100 अफसर और 1000 जवानों की मौजूदगी में बुलडोजर कार्रवाई, 110 दुकानें जमींदोज, लिस्ट में हैं 384 मकान
भोपाल में सुभाष नगर के पास अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई शुरू की गई। यहां अतिक्रमण करके बरसों पहले मोतीनगर बस्ती बसाई गई थी। रविवार सुबह 5 बजे यहां बुलडोजर पहुंचे और अवैध दुकानों को हटाया। प्रारंभिक चरण के तहत दोपहर 2 बजे तक कार्रवाई की गई। सबसे पहले टीम ने सुबह 10.30 बजे तक 110 दुकानें तोड़ी गई। उसके बाद वहां का मलबा हटाया गया।भोपाल में बुलडोजर की कार्रवाई देखने को मिली. यहां जिला प्रशासन ने 100 से ज्यादा दुकानों को ध्वस्त कर दिया है. यह मार्केट करीब 40 साल पुराना था. इस दौरान करीब 10 जेसीबी, 25 डंपर, 10 ट्रक ट्रॉली और 50 लोडिंग वाहनों का इस्तेमाल किया गया. जब इन दुकानों को तोड़ा जा रहा था, उससे 1 किलोमीटर पहले ही ट्रैफिक रोक दिया गया था. इसके साथ ही बैरिकेड्स भी लगाए गए थे. ये बैरिकेड्स तीन लेयर में बनाए गए थे.
इस कार्रवाई की दौरान पुलिस ने चारों तरफ से एक किमी दूर बैरिकेड्स लगाकर यातायात बदल दिया था। इस दौरान सुभाषनगर ब्रिज को भी बंद कर दिया गया था। कार्रवाई के दौरान 10 जेसीबी, 2 बड़ी पोकलेन, 25 डंपर, 10 ट्रैक्टर ट्राली, 50 लोडिंग गाड़ियां लगाई गईं। वहीं, जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम और रेलवे के करीब 1000 अधिकारी-कर्मचारी यहां तैनात रहे। इस कार्रवाई की दौरान मोतीनगर बस्ती के हक की बात करने वाले कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला को उनके घर में नजरबंद कर दिया गया था।
क्यों हुई बुलडोजर कार्रवाई
आपको बता दें कि सुभाष नगर ब्रिज की थर्ड लेन और रेलवे की थर्ड लाइन बनाई जानी है। ऐसे में मोतीनगर की अवैध बस्ती इसमें बाधा बन रही है। यहां पर 384 मकान और 110 दुकानें हैं।, अभी प्रशासन ने सिर्फ दुकानें हटाई हैं। जल्द ही मकानों को भी तोड़ा जाएगा। 6 फरवरी के दिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को शनिवार तक सामान हटाने का अंतिम मौका दिया था। अफसरों की समझाइश के बाद कई दुकानदारों ने अपना सामान हटा लिया था।
इस टीम ने की थी कार्रवाई
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने रविवार को कार्रवाई के लिए एसडीएम एलके खरे, रविशंकर राय, रवीश श्रीवास्तव, डॉ. अर्चना रावत की ड्यूटी लगाई गई। चार तहसीलदार आलोक पारे, कुनाल राउत, दिलीपकुमार चौराया और चंद्रकुमार ताम्रकार समेत 10 नायब तहसीलदार, 10 राजस्व निरीक्षक, 50 पटवारी और 50 कोटवारों की मौजूदगी में यह कार्रवाई की थी।