दिल्ली-एनसीआर, यूपी, बिहार और उत्तराखंड सहित उत्तर भारत में तेज भूकंप आया है। शुरुआती जानकारी के अनुसार भूकंप के झटके करीब 20 सेकेंड तक महसूस किये गये। भूकंप का केंद्र नेपाल बताया जा रहा है। भूकंप के तेज झटकों के कारण लोगों में हड़कंप मच गया। लोग घरों से बाहर निकल आए। लोगों का कहना है कि उन्होंने काफी देर तक झटके महसूस किए। रिक्टर पैमान पर भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई है।
पश्चिमी नेपाल में शुक्रवार रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप के तेज झटके के कारण कई घर गिर गए हैं। भूकंप से अब तक 48 लोगों की मौत हुई है और दर्जनों घायल हुए हैं। स्थानीय अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि भूकंप के कारण रुकुम पश्चिम में 28 और जाजरकोट में 20 लोगों की मौत हुई है।
Earthquake of Magnitude:6.4, Occurred on 03-11-2023, 23:32:54 IST, Lat: 28.84 & Long: 82.19, Depth: 10 Km ,Location: Nepal, for more information Download the BhooKamp App https://t.co/SSou5Hs0eO@ndmaindia @Indiametdept @Dr_Mishra1966 @Ravi_MoES @KirenRijiju @PMOIndia pic.twitter.com/XBXjcT29WX
40 सेकंड तक लगे झटके
नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप मापन केंद्र के अधिकारियों के अनुसार, रात 11.47 बजे भूकंप आया, जिसका केंद्र जाजरकोट में जमीन के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप का असर भारत और चीन में भी महसूस किया गया। भारत में भी करीब 40 सेकंड तक झटके महसूस किए गए।
काठमांडू में सड़कों पर डरे सहमे दिखे लोग
वहीं, नेपाल की राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया। जाजरकोट काठमांडू से लगभग 500 किलोमीटर पश्चिम में है। भूकंप का झटका महसूस होते ही काठमांडू में लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। इस दौरान लोग सड़कों पर डरे सहमे दिखे।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने भूकंप के कारण जान-माल के नुकसान का पर दुख व्यक्त किया है। नेपाल के पीएमओ ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने शुक्रवार रात 11.47 बजे जाजरकोट के रामीडांडा में आए भूकंप से हुई मानवीय और घरों की क्षति पर गहरा दुख व्यक्त किया है। घायलों के तत्काल बचाव और राहत के लिए सभी तीन सुरक्षा एजेंसियों को लगाया है।
2015 में आया था 7.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप
बता दें, हिमालयी देश नेपाल में भूकंप आना आम बात है। वर्ष 2015 में 7.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने पूरे देश का हिलाकर रख दिया था, जिसमें 12,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और हजारों घर ध्वस्त हो गए थे।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता और क्या है मापने का पैमाना?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।