वाराणसी। भाजपा सरकार जातीय जनगणना से घबरा रही है। वह नहीं चाहती कि समाज में पिछड़ी जातियों की संख्या और उनकी स्थिति के बारे में पता चले। उक्त बातें सीपीएम की पूर्व सांसद और पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली ने कही। वह वाराणसी के ओदार राजातालाब में पार्टी की ओर से आयोजित सभा में बोल रही थीं। जाति जनगणना की मांग को जायज ठहराते हुए सुभाषिनी अली ने पूछा कि यह जरूरी प्रक्रिया यूपी में कब शुरू होगी। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना के लिए हम सभी को मिलकर सरकार पर दबाव बनाना होगा। सरकार सिर्फ हिंदू-मुसलमान और मंदिर-मस्जिद में गुमराह करके सत्ता का सुख ले रही है।
बताया कि कई तरह के सवाल जनगणना के समय पूछे जाते हैं। जाति सम्बंधित सूचना ले लेने से सरकार को क्या दिक्कत आ जाएगी? वहां उपस्थित जनता से उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना के आधार पर ही लोगों को आरक्षण मिलते हैं। इसलिए यह जानना जरूरी है कि किस जाति के कितने लोग हैं।
सीपीएम के राज्य सचिव डॉ. हीरालाल यादव ने कहा कि भाजपा सिर्फ पूंजीपतियों और उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है। सरकार की योजनायें भी इन्हीं लोगों के लिए हैं। आम जनता आज भी बुनियादी चीजों के लिए बिलबिला रही है। डॉ. हीरालाल ने आह्वान किया कि भाजपा सरकार को सत्ता से हटाना होगा, इसके बिना देश का भला नहीं हो सकता। सीपीएम के राज्य सचिव ने जातीय जनगणना से होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से बताया।
कार्यक्रम में मौजूद सपा नेता और सेवापुरी विधानसभा के पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह पटेल ने कहा कि जातिगत जनगणना कराया जाना यूपी में बेहद जरूरी है। यह गांव, शहर, देश की जनता का अधिकार भी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कन्हैया राजभर और संचालन नंदलाल पटेल ने की।सभा में मुख्य रूप से राष्ट्रीय जनता दल के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र यादव, सुहेलदे