समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान की आखिरकार विधायकी चली गई है. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने रामपुर कोर्ट से आदेश मिलने के बाद यह कार्रवाई की है. इसके बाद रामपुर विधानसभा की सीट रिक्त घोषित की गई है. बीती गुरुवार को ही रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में आजम खान को दोषी करार दिया गया है. जिसके तहत आजम को तीन साल कैद और 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. सजा की आधिकारिक कॉपी मिलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने रामपुर विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया. अब 6 महीने के भीतर ही रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा.
हालांकि, मामला जमानती होने के कारण अदालत ने फैसला सुनाने के बाद खान को जमानत दे दी और फैसले के खिलाफ उच्च अदालतों में अपील करने के लिए वक्त भी दिया है. अब आजम के पास कोर्ट में अपील दायर करने के लिए सात दिन का वक्त है. आपको बता दें कि आजम खान पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली इलाके के खाता नगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को भला-बुरा कहने पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. इसी मामले में उन्हें दोषी करार दिया गया.
…तो इसलिए विधायकी हाथ से निकली
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा जुलाई 2013 में जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो (संसद और विधानसभा से) उनकी सदस्यता अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के दिन से समाप्त हो जाती है.
जहरीले भाषण के लिए जाने जाते हैं आजम- केशव
खान के खिलाफ रामपुर अदालत के फैसले पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा था कि मोहम्मद आजम खान मामले में कोर्ट के आदेश का स्वागत है, लोकतंत्र में राजनीतिक विचार अलग -अलग हैं, तब भी सार्वजनिक जीवन के व्यक्ति को भाषा की मर्यादा बनाए रखना चाहिए. मौर्य ने कहा कि सपा नेता मोहम्मद आजम खान का राजनीतिक जीवन भाजपा और समाज के विरोध में जहरीले भाषण एवं बयानबाजी के लिए जाना जाता है.