-सुसंस्कृति परिहार
बंगाल की एक तेज तर्रार युवा कांग्रेस और वामदलों के बीच से निकली तृणमूल कांग्रेस की जनक ममता दीदी का लगता है ‘इंडिया’ गठबंधन से मोह भंग हो गया ही समझिए क्योंकि उनके जिस बयान का सर्वाधिक ज़िक्र हो रहा है वह है कि वे कह रही हैं राहुल गांधी बंगाल सिर्फ फोटो खिंचवाने आए हैं हिम्मत हो बनारस या इलाहाबाद जाकर दिखाएं।ये हताशा दो बातें स्पष्ट करती है एक तो वे बंगाल में कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में उपजे उल्लास और उत्साह से लोगों की बड़ी भीड़ की मौजूदगी से आपा खो चुकी हैं चूंकि मूलत:ये यात्रा मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से ग़ुजरी है जो तृणमूल की नहीं पुरानी कांग्रेस की वोट है।दूसरा कारण ममता ने राममंदिर उद्घाटन के बाद ये समझ लिया है कि मोदी की पुनर्वापसी होने जा रही है इसलिए सत्ता बचानी है तो मोदी को माई बाप कहना ही होगा।उनकी भी शर्त यही है कि वे इंडिया गठबंधन से दूर रहें यानि मोदी ममता के मन को भा गया है कितना कठिन दौर है पहले इंडिया गठबंधन के संयोजक नीतीश कुमार को ईडी की लाल डायरी दबोच लेती है। अब इंडिया गठबंधन नाम देने वाली ममता जो अपनी ओजस्विता के लिए जानी जाती रहीं वे अपने सत्ता के क्षुद्र स्वार्थों के वशीभूत हो देश विरोधी धारा के साथ बहने मज़बूर नज़र आ रही हैं
इसे शायद बंगाल की प्रबुद्ध जनता माफ़ नहीं कर पाएगी। मुस्लिम समुदाय की नाराज़गी भी व्यापक स्तर पर दिखाई दे रही है।जिस तरह बिहार और उसके पुराने हिस्से झारखंड में भाजपाई करतूतों के ख़िलाफ़ जनमानस एकत्रित हो रहा है उम्मीद है बंगाल भी भाजपा के साथ ममता के बदलते तेवरों से नाखुश होगा और तृणमूल के अंदर से बगावत के स्वर फूटेंगे। बिहार, झारखंड का असर बंगाल तक जाएगा। धोखेबाज नेताओं को नागरिक अब पहचानने लगे हैं हमेशा अपनी ढपली अपना राग नहीं चलता। मध्यप्रदेश और राजस्थान में सत्ता लोलुपता ने शिवराज , वसुंधरा, ज्योतिरादित्य को कहीं का नहीं छोड़ा है।
अब लगता तो ऐसा है कि आमचुनाव आते आते तमाम छत्रपों के दल कमल के दल-दल में फंसकर बिखर जाएंगे तब सिर्फ जुझारू और संघर्ष शील इकलौती पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ही अपना परचम लहराएगी।जो भारत से नफ़रत हटाने मोहब्बत का पैगाम पहुंचाने अडिग है। लोकतांत्रिक गणराज्य में बढ़ते अन्याय और संविधान विरोधी कृत्यों के ख़िलाफ़ न्याय यात्रा एक पक्के योद्धा के रूप में जारी रखें हैं जिसे देश वासियों का अपार प्यार मिल रहा है।
आइए संघर्ष का रास्ता चुनें सत्य परेशान हो सकता है परास्त नहीं।न्यायोद्धा बनें भारत जोड़ें। सत्ता महां गठनी ये जान लें। जनहित का साथ दें।