नई दिल्ली। भाजपा पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले ही भाजपा अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेगी। जनवरी के अंत में या फरवरी के पहले सप्ताह में भाजपा की पहली लिस्ट जारी हो सकती है। पहली सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नाम होंगे। इसबीच पार्टी ने टिकट बंटवारे का भी प्लान तैयार कर लिया है। भाजपा इस बार 70 वर्ष से अधिक उम्र और 3 बार से अधिक बार जीते लोकसभा सांसदों को टिकट न देने का मन बना रही है। पार्टी की कोशिश है कि नए चेहरों पर दांव लगाया जाए। बता दें, पीएम मोदी 2024 लोकसभा चुनाव में 50% से अधिक वोट पाने का लक्ष्य दे चुके हैं।
जिन सीटों पर है खतरा, पहले उनका नाम
भाजपा की पहली सूची में उन 164 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा होगी, जो सीटें भाजपा आज तक नहीं जीती या जीत का मार्जिन कम रहा है। भाजपा पिछले दो साल से ऐसी सीटों पर मेहनत कर रही है। पिछले चुनाव में बीजेपी ने 543 में से 436 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इनमें भाजपा 133 सीटों पर चुनाव हार गई थी।
सी-डी कैटेगरी में बंटेंगी सीटें
27 अन्य सीटें हैं, जहां भाजपा कमजोर है। इन 164 सीटों का क्लस्टर बनाकर केंद्रीय मंत्रियों और बड़े नेताओं को इनकी जिम्मेदारी दी गई, जिनमें अमित शाह भी शामिल हैं। भाजपा ने इन सीटों को सी और डी कैटेगरी में बांटा है और 80-80 सीटों की दो श्रेणियां बनाई हैं। 40 मंत्रियों को इन सीटों की जिम्मेदारी दी गई है। हर मंत्री के जिम्मे दो से 3 सीटें हैं। भाजपा पिछले चुनाव की तुलना में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी, क्योंकि पिछली बार की तुलना में इस बार सहयोगी दलों की संख्या कम है। 2019 में भाजपा का पंजाब में शिरोमणि अकाली दल, बिहार में जेडीयू, महाराष्ट्र में शिवसेना, तमिलनाडु में एआईएडीएमके व राजस्थान में बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के साथ तालमेल था। भाजपा ने पंजाब की 13 में से 3, महाराष्ट्र की 48 में से 25 और बिहार की 40 में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था। तमिलनाडु में एआईएडीएमके ने भाजपा को 5 सीटें दी थीं। इस बार इन राज्यों में भाजपा अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी
।विपक्ष के दिग्गज नेताओं पर नजर
सूत्रों के मुताबिक ज्वाइनिंग कमिटी दूसरे दलों के प्रभावशाली नेताओं और सांसदों को भाजपा में लाने की संभावना तलाशेगी। फैसला उम्मीदवार के क्षेत्र में प्रभाव और चुनाव जीतने की क्षमता के आधार पर लिया जाएगा। पार्टी उन सीटों पर इस विकल्प पर विचार कर सकती है, जहां उन्हें लगता है कि उनके पास जीतने वाला उम्मीदवार नहीं है।
कमजोर सीटों पर फोकस
यूपी : यहां ऐसी 14 सीटों की लिस्ट तैयार की है, जहां वो खुद को कमजोर पाती है। पार्टी 2019 में उत्तर प्रदेश में 16 सीटों पर हारी थी। लेकिन दो सीटें उसने उपचुनाव में जीत लीं। रायबरेली, मैनपुरी, बिजनौर, सहारनपुर, संभल, मुरादाबाद, गाजीपुर, जौनपुर, रामपुर, आजमगढ, नगीना, अमरोहा, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, घोसी, लालगंज सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पहली सूची में होंगे। इनमें कुछ सीटें सपा की गढ़ मानी जाती हैं और भाजपा की कोशिश इस बार इन सीटों को अपने पाले में करने की है।
बिहार : नवादा, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, मुंगेर, गया, सुपौल, नालंदा सीट के प्रत्याशी पहले घोषित होंगे।
मध्यप्रदेश : छिंदवाड़ा सीट बहुत कमजोर श्रेणी में आती है। यह पूर्व सीएम कमलनाथ का गढ़ है। विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को यहां फिर झटका लगा है। इसकी जिम्मेदारी गिरिराज सिंह को दी गई है।
केरल : त्रिशूर, पत्तनमतिट्टा , तिरुवनंतपुरम सीटें हैं। त्रिशूर से भाजपा सुरेश गोपी को टिकट दे सकती है।
महाराष्ट्र : बारामती, बुलढाना, औरंगाबाद, पंजाब में अमृतसर, आनंदपुर साहिब, भटिंडा, गुरदासपुर सीट शामिल हैं।
तमिलनाडु : तिरूपति, काकीनाडा, विशाखापट्टनम, गुंटुर सीट। तमिलनाडु से रामनाथपुरम,शिवगंगा, वेल्लौर, कन्याकुमारी, चेन्नई दक्षिण सीट
छत्तीसगढ़ : बस्तर, कोरबा
ओडिशा : ढेंकनाल, भद्रक, कटक, पुरी, कंधमाल, भद्रक, नबरंगपुर, अस्का
जम्मू-कश्मीर : अनंतनाग-राजौरी
हिमाचल प्रदेश : मंडी सीट
राजस्थान : नागौर और दौसा सीट
लक्षद्वीप: यहां एकमात्र लोस सीट है।
झारखंड : राजमहल और सिंहभूम सीट
तेलंगाना : खम्मम, हैदराबाद, जहीराबाद, अदिलाबाद, मलकाजगिरी, वारंगल, महबूबनगर
पश्चिम बंगाल : आसनसोल, बोलपुर, वीरभूम, डॉयमंड हार्बर, जादवपुर, कोलकाता नार्थ, कोलकाता साऊथ, दमदम, उलूबेरिया सीट।