महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक शरद पवार की उम्र को लेकर कटाक्ष किया। उन्होंने उनकी उम्र का जिक्र किया और अपने समर्थकों से कहा कि वे उनकी बात को उसी तरह सुनें, जैसे वे पहले किसी वरिष्ठ की बात सुनते थे। वहीं, शरद पवार गुट ने भी पलटवार किया। उन्होंने उप मुख्यमंत्री की टिप्पणियों को अमानवीय करार दिया और उन पर पार्टी के संस्थापक की मौत की दुआ करने का आरोप लगाया।
अजित पवार पिछले साल जुलाई में शरद पवार की राकांपा से अलग हो गए थे। वह और उनके आठ विधायक एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। तब से वह लगातार अपनी बगावत को सही ठहराते रहे हैं और शरद पवार की उम्र की ओर इशारा करते हुए कहते रहे हैं कि बुजुर्गों को अगली पीढ़ी के लिए रास्ता देना चाहिए।
उप मुख्यमंत्री ने क्या बयान दिया
उन्होंने शरद पवार (83 वर्षीय) का नाम लिए बिना उन पर निशना साधा। उप मुख्यमंत्री ने कहा, मुझे नहीं पता कि कुछ लोग कब रुकने वाले हैं। यह एक भावुक अपील होगी कि यह उनका आखिरी चुनाव होगा। पता नहीं आखिरी चुनाव कौन सा होगा। वह पुणे जिले के बारामती में एक सभा में बोल रहे थे।
शरद पवार गुट ने किया पलटवार
वहीं, शरद पवार गुट के विधायक जितेंद्र अव्हाड ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री ने अपनी टिप्पणी से सारी हदें पार कर दीं हैं। उन्होंने कहा, “अजित पवार को अपने अमानवीय बयान पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कथित तौर पर शरद पवार की मौत के लिए दुआ की है। महाराष्ट्र को पता है कि अजित पवार किस तरह के व्यक्ति हैं।” अव्हाड ने कहा कि महाराष्ट्र के लिए शरद पवार का योगदान हमेशा बना रहेगा। शरद पवार 1960 के दशक से ऐसे नेता हैं, जिन्हें विधानसभा और लोकसभा चुनावों में हार का सामना नहीं करना पड़ा है। वह अभी राज्यसभा सदस्य हैं।
अजित ने आम चुनाव की योजना पर कही ये बात
उप मुख्यमंत्री ने सभा में अपने गुट की आगामी लोकसभा चुनाव की योजना के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, आपने इतने वर्षों तक एक वरिष्ठ (शरद पवार) की बात सुनी। अब मेरी बात सुनिए और उन लोकसभा उम्मीदवार को वोट दीजिए, जिन्हें मैं मैदान में उतारने जा रहा हूं। (जब आप वोट देंगे) तो मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कह सकता हूं कि लोगों ने मेरे उम्मीदवार को वोट दिया है। यह मत भूलिए कि जब आप मुसीबत में थे, तो कौन मदद के लिए आया था। बारामती विधायक ने सभा में यह भी कहा कि अगर आप अच्छा काम करना चाहते हैं, तो आपको कुछ आलोचना भी स्वीकार करनी चाहिए।