भोपाल. यूपी का हरदोई जिला सूबे के प्रशासनिक हलके में इन दिनों चर्चा के केंद्र में है। यह महज इत्तेफाक है कि भोपाल और इंदौर की बागडोर इसी जिले के दो युवा आइएएस अफसरों के हाथ में है। इंदौर के नवनियुक्त कलेक्टर आशीष सिंह और भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह में एक साम्यता और है। कौशलेंद्र भले ही आशीष से दो साल उम्र में बड़े हैं। लेकिन दोनों ही अधिकारी 2010 बैच के आइएएस हैं। ग्रामीण पृष्ठभूमि में पले-बढ़े दोनों ही अधिकारियों की प्राइमरी एजूकेशन गांव की सरकारी पाठशाला में हुई है। दोनों ने ही अपने-अपने पिता की प्रेरणा से प्रशासनिक सेवाओं में जाने का निर्णय लिया। आशीष और कौशलेंद्र के गांव की दूरी 48 किमी है।
शिक्षक पिता से मिली प्रेरणा
आशीष सिंह का जन्म हरदोई की संडीला तहसील के खेरवा गांव में हुआ था। इनके पिता शिक्षक थे। उन्होंने ही आशीष सिंह को प्रशासनिक सेवाओं में जाने के लिए प्रेरित किया। कानपुर की सीएसजेएम यूनीवसिर्टी से बीए के उपरांत प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी की और आइएएस बने। उनकी पहली पोस्टिंग मप्र के कटनी में अपर कलेक्टर के रूप में मिली थी। आशीष सिंह ‘कौन बनेगा करोड़पतिÓ की हॉट सीट पर एक्टर अमिताभ बच्चन के सामने भी बैठ चुके हैं। तब इन्होंने कर्मवीर एपिसोड में 12.५० लाख रुपए जीते थे। इंदौर शहर में सफाई को लेकर भी उनके कार्य की प्रशंसा की जाती है। इनके कार्यकाल में इंदौर ने स्वच्छता में नंबर वन की हैट्रिक लगाई।
साधारण परिवार की पृष्ठभूमि
कौशलेंद्र विक्रम सिंह हरदोई के सुरसा ब्लॉक के महेशपुर गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता बिंद्रा सिंह सिंचाई विभाग में नलकूप चालक रहे हैं। कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने गांव के ही सरकारी स्कूल में हिन्दी माध्यम से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की। इसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया और प्रशासनिक सेवाओं में आए। मप्र में दिव्यांगों को राशन देने के लिए मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना की शुरुआत करने का श्रेय कौशलेंद्र को जाता है। इसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया था।