इंदौर
एक माह से चल रहे ऑक्सीजन संकट में बड़ी राहत मिली है। मरीजों की संख्या कम होने से ऑक्सीजन की मांग एक तिहाई रह गई है। इसी का नतीजा है कि लगभग एक दिन की जरूरत की 110 टन ऑक्सीजन का बैकअप भी बना लिया गया है। स्थिति यह है कि पीथमपुर प्लांट से रविवार को अफसरों ने अस्पतालों को ऑक्सीजन के लिए मैसेज भेजे तो सिर्फ 700 सिलेंडर आए, जबकि पहले ढाई-तीन हजार सिलेंडर रोज भरे जा रहे थे।
पीथमपुर प्लांट प्रभारी तहसीलदार विनोद राठौर बताते हैं कि अब स्थिति में काफी सुधार है। ऑक्सीजन प्रभारी रोहन सक्सेना ने बताया कि छोटे-बड़े मिलाकर 12 प्लांट में 110 टन ऑक्सीजन का स्टॉक कर लिया गया है। टैंकरों की संख्या भी 14 हो गई है, जो 20 दिन पहले तक आठ थे। चेन्नई से एक और टैंकर मिल रहा है, जो एयरफोर्स के विमान से सोमवार को जामनगर जा रहा है।
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा, अस्पतालों ने खुद के प्लांट भी लगाए
- अस्पताल में भले ही बेड फुल हैं, लेकिन वेटिंग वाले दो हजार से ज्यादा मरीज ठीक हुए। पहले इन्हें ही अस्पताल के बाहर या घरों में सिलेंडर लग रहे थे।
- तहसीलदार राठौर ने बताया कि पीथमपुर से पहले हर दिन 200 से ज्यादा सिलेंडर लेकर मरीजों के परिजन लेकर जाते थे, जो तीन-चार दिन से एक भी नहीं आए। लोग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन उपयोग कर रहे हैं। इससे भी मांग कम हुई।
- अस्पतालों ने खुद के प्लांट लगाने शुरू कर दिए हैं।
- ऑक्सीजन की सप्लाय भी बढ़ गई है। पहले 100 से 110 टन के करीब आ रही थी। अब 130 से 150 टन आ रही है।
ऐसे हो रहा है शहर में ऑक्सीजन का इंतजाम
1. पीथमपुर के दोनों प्लांट से 30 टन ऑक्सीजन की व्यवस्था हो गई है
2. जामनगर से 150 टन का कोटा तय हो गया। टैंकर रोटेशन के हिसाब से यहां से औसतन 80 से 100 टन आ जाती है
3. ऑक्सीजन सप्लाय का सबसे बड़ा ग्रुप आईनॉक्स हर दिन 30 टन दे रहा है।
तीसरी लहर में 200 टन ऑक्सीजन मिल सकेगी
जामनगर से 150 टन का कोटा है, टैंकर बढ़ने पर इसका रोटेशन सवा सौ टन के करीब हो जाएगा। पीथमपुर के दोनों प्लांट पूरी क्षमता से चलें तो 40 टन मिल जाएगी, वहीं निजी ग्रुप से 30 टन ऑक्सीजन मिलेगी। इस तरह औसतन 200 टन ऑक्सीजन मिल सकेगी। इतनी ऑक्सीजन करीब दस हजार मरीज के उपचार के लिए पर्याप्त होगी।