर्टल ‘द कश्मीरवाला डॉट कॉम-thekashmirwalla.com’ की वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल को शनिवार, 19 अगस्त, 2023 को ब्लॉक कर दिया गया। श्रीनगर स्थित द कश्मीरवाला भय एवं पक्षपात के बिना पिछले 12 वर्षों से जम्मू और कश्मीर में घटित रोजमर्रा की घटनाओं और राजनीतिक घटनाक्रम को प्रकाशित करता रहा है।

द कश्मीरवाला वेबसाइट के पत्रकारों और कर्मचारियों ने एक बयान जारी कर कहा कि “पिछले 18 महीनों से हम लोग भयावह दु:स्वप्न के दौर में जी रहे हैं। हमारे संस्थापक संपादक फहद शाह को गिरफ्तार करने और जेल में डालने और रिपोर्टर्स और अन्य स्टाफ के उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयों ने घाटी में पत्रकारिता के असुविधाजनक वातावरण बना दिया है।”

कश्मीरवाला वेबसाइट को ब्लॉक करने की घटना के बाद पोर्टल के पत्रकारों और कर्मचारियों ने एक जारी बयान में कहा कि, “शनिवार, 19 अगस्त को जब हम सुबह उठते हैं तो देखते हैं कि वेबसाइट और उसका सोशल मीडिया हैंडल ब्लॉक हो गया है। जब हमने अपने सर्वर प्रोवाइडर से बात किया तो उसने बताया कि आईटी एक्ट-2020 के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आदेश से वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया गया है।”

बयान में कहा गया कि कश्मीरवाला के फेसबुक पेज को बंद कर दिया गया है। पेज के करीब पांच लाख फालोअर्स थे। एक्स हैंडल (पूर्व में ट्विटर हैंडल) को कानूनी सवाल उठाकर बंद कर दिया गया है। यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई जब मकान मालिक द्वारा बेदखली का नोटिस दिए जाने के बाद कश्मीरवाला के कर्मचारी श्रीनगर में अपना कार्यालय खाली करने की प्रक्रिया में थे।

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाकर पूर्ववर्ती राज्य की विशेष स्थिति को रद्द करने के बाद से घाटी में कुछ स्वतंत्र मीडिया संस्थानों में से एक, द कश्मीरवाला की वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल को ब्लॉक करने के बाद से पत्रकारों और कर्मचारियों में भारी निराशा है। समाचार पोर्टल के कर्मचारियों ने कहा कि वे शनिवार शाम से वेबसाइट पर लेख अपलोड नहीं कर पाए हैं।

पोर्टल के संस्थापक संपादक, फहद शाह और रिपोर्टर सज्जाद गुल 2022 की शुरुआत से गिरफ्तार हैं। शाह पर “आतंकवाद का महिमामंडन करने, फर्जी खबरें फैलाने और हिंसा भड़काने” का आरोप लगाया गया है।

कश्मीर वाला उन कुछ मीडिया संस्थानों में से एक है, जिन्होंने 2019 में विशेष दर्जा खत्म होने के बाद सत्ता के सामने सच बोला, असहमति पर सरकार की कार्रवाई और कथित अधिकारों के उल्लंघन पर लिखा।

द कश्मीर वाला के अंतरिम संपादक यशराज शर्मा ने रविवार को एक बयान पोस्ट कर कहा कि समाचार पोर्टल की वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल को ब्लॉक कर दिया गया है। उन्होंने ट्वीट किया, “जब हमने यह पूछने के लिए द कश्मीर वाला के सर्वर प्रदाता से संपर्क किया कि वेबसाइट खुल क्यों नहीं रही है, तो उन्होंने हमें सूचित किया कि हमारी वेबसाइट को आईटी अधिनियम, 2000 के तहत एमईआईटीवाई द्वारा भारत में ब्लॉक कर दिया गया है।”

संपादक शाह की “हिरासत के लिए आधार” देने वाले चार पन्नों के एक डोजियर में “राष्ट्र-विरोधी”, “भारत-विरोधी” और “आईएसआई/अलगाववादी प्रचार” फैलाने वाले “भड़काने वाले” जैसे अपमानजनक लेबल का इस्तेमाल किया गया था, जो “नफरत” से भरा हुआ है। लेकिन इन आरोपों के समर्थन में कोई ठोस उदाहरण नहीं दिया गया है। कश्मीर वाला ने कहा कि यह “उनकी घूमती हुई गिरफ्तारी की गाथा की शुरुआत” और पोर्टल के कर्मचारियों का उत्पीड़न था।

बयान में कहा गया, “उन्हें (शाह को) चार महीने के भीतर पांच बार गिरफ्तार किया गया।” “उनके खिलाफ सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और एक सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं।”

बयान में कहा गया है कि अप्रैल, 2022 में एसआईटी ने श्रीनगर में फहद शाह के घर और कार्यालय में छापा मारा। यह छापा 11 वर्ष पहले लिखे गए एक संपादकीय की जांच के लिए किया गया था। छापे को दौरान हमारे अधिकांश सामान को सीज कर दिया गया। रिपोर्टर्स से कड़ी पूछताझ की गई। दस्तावेजों की जांच-पड़ताल की गई। तब से हमारे अंतरिम संपादक को एसआईटी ने कई बार समन देकर बुलाया। संपादक फहद शाह को उनके घर से 300 किमी दूर कोट भलवाल जेल में बंद किया गया है।

द कश्मीर वाला में प्रशिक्षु पत्रकार के रूप में काम करने वाले सज्जाद गुल सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश की एक जेल में हैं। पत्रकार को पिछले साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था जब उसने श्रीनगर में गोलीबारी में अपने रिश्तेदार के मारे जाने के बाद भारत विरोधी नारे लगाते एक परिवार का वीडियो पोस्ट किया था।

“द कश्मीर वाला की कहानी क्षेत्र में प्रेस की स्वतंत्रता के उत्थान और पतन की कहानी है। पिछले 18 महीनों में, हमने आपके (हमारे पाठकों) अलावा सब कुछ खो दिया है। बयान में कहा गया, “कश्मीर वाला इस बात के लिए बहुत आभारी है कि हमें 12 साल तक लाखों लोगों ने चाव से पढ़ा।”

वेबसाइट को ब्लॉक करने की कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब सरकार ने पत्रकार से जम्मू-कश्मीर बैंक के मुख्य प्रबंधक बने सज्जाद बजाज को “सुरक्षा हितों” के लिए खतरा मानते हुए उनकी सेवाएं समाप्त कर दी हैं। बज़ाज़ आर्थिक मामलों और बैंकिंग पर व्यापक रूप से पढ़े जाने वाले स्तंभकार थे और ग्रेटर कश्मीर दैनिक के लिए लिखते थे।

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