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*आधारभूत चिंतन : धर्म और दर्शन*

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      ~ कुमार चैतन्य

   एक स्कूटी है। आयरन और कार्बन फ्रेम की बनी है। इसमे फोर स्ट्रोक इंजन है, जिसमे पेट्रोल डालने पर संपीड़न और उतमोचन की प्रक्रिया होती है जिससे पिस्टन घूमता है। पिस्टन चक्के को चलाता है। इसके आयरन फ्रेम के ऊपर लगी गद्दी में व्यक्ति बैठता है और हैंडल के माध्यम से दिशा निर्धारित करता है। 

    बैठे हुए व्यक्ति को संतुलन का ज्ञान होना अनिवार्य है। वह दिन में स्कूटी को चलाये, परन्तु रात में चलाए तो हेडलाइट अवश्य ही जला ले। 

यह दर्शन है। 

   स्कूटी एक विलक्षण देवी है। इसके अंदर ऐसी शक्ति है कि तुम उस पर बैठकर जहां चाहो जा सकते हो। प्रतिदिन स्कूटी की सफाई करो, उसका पूजन करो।

    इसके किए मिस्त्री को बुलाकर उसकी ट्यूनिग कराओ और उसे दान दो। स्कूटी की आलोचना करने पर एक्सीडेंट हो जाएगा, और तुम मर जाओगे। 

यह धर्म है।

    इसे, उसी मिस्त्री ने दर्शन पढ़कर जारी किया है कहता है कि यही तो हमारे ग्रन्थों में लिखा है।

धर्म मे बदलाव सम्भव नही। मारपीट हो जाएगी। दर्शन का अपग्रेड सम्भव है। जैसे कि यह स्कूटी पेट्रोल वाली नही है। यह तो बैटरी से चलने वाली स्कूटी है। 

लो भईया। अब नए सिरे से दर्शन लिखो। 

बैटरी, चार्जिंग, एसी, डीसी, बैटरी का पानी, उसका टाइमली रिप्लेसमेंट, वगैरह वगैरह। बाकी संतुलन, हेडलाइट वाली बात पुरानी रहेगी। 

     कुछ मिस्त्री, जो पेट्रोल वाली स्कूटी देवी का प्रवचन करते थे , वो अब बदलने को तैयार नही। उनका पूरा धंधा इंजन वाली स्कूटी से चलता है। परन्तु कुछ ओशो और जग्गी टाइप बाबा अपडेट कर जाते है। वो बिजली वाली स्कूटी को भी धर्म का हिस्सा मानने को तैयार हैं। असल मे उनका धंधा उस पर आधारित है। 

धर्म दर्शन से पैदा होता है। दर्शन अपडेट होता रहता है। उसे धर्म बनाकर फ़ायदा कराने वाले उसके किसी पुराने वर्जन पर टिके रहते हैं। 

     इससे सम्प्रदाय बन जाते है। पेट्रोल वाली स्कूटी देवी का सम्प्रदाय और बिजली वाली स्कूटी देवी का सम्प्रदाय वैसे ही है जैसे शिया या सुन्नी, हीनयान या महायान आदि.

    ये आपस मे लड़ते हैं। मगर फिर सामने कार देव के धर्मावलंबी आ जाते है। दोनो मिलकर उनसे लड़ते हैं। 

उधर कार धर्म वाले डीजल कार और पेट्रोल कार के विषय पर आपस मे लड़ रहे हैं। सिडान और एसयूवी सेक्ट वालों में मतभेद है। दंगा वंगा हो जाता है। 

    इतने में पॉलिटिशियन आता है। कहता है हमको वोट करो। हम सारे स्कूटी वालो को सड़कों से हटा देंगे। सारे डीजल पेट्रोल, सिडान, एसयुवी गर्व से कहो हम कार-वान हैं। हम कार वाले सड़को पर राज करेंगे। 

     इसमे गजब ये कि फटीचर नैनो वाले अपने को एसयूवी के बराबर समझने का सपना पालने लगते है। स्कूटी वालो से सबसे ज्यादा मारपीट वही करते हैं।

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