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सुशासन के अटल रत्न

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गठबंधन सरकार में 1998 में जब प्रधानमंत्री का पद अटल बिहारी वाजपेयी ने संभाला तो उन्होंने पूर्व में
‘शासन’ से लुप्तप्राय ‘सुशासन’ स्थापित करने का संकल्प लिया। ‘राष्ट्र-प्रथम’ की भावना से राष्ट्रहित और
जनहित में फैसले लेकर संकल्प को सार्थक भी किया। ‘सुशासन’ के पर्याय अटल जी के जन्मदिवस 25 दिसंबर
को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सुशासन दिवस’ के रूप पर मनाने की न सिर्फ घोषणा की बल्कि न्यूनतम सरकार
और अधिकतम शासन के मंत्र को अपनाया। साथ ही, तकनीक के सहारे पारदर्शी शासन, व्यापार और जीने की
सुगमता में बाधक कानूनों को खत्म करके ‘सुशासन’ को दे रहे हैं अटल मजबूती……

‘इंडिया फर्स्ट’ उनके जीवन का ध्येय था। पोखरण देश के लिए जरूरी था तो उन्होंने प्रतिबंधों और आलोचनाओं
की चिंता नहीं की। काल के कपाल पर लिखने और मिटाने की ताकत उनके सीने में थी, क्योंकि वह सीना ‘देश
प्रथम’ के लिए धड़कता था।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह शब्द करोड़ों हृदय में वास करने वाले ‘सुशासन’ के
पर्याय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लिए लिखे थे जिनकी चौथी पुण्यतिथि 16 अगस्त को है। ‘सदैव
अटल’ स्मृति स्थल पर अपने प्रिय व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचने वाला हर व्यक्ति उनके
कार्यकाल में देश को मिली नई टेलीकॉम नीति, तीन नए राज्य, चलो स्कूल चले हम अभियान, अंत्योदय अन्न

योजना और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जैसी जनकेंद्रित योजनाओं के साथ ओजस्वी भाषण के लिए याद
करता है।
नई दिल्ली अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने 16 अगस्त, 2018 को सुबह 5 बजकर 5 मिनट पर अटल
जी के निधन की सूचना दी। भारतवासियों के मन मस्तिष्क में रहने वाले अटल जी की अंतिम यात्रा की
अगुवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैदल ही की थी। जितना सम्मान और जितनी ऊंचाई अटल जी को मिलती
गई, वो उतना अधिक जमीन से जुड़ते गए। ये अटल जी ही थे जिन्होंने कहा, ‘हे प्रभु! मुझे इतनी ऊंचाई कभी
मत देना। गैरों को गले ना लगा सकूं, इतनी रुखाई कभी मत देना।।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं सुशासन किसी भी देश की प्रगति की कुंजी है। सुशासन यानी गुड गवर्नेंस को
मुख्यधारा में लाने के लिए यह देश सदा अटल बिहारी वाजपेयी का आभारी रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी के
शासनकाल में सुशासन को यूं बढ़ाया जा रहा है आगे……
n एक राष्ट्र-एक विधान के लिए जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35ए हटाया, पूर्वोत्तर राज्यों को रेल और
रोड से कनेक्टिविटी दी।
nनदियों को जोड़ने के अटल बिहारी वाजपेयी के विजन वाली परियोजना के पहले केन बेतवा लिंक को बजट के
साथ कैबिनेट ने दी मंजूरी।
nस्वच्छ भारत अभियान, खुले में शौच मुक्त भारत, योग दिवस, फिट इंडिया, हर घर नल से जल योजना में
जनभागीदारी और सभी योजनाओं की डिजिटल मॉनिटरिंग।
nजन केंद्रित योजनाओं के माध्मय से जनधन खाता, उज्ज्वला, पीएम मुद्रा, फसल बीमा योजना, जीवन ज्योति
बीमा योजना, पीएम आवास योजना को शतप्रतिशत पात्र लाभार्थी यानी परिपूर्णता की तरफ ले जाने का लक्ष्य।
nतकनीक के रास्ते स्पेक्ट्रम, निजी एफएम चैनल की ऑनलाइन नीलामी, यूपीआई से लेनदेन में वैश्विक रिकार्ड,
डीबीटी के दायरे में सभी मंत्रालय, ईपीएफओ के लिए ऑनलाइन पोर्टल से पारदर्शी व्यवस्था।
nयोजना को गति देकर देश की प्रगति को तेज करने के लिए ‘प्रगति’ के तहत प्रधानमंत्री खुद बड़े प्रोजेक्ट की
एक निश्चित अवधि में समीक्षा करते हैं।
nसुशासन सूचकांक में शीर्ष पर रहने की प्रतियोगिता हो रही है। 25 दिसंबर, 2021 को सुशासन सूचकांक 2021
जारी। गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा सम्मिलित रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर है। सुशासन सूचकांक- 2021 रिपोर्ट
www.darpg.gov.in पर उपलब्ध है। n

