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कुरुक्षेत्र महापंचायत में बड़ा ऐलान, 3 अक्टूबर को  किसान  देशभर में रेल ट्रैक जाम

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कुरुक्षेत्र : हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले किसानों ने बड़ा ऐलान किया है। कुरुक्षेत्र में हुई किसानों की महापंचायत में फैसला लिया गया कि वे 3 अक्टूबर को पूरे देश में रेल ट्रैक जाम करेंगे। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हरियाणा में पंचायतें कर बीजेपी के किसानों पर किए अत्याचार को याद कराया जाएगा। किसान हरियाणा में बीजेपी की हार में हिस्सेदार बनेंगे।

किसान महापंचायत में सरवन सिंह पंधेर के साथ जगजीत सिंह डल्लेवाल, अमरजीत सिंह मोहड़ी सहित कई किसान नेता शामिल हुए। पिपली अनाजमंडी में हुई महापंचायत के बाद सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि बीजेपी सरकार ने जिस प्रकार के अत्याचार किसानों पर किए हैं।

‘किसानों के बदला लेने का समय’

किसान नेता ने कहा कि अब हरियाणा में इसका बदला लेने का समय आ गया है। हम पंचायत कर हरियाणा के किसानों को याद दिला रहे हैं कि किस प्रकार से किसानों पर बल का प्रयोग किया गया और किस प्रकार से किसान शुभकरण की मौत हुई।

दो घंटे के लिए रोकी जाएंगी ट्रेनें

पंधेर ने बताया कि तीन अक्टूबर को भारतभर में दो घंटे के लिए रेलवे ट्रैक जाम किए जाएंगे। आने वाले समय में किसान आंदोलन को और भी गति दी जाएगी। वहीं, किसान नेता अमरजीत सिंह मोहड़ी ने कहा कि हमारे आंदोलन का उद्देश्य दूसरे राजनीतिक दलों को भी सचेत करना है कि अगर सत्ता में आने के बाद वह किसानों के साथ इस प्रकार का दुर्व्यवहार करेंगे तो किसान एकजुट होकर उनके खिलाफ भी लड़ाई लड़ेगा। उन्होंने कहा कि किसान अपनी मांगों को जींद में भी महापंचायत कर चुके हैं।

चढूनी गुट के नेता दिखाई नहीं दिए

वहीं, पिपली में हुई किसानों की पंचायत को देखते हुए पुलिस भी अलर्ट पर रही। पुलिस को यह आशंका थी कि पहले की तरह किसान कहीं जीटी रोड जाम करने के लिए चल पडे तो कानून व्यवस्था का संकट खड़ा हो सकता है। पुलिस ने खासतौर जीटी रोड की ओर और फ्लाइओवर के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया हुआ था। इस किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन गुरनाम सिंह चढूनी गुट के नेता दिखाई नहीं दिए। इस संबंध में चढूनी से संपर्क नहीं हो सका।

नेताओं ने कहा इससे पहले किसानों ने जींद में भी महापंचायत की थी। किसानों का कहना था कि इस महापंचायत में विभिन्न राज्यों से किसान पहुंचे और दिल्ली की सीमाएं खोलने की मांग सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर मंथन किया।लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। आने वाले समय में इस आंदोलन को और भी तेज किया जाएगा।

किसान नेता की प्रशासन को चेतावनी

महापंचायत से पहले भारतीय किसान यूनियन (BKU) शहीद भगत सिंह के प्रधान अमरजीत सिंह मोहड़ी ने प्रशासन को चेतावनी दी थी कि मंडी किसानों की है और उन्हें किसी प्रकार की परमिशन की जरूरत नहीं। फिर भी अगर प्रशासन उन्हें रोकने की कोशिश करता है तो वह इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जींद में हुई महापंचायत में भी किसानों को रोकने के लिए प्रशासन ने पुख्ता प्रबंध किए थे, लेकिन उसके बाद भी भारी संख्या में किसान महापंचायत में पहुंचे थे।

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने की अपील

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि आज हम हरियाणा के लोगों को याद दिलाने आए हैं कि आप वोट जिसे मर्जी दीजिए, लेकिन जब वोट देने जाएं तो इस बात को याद रखना कि हरियाणा में 70,000 अर्धसैनिक फोर्स लगाए गए थे। हमें दिल्ली में जाकर प्रर्दशन करने नहीं दिया गया था। 22 साल के शुभकरण सिंह को गोली मारी गई थी। उसका भी इंसाफ अभी तक नहीं मिला।

बता दें कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से आंदोलन पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के अंबाला के पास शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की शरण ली। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।

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