डॉ. प्रिया
पुरूष प्रधान समाज में लोगों की सोच रही है कि आदमी खुद को श्रेष्ठ समझते है और महिलाओं से बेहतर मानते है। मगर इसी समाज में एक बड़ी तादाद ऐसी महिलाओं की भी है, जो व्यवहार से नार्सिसिस्ट होती है। वे हर दम दिखावे, खुद को बेहतर पेश करने और सबके ध्यान को अपनी ओर खींचने का प्रयत्न लगातार जारी रखती है। उनके इस व्यवहार से जहां आसपास का माहौल टॉक्सिक होने लगता है। कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पुले एट अल की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधि महामारी विज्ञान सर्वेक्षण का उपयोग किया गया। इसमें पाया गया कि नार्सिसिस्टिक पीडी यानि नार्सिसिस्ट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के मामले जहां पुरूषों में 7.7 फीसदी पाए जाते हैं, वहीं 49.8 फीसदी महिलाएं इससे ग्रस्त हैं.
*क्या है नार्सिसिस्ट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर?*
स्पेशल ट्रीटमेंट की चाहत रखने वाले लोग नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर का शिकार होते हैं। इनकी पहचान व्यवहार, अहंकार के स्तर, प्रशंसा की निरंतर आवश्यकता और सहानुभूति की कमी से की जाती है। मानसिक, भावनात्मक और अनुवांशिक इसके कई कारण हो सकते हैं।
ऐसी महिलाएं अपनी सफलता, अधिकार, ईर्ष्या और दूसरों की कमियों पर फोकस करती हैं। एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे लोगों के साथ जीने के लिए निरंतर चिकित्सा, आत्म चिंतन और रणनीतियों की आवश्यकता होती है।
*1. कंट्रोलिंग व्यवहार :*
चाहे घर हो या ऑफिस ऐसी महिलाएं खुद को हर जगह क्वीन की तरह समझती है। उनके अनुसार अन्य लोगों को उनके मुताबिक चलना चाहिए। वे किसी की बात को तवज्जो नहीं देती हैं, उनकी नज़र में वे ही सवोत्तम होती है। अन्य लोगों को और पूरी सिचुएशन को नियंत्रित करके रखना उन्हें बेहद पसंद होता है।
*2. मैनिपुलेटिव व्यवहार :*
ऐसी महिलाओं के साथ डील करना बेहद मुश्किल होता है। वो खुद को सच्चा और नेक साबित करने के लिए अपनी बातों को तोड़ मरोड़कर पेश करती है, जिससे अन्य लोगों को नीचा दिखाया जा सके। दूसरों की निंदा और चुगली करना उन्हें पसंद होता है। वो हर बाज़ी को अपनी मुट्ठी में करके रखना चाहती हैं।
*3. दूसरों की तकलीफ मायने नहीं रखती :*
किसी अन्य व्यक्ति के संकट से उनका कोई सरोकार नहीं होता है। उनकी दुनिया खुद तक ही सीमित होती है। ऐसा महिलाएं अपनी परेशानियां और तकलीफों को बढ़ा चढ़ाकर अन्य लोगों को बताने में विश्वास रखती है। वहीं दूसरों को तकलीफ में मदद करना उन्हें पसंद नहीं होता है। वो व्यवहार से बेहद रूड होती हैं।
*4. अपने लुक्स को लेकर ओबसेस्ड :*
ऐसी महिलाओं की चाहती होती है कि भीड़ में भी उन्हें नोटिस किया जाना चाहिए। वो खुद को सर्वश्रेष्ठ और योग्य मानती है। दूसरों में कमियां खोजना उनकी आदत होती है और उन्हें नीचा दिखाने के लिए हर वक्त तैयार रहती है। वो अपने सामने ऑफिस या फिर घर में किसी और औरत को मिलने वाले कॉम्प्लीमेंट को सहन नहीं कर पाती हैं।
*5. मैं ही सही हूं :*