अटल जी ने शुरू की जनकेंद्रित योजनाएं

गुड गवर्नेंस यानी सुशासन की अवधारणा काफी पहले से थी लेकिन भारत में इस पर गंभीरता से काम अटल
बिहारी वाजपेयी ने अपने शासनकाल में किया। आइए इनमें से कुछ के विषय में जानते हैं…।
nस्वर्णिम चतुर्भुज योजना: 2001 में इसकी शुरुआत की जो भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की 5वीं सबसे
बड़ी राजमार्ग परियोजना है। यह योजना 2012 में पूरी हुई जिस पर करीब 60 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए।
nकिसान क्रेडिट कार्ड: इसकी शुरुआत 1998 में की गई जिसमें सस्ते ब्याज दर पर लोन मिलता है और
व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा भी कवर है।
nप्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना: इस योजना की शुरुआत 2000 में की, दूर दराज के क्षेत्रों को सड़क की
कनेक्टिविटी देने का काम शुरू किया।
nनदियों को जोड़ने की योजना: अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री रहते हुए नदियों को आपस में जोड़ने के
संकल्प पर आगे बढ़े और अब पीएम मोदी कर रहे हैं उसे साकार।
nसर्व शिक्षा अभियान: ड्रॉपआउट बच्चों को स्कूली शिक्षा में फिर से वापस लाने के लिए ‘चलो स्कूल चलें हम’
अभियान चलाया।

‘अटल सुशासन’ को समर्पित योजनाएं
nअटल भूजल योजना: यह योजना मुख्यरूप से सात राज्यों गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र,
राजस्थान और उत्तर प्रदेश की 8562 ग्राम पंचायतों में जनभागीदारी के साथ सतत भूजल प्रबंधन सुधारने के
उद्देश्य से लागू की जा रही है।
nअटल वयो अभ्युदय योजना: वरिष्ठ नागरिक कल्याण की अम्ब्रेला योजना है। इसमें वरिष्ठ नागरिक एकीकृत
कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य बातों के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिक गृहों के लिए अनुदान दिया जाता है।
nअटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना: यह योजना 1 जुलाई 2018 से लागू की गई थी। इसके तहत नौकरी
छूटने पर जीवन काल में एक बार 3 महीने तक औसत सैलरी का 50 प्रतिशत क्लेम किया जा सकता है।
nअटल इनोवेशन मिशन और अटल टिकरिंग लैब: मिशन के तहत 10 लाख बच्चों को नियोटिक इनोवेटर्स के
रूप में विकसित करने के लिए देशभर में अटल टिकरिंग लैब स्थापित की जा रही है। अभी तक 9606 लैब
स्थापित।
nअटल पेंशन योजना: 9 मई, 2015 को शुरू इस योजना में न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और अधिकतम उम्र 40 वर्ष
के व्यक्ति शामिल हो सकते हैं। जब वे 60 वर्ष के हो जाते हैं तब पेंशन का लाभ मिलता है। मार्च, 2022 तक
3.89 करोड़ लोग इस योजना में शामिल हैं।
nअटल ज्योति योजना: इस योजना में ऐसे ग्रामीण, अर्ध शहरी और शहरी क्षेत्र में सौर एलईडी लाइट्स लगाई
जाती है, जहां बिजली की पर्याप्त आपूर्ति नहीं है।

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