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थमने का नाम नहीं ले रहे मप्र में रिश्वतखोरी के मामले

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किसी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने तो किसी ने जीएसटी नंबर के लिए मांगी रकम
भोपाल। मप्र में एक तरफ सरकार का पूरा जोर सुशासन पर है। वहीं दूसरी तरफ सरकार की तमाम सख्ती और लोकायुक्त पुलिस की लगातार कार्रवाईयों के बावजूद प्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। गुरूवार को दो मामले ऐसे आए जिससे यह साबित हो रहा है कि रिश्वत के लिए शासकीय अधिकारी-कर्मचारी सारी हदें पर कर रहे हैं। पहला सूबे के उमरिया जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर से सामने आया है। यहां पदस्थ राजेन्द्र मांझी नाम के डॉक्टर को लोकायुक्त पुलिस ने 3 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया है। कार्रवाई रीवा संभाग लोकायुक्त टीम ने की है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप मच गया। डॉक्टर के खिलाफ लोकायुक्त टीम ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। मामले को लेकर रीवा लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ का कहना है कि उमरिया जिले के मानपुर थाना इलाके में रहने वाले शख्स के पुत्र की मौत कुछ दिन पहले हो गई थी, जिसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर राजेन्द्र मांझी ने फरियादी से 10 हजार रुपए की डिमांड की थी। पीडि़ता का कहना है कि डॉक्टर द्वारा उससे पहले ही 3 हजार रुपए लिए जा चुके थे। आज एक बार फिर 3 हजार रुपए रिश्वत के लिए डॉक्टर ने शख्स को बुलाया था। इसपर लोकायुक्त टीम ने डॉक्टर की घेराबंदी कर उसे रंगेहाथ गिरफ्तार किया है।


फरियादी का कहना है कि डॉक्टर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेराफेरी करने के लिए रुपए मांग रहा था। पीडि़त के गुहार के बावजूद वो रुपए लिए बिना काम करने को राजी नहीं था। उसकी इस हरकत से परेशान आकर फरियादी ने उसकी शिकायत लोकायुक्त में की। लोकायुक्त टीम ने फरियादी के आरोपों का सत्यापन किया और शिकायत के तहत प्रमाण मिलने पर ये कार्रवाई की गई है।
दो महिला अफसरों ने एक साथ ली रिश्वत
वहीं उज्जैन में दो महिला अधिकारियों ने एक साथ रिश्वत ली। उन्होंने ठेकेदार को ऑफिस बुलाया और रुपए लिए। इस दौरान लोकायुक्त की टीम ने उन्हें रंगेहाथ पकड़ लिया। एक महिला अफसर सिर पकडक़र रोने लगी। मामला गुरुवार को वाणिज्य कर विभाग का है। लोकायुक्त डीएसपी राजेश पाठक ने बताया कि सहायक ग्रेड-3 किरण जोशी और इंस्पेक्टर विजया भीलाला को गिरफ्तार किया है। महिला अधिकारियों ने जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) नंबर देने के बदले ठेकेदार 6000 रुपए की डिमांड की थी।
दोनों अफसर 3500 में राजी हईं
शहर की महावीर बाग कॉलोनी निवासी दीप सिंह बुनकर ने महिला अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि मेरी श्री राधा कॉन्ट्रैक्टर नाम से फर्म है। उज्जैन – बदनावर रोड पर जीआर कंपनी से सीमेंट-गिट्टी का काम ले रखा है। काम पूरा होने पर कंपनी ने जीएसटी नंबर लाने को कहा था। मैंने 23 अगस्त को इसके लिए अप्लाई किया था। दोनों महिला अधिकारी नंबर देने के बदले में 6000 रुपए रिश्वत की डिमांड कर रही थीं। बाद में दोनों 3500 हजार रुपए में नंबर देने पर राजी हो गईं। घूस की रकम देने के लिए ठेकेदार को महिला अधिकारियों ने सहायक ग्रेड-3 किरण जोशी के केबिन में बुलाया था। ठेकेदार पहुंचे तो यहां दोनों महिला अधिकारी ही थीं। ठेकेदार के रुपए देने पर जोशी ने ड्रॉज में रखने को कहा। इसके थोड़ी देर बाद लोकायुक्त ने दबिश दी।

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