क्षणिक सत्र 2023-24 समाप्ति की ओर है। स्कूल छात्रों के परीक्षा फॉर्म भी भर चुके है। कॉलेज के परीक्षा फॉर्म भरने वाले हैं। परंतु 2022-23 की छात्रवृति की राशि अभी तक छात्रो के खाते में नहीं डाली गई है। वही इस वर्ष का छात्रवृत्ति का पोर्टल भी अभी तक शुरु नही किया गया। एक दो दिन पहले ही इसको शुरू किया गया है इसके बाद सर्वर डाउन की समस्या चल रही है। अखबार में आई खबरों के अनुसार पूरे प्रदेश के 7 लाख छात्र परेशान हो रहे हैं। वे यहाँ वहां अफसरों के चक्कर लगाने को मजबूर है। छात्रों द्वारा कारण पूछे जाने पर शिक्षा विभाग द्वारा अलग-अलग स्तर पर बजट की कमी व तकनीकी समस्या ही कारण बताया जा रहा है। यही नही सरकारी कॉलेज में प्रवेश न मिलने के कारण छात्रवृत्ति के आधार पर प्रायवेट कॉलेजो में प्रवेश लेने वाले छात्र स्कॉलरशिप न आने के कारण मानसिक प्रताड़ना के शिकार हो रहे हैं। प्राइवेट कॉलेज भी छात्रों से फीस के नाम का दबाव बना रहे है यदि फीस नही भरी तो परीक्षा नही देने देंगे। कई छात्र इसके चलते पढ़ाई छोड़ने तक को विवश है, आम मध्यमवर्गीय छात्र स्कॉलरशिप के कारण ही अपनी पढ़ाई कर पाते हैं परंतु पिछले कई वर्षों से छात्रों को तमाम तकनीकी गड़बड़ियो व बजट की कमी का बहाना बनाकर छात्रवृति नहीं दी जा रही है जिन छात्रो को छात्रवृति दी भी गई है उसमें भी 40% केंद्र व 60% राज्य का हिस्सा बोलकर लगातार कटौती की जा रही है। एक तरफ तो प्रदेश सरकार योजनाओं का अंबार लाने का दावा करती है। दूसरी तरफ छात्रो को उनको स्कॉलरशिप के मूलभूत अधिकार से वंचित कर रही है। ऐसे में प्रदेश के तमाम छात्रों का भविष्य संकट में है।
अतः छात्र संगठन AISEC छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए आपसे निम्न मांग करता है- 1. स्कूल -कॉलेज की पिछले सत्र की बकाया छात्रवृत्ति को अविलंब भुगतान किया जाए।
2. सत्र 2023-24के छात्रों के लिए स्कॉलरशिप पोर्टल पर जल्द से जल्द फॉर्म भरवाकर एक महीने के अंदर छात्रवृत्ति की राशि प्रदान की जाए।
3. जब तक छात्रवृत्ति नही आती तब तक छात्रों से कॉलेजों के द्वारा फीस न ली जाए यह आदेश उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा जारी
किया जाए।
4. पुरानी छात्रवृत्ति जिसमे प्रवेश फीस, परीक्षा फीस, छात्रवृत्ति इन तीनो को मिलाकर सम्पूर्ण छात्रवृत्ति दी जाती थी इसको पुनः लागू किया जाए।