ई दिल्ली। जगदलपुर की एनआइए स्पेशल कोर्ट ने तहकवाडा उग्रवादी हमले के मामले में फ़ैसला सुनाते हुए चार लोगों को कठोर आजीवन कारावास की सजा दिया। छत्तीसगढ़ के टेकवाडा में CPI माओवादी के उग्रवादियों ने घात लगाकर सुरक्षा बलों की बस पर हमला किया था।
सुरक्षा बलों पर हमले के मामले में ये जाँच में एनआइए ने CPI माओवादी के कई सदस्यों को गिरफ़्तार किया था। इनमें से चार मुख्य आरोपी बनाए गए थे। यह महादेव नाग, कवासी जागा, दयाराम बघेल और मनीराम मडिया मडिया ने इस पूरे हमले की साज़िश की रणनीति बनायी, इसे अंजाम दिया था। ये चारों दोषी छत्तीसगढ़ के बस्तर और सुकमा ज़िले के रहने वाले हैं।
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी को जाँच में पता चला है कि ये चारों उन्होंने प्रतिबंधित CPI माओवादी संगठन से जुड़े हैं। ये समय समय पर अपने आकाओं से निर्देश लेकर छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में लोगों को भड़काने का काम कर रहे थे। साथ ही सुरक्षा बलों के ख़िलाफ़ घात लगाकर हमला करते थे।
मालूम हो कि मार्च 2014 में सुकमा में हुए नक्सलवादी हमले में CRPF के 11 जवान और राज्य पुलिस के चार जवान शहीद हो गए थे। जबकि इस हमले में एक आम नागरिक की भी मौत हो गई थी। इस हमले को क़रीब 100 हथियारबंद नक्सलवादियों ने सुकमा ज़िले के तोंगपाल पुलिस स्टेशन से कुछ दूर पर अंजाम दिया था । नक्सलवादियों को यह जानकारी थी कि CRPF और राज्य पुलिस की सड़क खोलने के लिए जाने वाली टुकड़ी इस रास्ते से जाने वाली है। जिसके बाद घात लगाकर नक्सलवादियों ने CRPF और पुलिस के जवानों पर हमला कर दिया था।
एनआइए को जाँच में ये भी पता चला है कि चारों दोषियों ने जन मिलिशिया और स्थानीय गाँव वालों के साथ संगम सदस्यों को CRPF के पर जवानों पर हमला करने के लिए उकसाया था।
चारों सजा पाए सीपीआई माओवादी के सदस्यों ने सौ नक्सलवादियों की अगुवाई की थी। इन्हीं चारों ने फ़ायरिंग की और आईडी से ब्लास्ट किया था। इस हमले में नक्सलवादियों ने इन नासेर पर सुरक्षा बल के जवानों को मारा बल्कि उनके हथियार भी लूट लिए थे।