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पुलिस विभाग में फैले जबरदस्त भ्रष्टाचार की बात स्वीकार करने पर अशोक गहलोत की तारीफ करनी चाहिए

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एसपी मित्तल अजमेर

राजस्थान में गृह विभाग की कमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास ही है। इस नाते 30 मार्च को सीएम गहलोत ने प्रदेश भर के रेंज आईजी और जिला पुलिस अधीक्षकों की एक बैठक वर्चुअल तकनीक से ली। इस बैठक में सीएम ने उन सभी बातों को कहा जो पुलिस विभाग के बारे में आम आदमी के विचार है। विभाग में फैले जबरदस्त भ्रष्टाचार को सीएम ने स्वीकार किया। गहलोत ने कहा कि बजरी को लेकर पुलिस की इतनी बदनामी हो रही है कि कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। इससे ज्यादा शर्म की बात और कुछ नहीं हो सकती। डीजीपी कह रहे हैं कि पुलिस के नाके लगे हुए हैं, एसपी, एडिशनल एसपी, सीओ और एसएचओ की जानकारी के बिना यह संभव नहीं है। गहलोत ने इस बात पर अफसोस जताया कि सरकार की रॉयल्टी प्राइवेट लोग वसूल रहे हैं। ऊपर से लेकर नीचे तक पहुंचता है, तभी यह संभव हो सकता है। इससे ज्यादा शर्म की बात तो मैंने सुनी नहीं। भगवान ने आपको इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है और उसमें हम क्या कर रहे हैं। जनता घरों में बैठी क्या सोच रही होगी? गांव के अंदर हमारे बारे में क्या बातें करते होंगे? बैठक में डीजीपी एमएल लाठर ने भी माना कि पुलिस की मिली भगत के बिना संगठित अपराध हो ही नहीं सकता। खनन वाले क्षेत्रों में प्राइवेट नाके लगाकर वसूली चल रही है।

यूपी की तरह एनकाउंटर की जरूरत नहीं:
रेंज आईजी और पुलिस अधीक्षकों से सीएम गहलोत ने कहा कि हमें यूपी की तरह लोगों का एनकाउंटर नहीं करना है। यदि आप सक्षम होंगे तो पुलिस का इकबाल कायम रहेगा। एसपी ने आदेश निकाले और चौकी वाला या थानेदार आदेश की परवाह नहीं करे तो फिर आम काहे के एसपी हैं। आपके मतहत तभी सम्मान करेंगे जब आपका नैतिक बल बड़ा होगा। वरना थाने में बैठकर थानेदार आपकी बुराई करते रहेंगे। सीएम ने आईपीएस अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि राजनेता हो या अफसर। जिस घर में दो नंबर का पैसा आता है, वहां बच्चों को मैंने बिगड़ते हुए देखा है। उनके बच्चे शराबखोरी या फिर गलत कामों में लग जाते हैं। माता पिता को तो माथा पकड़ कर बैठना पड़ता है।

कई आईपीएस निशाने पर:
बैठक में कई आईपीएस अधिकारी मुख्यमंत्री के निशाने पर रहे। कोटा रेंज के आईजी रविदत्त गौड़ जब अपराध नियंत्रण पर प्रेजेंटेशन दे रहे थे, तब सीएम ने टोकते हुए कहा कि आप तो रेंज आईजी हो, सब कुछ टिप्पस पर होना चाहिए। लेकिन आप तो पूरी रामायण पढ़कर बता रहे हो। सीएम ने भरतपुर रेंज के आईजी प्रसन्न कुमार खेमसरा से पूछा की धौलपुर के बिजली इंजीनियर की पिटाई के मामले में अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? सीएम ने कहा कि हमें किसी से डरने की जरुरत नहीं है। यहां यह उल्लेखनीय है कि पीड़ित इंजीनियर ने कांग्रेस के विधायक गिर्राज मलिंगा पर पिटाई करने का आरोप लगाया है।

घुमरिया ने मनमर्जी के आरोप लगाए:
बैठक में राज्य के कानून व्यवस्था के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हवा घुमरिया ने मातहतों की मनमर्जी का मुद्दा उठाया। बोले यहां पर कोई सिस्टम ही नहीं है। पुलिस का इकबाल खत्म हो रहा है। कोई किसी से भी ऑर्डर ले लेता है। जिसको जो लेकर आता है वह उसी को खुश करने में जुटा रहता है। उसी की सुनता है। क्राइम कंट्रोल पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।

राजनीतिक हस्ताक्षेप बंद हो:
इसमें कोई दो राय नहीं कि सीएम गहलोत ने पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार की बात स्वीकार कर आम व्यक्ति के मन की बात उजागर की है। लेकिन सब जानते हैं कि पुलिस विभाग में राजनीतिक दखल जबरदस्त है। विधायकों और मंत्रियों की सिफारिशों पर थाना अधिकारी से लेकर पुलिस अधीक्षकों तक की नियुक्ति होती है। इस दखल की ओर कानून व्यवस्था के एडीजी घुमरिया ने भी ध्यान आकर्षित किया है। घुमरिया ने माना है कि जो अधिकारी जिसकी सिफारिश से नियुक्त होता है, वह जनता के बजाए संबंधित नेता अथवा अधिकारी को ही खुश करने में लगा रहता है। सीएम गहलोत भी इस सच्चाई को जानते हैं कि विधायकों की सिफारिश से क्षेत्र के डीएसपी और थाना अधिकारियों की नियुक्ति होती है। कई मौकों पर तो देखा गया है कि थानाधिकारी और डीएसपी राजनीतिक दल के एजेंट के तौर पर काम करते हैं। पुलिस में जब तक राजनीतिक दखल होगा, तब तक भ्रष्टाचार बना रहेगा।

भदेल की शाह से मुलाकात:
30 मार्च को दिल्ली में अजमेर दक्षिण क्षेत्र की भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस मुलाकात में भदेल ने राजस्थान की बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में शाह को बताया। भदेल ने कहा कि प्रदेश में आए दिन नाबालिग बच्चियों के साथ रेप हो रहे हैं। रोजाना किसी न किसी स्थान पर हत्याएं हो रही है। कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में राज्य सरकार पूरी तरह विफल है। भदेल ने आग्रह किया कि प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था के बारे में एक रिपोर्ट राज्यपाल से तुरंत मंगाई जाए। भदेल ने दिल्ली प्रवास में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव से भी मुलाकात की।

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