एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मप्र (AIMP) के द्विवार्षिक चुनाव को लेकर तस्वीर साफ होती नजर आ रही है। 15 पदों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर इस बार तीन पैनल के बीच मुकाबला होने की हलचल थी। लेकिन नामांकन भरने की आखिरी तारीख निकल जाने के बाद स्थिति कुछ स्पष्ट हुई है। इस बार 15 पदों के लिए 24 नामांकन ही भरे गए हैं। इसमें भी अधिकांश प्रोग्रेसिव पैनल समर्थित प्रत्याशी ही हैं। इस बार दूसरी पैनल इंडस्ट्रियल पैनल ने अपने प्रत्याशी खड़े नहीं किए जबकि एक अन्य पैनल की चर्चा थी लेकिन वह भी मैदान में नहीं उतरी।
15 पदों के लिए होने वाले चुनाव में प्रदेश के 2 हजार से ज्यादा उद्योगपति मतदान करेंगे। चुनाव 24 सितम्बर को होंगे। 22 अगस्त को नामांकन का आखिरी दिन था और कुल 24 नामांकन भरे गए। 5 सितम्बर को नामांकन वापसी का दिन है जबकि 8 सितम्बर को उम्मीदवारों की अंतिम सूची का प्रकाशन होगा। बहरहाल 24 नामांकन में से अधिकांश नाम प्रोग्रेसिव पैनल समर्थित हैं। पैनल के संयोजक उद्योगपति ओम धूत, हेमंत मेहतानी, विनय कालानी, आलोक दवे और मोहनसिंह रघुवंशी हैं।
अध्यक्ष पद की दौड़ में जैन, देव, मेहता और डफरिया
जिन 24 प्रत्याशियों ने नामांकन भरे हैं उनमें उद्योगपति दिलीप देव, राजेश चौरडिया, मनीष चौधरी, सतीश मित्तल, रीना जैन, अनिल खारिया, अनिल पालीवाल, अमित धाकड़, तरुण व्यास, मधुसूदन भल्लिका, योगेश मेहता, हेमंत बोकडिया, हरीश नागर, प्रमोद जैन, धनजीत पटेल, नवीन धूत, कुलवंतसिंह गांधी, हरीश भाटिया, राजकुमार हरियानी, गिरीश पंजाबी, प्रकाश जैन, दिनेश शर्मा, प्रमोद डफरिया व जेपी नागपाल हैं। इस बार अध्यक्ष पद पर वर्तमान उपाध्यक्ष प्रकाश जैन, वर्तमान उपाध्यक्ष योगेश मेहता, दिलीप देव और प्रमोद डफरिया के नाम चर्चाओं में हैं। यह संभावना बलवती है कि चुनाव निर्विरोध ही होंगे और 22 में से 7 नामांकन वापस ले लिए जाएंगे।
विकास की विचारधारा बनी निर्विरोध का कारण
इस बार निर्विरोध चुनाव की स्थिति के पीछे जो कारण सामने आए हैं उसमें खास कारण वर्तमान में काबिज प्रोग्रेसिव पैनल के संचालक मंडल का है। इस बार कोरोना के कारण चुनाव एक साल बाद देरी से हो रहे हैं। बताया जाता कि तीन सालों में एसोसिएशन ने औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली, सड़क, पानी आदि समस्याओं का समाधान किया। इसके अलावा कोरोना काल में भी काफी काम किए। हाल ही में सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में एसोसिएशन द्वारा खुद के खर्च से 1 करोड़ से ज्यादा की लागत से 200 स्ट्रीट लाइट का प्रोजेक्ट पूरा किया। इसका लोकार्पण महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने किया था। इसके चलते तीसरी पैनल खड़ी ही नहीं हुई जबकि इण्डस्ट्रियल पैनल ने तो प्रत्याशी ही खड़े नहीं किए और सहमति बन गई। सही और अधिकृत स्थिति 5 सितम्बर को स्पष्ट होगी।