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अनिल भक्कड़ की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद राजस्थान में राज्यसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ी

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एस पी मित्तल, अजमेर

राज्यसभा का सांसद बनने के लिए राजस्थान में ताल ठोक रहे मार्बल कारोबारी अनिल भक्कड़ ने 25 मई को जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की। अब तक भक्कड़ की उम्मीदवारी को बहुत कमजोर माना जा रहा था, लेकिन मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद भक्कड़ की उम्मीदवारी में गंभीरता आ गई है। मुलाकात के बाद भक्कड़ ने कहा कि अशोक गहलोत से उनकी पुरानी मित्रता है। इस मित्रता के कारण ही वे गहलोत से मिले। मुलाकात में सीएम गहलोत ने भक्कड़ से उन विधायकों की जानकारी ली, जिन से समर्थन का भरोसा मिला है। भक्कड़ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल करेंगे। भक्कड़ ने गहलोत के समक्ष प्रस्ताव रखा है कि तीसरे उम्मीदवार के तौर पर उन्हें समर्थन दिया जाए। कांग्रेस को अपने दो उम्मीदवारों की जीत के लिए 82 वोट चाहिए। कांग्रेस प्रथम वरीयता के 82 वोट लेकर शेष वोट उन्हें दिलवा दे। भक्कड़ ने सीएम के समक्ष दावा किया है 13 निर्दलीय, 6 बसपा वाले तथा छोटी पार्टियों के विधायकों को वे मैनेज कर लेंगे। भक्कड़ का दावा है कि सीएम गहलोत ने उनके प्रस्ताव पर विचार करने का भरोसा दिलाया है। भक्कड़ ने एक बार फिर दावा किया है कि वे राजस्थान से चौथे उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल करेंगे। भक्कड़ की इस मुलाकात के बाद राजस्थान में राज्यसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई है। ये वो ही अनिल भक्कड़ हैं जिन की चर्चा 23 मई को 11 निर्दलीय विधायकों के साथ सीएम गहलोत से मुलाकात में हुई थी। कई विधायकों ने सीएम को बताया था कि अनिल भक्कड़ उनसे वोट मांग रहा है, तब भी भक्कड़ के प्रति सीएम गहलोत की सकारात्मक प्रतिक्रिया थी।

कांग्रेस का व्हिप बसपा पर लागू नहीं:

राज्यसभा चुनाव के अवसर पर हर राजनीतिक दल  अपने अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी करता है। व्हीप के जारी होने के बाद पार्टी के विधायक को पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार को वोट देना अनिवार्य होता है। यदि कोई विधायक पार्टी व्हिप का उल्लंघन करता है तो उसके विधायिकी खतरे में पड़ जाती है। विधायक ने अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार को वोट दिया है, इसके लिए मतदान के दौरान मतपत्र को पार्टी के एजेंट को दिखाना होता है। जानकारों की मानें तो कांग्रेस का व्हिप बसपा के 6 विधायकों पर लागू नहीं होगा। भले ही ये सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हो, लेकिन इनकी सदस्यता का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में माना जा रहा कि बसपा के जो छह विधायक कांग्रेस में शामिल हुए थे, वे राज्यसभा चुनाव के दौरान अपना वोट देने के लिए स्वतंत्र हैं। यह विधायक हैं राजेंद्र सिंह गुढा (सैनिक कल्याण मंत्री), लखन सिंह, दीपचंद खेडिय़ा, जोगेंद्र सिंह अबाना, संदीप कुमार यादव और वाजिब अली। बसपा से आए इन विधायकों की वजह से भी कांग्रेस में चिंता की स्थिति है। हालांकि सीएम गहलोत को भरोसा है कि बसपा वाले विधायक कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार को ही वोट देंगे। कांग्रेस इन छह विधायकों के साथ ही अपने विधायकों की संख्या 108 मान रही है। कांग्रेस को सभी 13 निर्दलीय विधायकों के वोट भी मिलने की उम्मीद है। इसी प्रकार कम्युनिस्ट और बीटीपी के दो दो विधायक भी कांग्रेस के पक्ष में बताए जा रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के पास 125 विधायकों का जुगाड़ है, जबकि तीन उम्मीदवार जीतने के लिए कांग्रेस को 123 वोट चाहिए। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस के पास तीनों उम्मीदवारों को जिताने का जुगाड़ है। लेकिन इस बीच मार्बल कारोबारी अनिल भक्कड़ की गतिविधियों से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही चिंतित बताए जा रहे हैं। 

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