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चुनावी बांड: अपने ही बुने जाल में फंसकर फड़फड़ा रही है भाजपा

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सनत जैन

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा चुनावी चंदे से संबंधित सभी जानकारी चुनाव आयोग को दे दी गई है। चुनाव आयोग ने यह जानकारी अपने पोर्टल पर डाल दी है। जैसे ही यह जानकारी उजागर हुई, उसके बाद हजारों लोग इसकी सच्चाई और वास्तविकता को जानने के लिए जुट गए। जो जानकारी अभी तक निकल कर सामने आई है, उसके अनुसार चुनावी चंदे के रूप में सबसे ज्यादा राशि भारतीय जनता पार्टी को प्राप्त हुई है। देश की 22 कंपनियों ने कुल चंदे का लगभग 50 फ़ीसदी चंदा भाजपा को दिया गया है।

इनमें जो कंपनियां शामिल हैं उनमें ट्रेडिंग, खनन, धातु, रियल एस्टेट, निर्माण, ऊर्जा और दूरसंचार से लेकर दवा निर्माता कंपनी भी शामिल है। देश की कुल 771 कंपनियों ने 11484 करोड़ रुपए के चुनावी बांड खरीदे थे। इनमें इन 22 कंपनियों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा थी। इसी बीच सरकार द्वारा इन्हें काम भी दिया गया और इनसे चुनाव का चंदा भी भाजपा को ही ज्यादा मिला है। वहीं कुछ ऐसी कंपनियों ने भी भाजपा को चंदा दिया है जिनके यहां ईड़ी और सीबीआई ने छापे डाले थे। छापे के बाद इन कंपनियों ने बांड खरीदकर भाजपा को चंदा दिया है। यह दी गई जानकारी से उजागर हो रहा है। इसी तरह जिन कंपनियों ने बड़े-बड़े चंदे दिए हैं उन्हें सरकार से बड़े-बड़े ठेके, खनन की लीज एवं अन्य सुविधाएं प्राप्त हुईं हैं। चुनावी बांड अब एक प्रमाण के रूप में सामने है। इसे आसानी से झुठलाया भी नहीं जा सकता है। भाजपा को सबसे ज्यादा चंदा देने वालों में फ्यूचर गेमिंग, मेघा ग्रुप, क्विक सप्लाई चैन, एमकेजी समूह, वेदांता समूह, भारतीय एयरटेल जैसी कंपनियां हैं। 22 कंपनियों ने 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि चुनावी बांड के माध्यम से राजनीतिक दलों को चंदे में दी हैं। इसमें 623 करोड़ रुपये का गोपनीय चंदा दिया गया है, जिसके नाम उजागर नहीं किए गए हैं।

इसमें से 466 करोड़ रुपए का चंदा भारतीय जनता पार्टी को मिला है। चुनावी बांड के द्वारा दिए गए चंदे को लेकर रोजाना नए-नए तथ्य आश्चर्यजनक रूप से उजागर हो रहे हैं। कई कंपनियों ने अपने मुनाफे से कई गुना ज्यादा राजनीतिक दलों को चंदा दिया है। हाल ही में ईड़ी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया है। मनी ट्रेल के रूप में ईडी का अदालत में कहना है कि शराब घोटाले से जो 100 करोड़ रुपए की राशि आम आदमी पार्टी को मिली थी उसमें से 25 करोड़ रुपए गोवा के चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने खर्च किए हैं। इस मामले में के कविता को भी गिरफ्तार किया गया है। आम आदमी पार्टी के ऊपर ईड़ी के अधिकारी मनी लांड्रिंग एक्ट में कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं।

जिस व्यक्ति के बयान के आधार पर यह मुकदमा बनाया गया है, उसने भी भारतीय जनता पार्टी को ईड़ी की कार्रवाई होने के बाद करोड़ों रुपए का चंदा दिया है। जिस तरह से राजनीतिक दलों के चंदे के तार एक दूसरे के साथ जुड़ रहे हैं राजनीतिक विश्लेषकों का यह मानना है क्या आम आदमी पार्टी के मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित सबूत साबित हो पाएंगे या नहीं लेकिन जिस व्यक्ति के बयान के आधार पर शराब घोटाले का मामला दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के लोगों पर चलाया जा रहा है, उसकी आंच भविष्य में भारतीय जनता पार्टी में भी पड़ना तय है। चुनावी बांड के रूप में यह एक प्रमाण के तौर पर सामने है। इसको साबित करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से चुनावी बांड के संबंध में जो जानकारी सामने आई है उसके बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के ऊपर चंदा लेकर कैसे लोगों को फायदा पहुंचाया जाता है, इसके प्रमाण सामने आ जाने के बाद राजनीतिक दलों की मुसीबत बढ़ सकती है।

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