कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर चल रही उठा पटक के बीच एक और बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल इस चुनाव में अध्यक्ष पद की रेस से अशोक गहलोत बाहर हो गए हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद इस बात का ऐलान किया है कि, वो कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे। दरअसल अशोक गहलोत ने दिल्ली में गुरुवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। दो घंटे तक चली इस मुलाकात के बाद अशोक गहलोत ने मीडिया से ये साफ कह दिया कि, 17 अक्टूबर को होने वाले कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लडेंगे।
गहलोत ने कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कहा कि ‘मैंने उनके साथ बैठक में पूरी बात रखी। उन्होंने कहा कि परसों की घटना ने हम सब को हिलाकर रख दिया। पूरे देश में मैसेज गया कि मैं मुख्यमंत्री बना रहना चाहता हूं।’
सोनिया गांधी से मैंने माफी मांगी- अशोक गहलोत
राजस्थान सीएम ने कहा कि, ‘मैंने सोनिया गांधी से माफी मांगी है। मैंने पिछले 50 साल से कांग्रेस के लिए वफादारी के साथ काम किया, मैं सोनियां गाधी के आशीर्वाद से तीसरी बार सीएम बना।’अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘सोनिया गांधी के आशीर्वाद से मैं तीसरी बार राजस्थान का मुख्यमंत्री बना। दो दिन पहले जो घटना हुई उसने मुझे हिला कर रख दिया। मुझे उसका बड़ा दुख हुआ है।
उन्होंने कहा कि, ‘मैं कोच्चि में राहुल गांधी से मिला और उनसे (कांग्रेस अध्यक्ष के लिए) चुनाव लड़ने का अनुरोध किया. जब उन्होंने स्वीकार नहीं किया, तो मैंने कहा कि मैं चुनाव लड़ूंगा लेकिन अब उस घटना (राजस्थान में राजनीतिक संकट) के साथ, मैंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।’
जब अशोक गहलोत से ये पूछा गया कि, क्या आप राजस्थान के सीएम बने रहेंगे तो उन्होंने कहा कि, ‘मैं यह तय नहीं करूंगा, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी यह तय करेंगी।
गहलोत ने कहा कि, एक लाइन का संकल्प प्रस्ताव पारित करना हमारी परंपरा है। दुर्भाग्य से ऐसे हालत बन गए कि, प्रस्ताव पारित नहीं हुआ। यह मेरी नैतिक जिम्मेदारी थी, लेकिन मुख्यमंत्री होने के बावजूद मैं प्रस्ताव पारित नहीं करा सका. मैंने इसके लिए सोनिया गांधी से माफी मांग ली है।