इनका मानना है कि ये हमेशा सही होती है। अगर अन्य लोगों के विचार उनसे नहीं मिल रहे हैं, तो अन्य गलत हो सकते हैं। पर वो हर जगह खुद को ही सही बताती हैं। इसके अलावा इनका ऐसा मानना होता है कि इन्हें हर चीज़ का बखूबी ज्ञान है, जिसके कारण ये आमतौर पर लोगों में हास्य का विषय भी बन जाती हैं।
*6. दूसरों की इंसल्ट करना :*
कई बार दूसरों की बात को सुनना जीवन में सफलता के मार्ग भी खोल सकता है। मगर ऐसी महिलाओं का विचार होता है कि किस प्रकार से परिवार के अन्य महिला सदस्यों को नीचा दिखाया जा सके। ताकि अन्य लोग उनकी प्रंशसा न कर सके। इससे उनके मन को सुकून और खुशी प्राप्त होती है।
*7. अन्य लोगों को इल्ज़ाम देना :*
अपनी गलती को मानने की जगह अन्य लोगों को कटघरे में खड़ा करने में नहीं हिचकती है। उनके अनुसार वे सर्वश्रेष्ठ है और अन्य लोग गलतियां कर रहे हैं। दूसरों की हमदर्दी पाने के लिए खुद को बेचारी दिखाने लगती हैं। हर स्थिति में खुद को विक्टिम बनाकर दूसरों को ओरापी करार देने लगती हैं।
*8. टीम या परिवार के सदस्यों को एक साथ देखना पसंद नहीं :*
ऐसी महिलाएं हर वक्त लोगों को बांटने में विश्वास करती है। वो लोगों को मिलजुलकर रहता देख पेरशान हो जाती है। इन्हें कलह और ड्रामा करना खूब पसंद होता है ताकि लोग मिलकर कोई कार्य न कर सके। अपनी जगह को बनाए रखने के लिए अन्य लोगों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काने का काम करती हैं।
*9. लोगों का इस्तेमाल करने में माहिर :*
काम के लिए अन्य लोगों से मेलजोल बढ़ा लेती है और काम पूरा होने के बाद उन्हें छोड़कर आगे बढ़ जाती है। ऐसी महिलाओं की रिलेशनशिप कभी हेल्दी नहीं रहती है। ये अन्य लोगों को छोड़कर आगे बढ़ने में विश्वास रखती है। नार्सिसिस्ट महिलाएं अन्य लोगों के भेरोसे को तोड़ देती हैं ।
*10. खुश नहीं रह पातीं :*
सभी आवश्यकताओं की पूर्ति होने के बावजूद भी इनके मन में हर पल जलन, ईर्ष्या और दूसरों को नीचा दिखाने की चाहत बनी रहती है। ऐसा व्यवहार इन्हें अन्य लोगो से दूर कर देता है। इनका आर्कषण अन्य लोगों की चीजों पर बना रहता है। दूसरों के जीवन में इंटरफैरेंस करना इन्हें खूब पसंद होता है। मगर अपनी जिंदगी से हर दम निशरा रहती हैं।
नार्सिसस्ट के इलाज के लिए इन टिप्स को अपनाएं :
इसके लिए कॉग्नीटिव बिहेवियरल थेरेपी की मदद ली जाती है ताकि उस व्यक्ति के विचारों और व्यवहार को समझने में मदद मिल सके।
छोटी छाटी बातों को लेकर बढ़ने वाले तनाव या चिंता जैसे संबंधित लक्षणों के लिए दवाएँ निर्धारित की जाती हैं।
बातचीत के लिए ग्रुप थेरेपी की भी मदद ली जाती है, ताकि अपनी प्रतिक्रिया देने का मौका दिया जा सके और रिश्ते में सुधार आ पाएं।
पसंदीदा एक्टीविटीज़ को करने में समय बिताएं और खाली बैठने व नकारात्मक सोच से दूरी बनाकर रखें। इससे व्यवहार में बदलाव आने लगता है।
मेडिटेशन और योग की मदद लें। ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ में न्यूरॉंस एक्टिव होते है, जिससे ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ता है और ब्रेन सेलस बूस्ट होने लगते हैं।
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