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क्या मानव अमरत्व को प्राप्त हो सकता है ?

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 -निर्मल कुमार शर्मा

क्या मानव अमरत्व प्राप्त कर सकता है ? क्या ऐसा हो पाना कभी संभव है ? अब आधुनिक काल में चूंकि वैज्ञानिक अपनी प्रयोगशालाओं में सिंथेटिक जीव विकसित करने की दिशा में तो बहुत काफी आगे बढ़ चुके हैं ! लेकिन हम मानवों की कभी मौत ही ना हो,वह अनन्त काल तक के लिए जीवित रहें,इसकी कोई भी आधुनिकतम् समाधान अभी तक नहीं मिल पाया है ! लेकिन हमारी इसी पृथ्वी पर स्थित समुद्रों में करोड़ों वर्षों से रहते आए एक ऐसा जीव भी रहता है,जिसे हम सभी जेलीफिश के नाम से जानते हैं,ने हमारे वैज्ञानिकों को इस गूढ़ पहेली अमरत्व के सवाल का जवाब ढूंढने के लिए बहुत कुछ उम्मीदें जगा दी हैं ! 

  आधुनिक वैज्ञानिक अब ‘मत्यु सबसे बड़ा सत्य है ‘ को ग़लत सिद्ध करने को प्रतिबद्ध !

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                 अभी तक इस दुनिया के सभी भाषाओं और धर्मों की पुस्तकों तथा साहित्य में इस कथन को बड़े ही सशक्त ढंग से कहा जाता रहा था कि ‘इस पृथ्वी पर कुछ भी अनश्वर यानी अमर नहीं है,यानी जो भी जीव या वनस्पति यहां इस धरती पर जन्म लिया है,उसकी मृत्यु निश्चित है ! महाभारत में तो सबसे बड़ा सत्य यही माना गया है कि मृत्यु सबसे बड़ा और परम् सत्य है ! ‘ लेकिन अब लग रहा है कि आधुनिक युग के अत्यंत प्रखर मेधा शक्ति वाले वैज्ञानिक सारी दुनिया भर में ध्रुव तारे की तरह अटल सत्य मानी जाने वाली उक्त वर्णित कथित अटल सत्य को पूरी तरह पलट देने के लिए कृत संकल्प व प्रतिबद्ध हैं ! 

                ‘क्या मनुष्य अमरत्व को प्राप्त हो सकता है ? ‘ उक्त प्रश्न और उसके समाधान के लिए मानव आदिकाल से ही प्रयत्नशील रहता आया है ! कल्पवृक्ष और संजीवनी बूटी की कल्पना मानवीय जीवन की इसी कड़ी की चीजें हैं ! लेकिन अब स्पेन के ओविएडो विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ बायोकेमिस्ट्री एंड मोलेक्यूलर बायोलॉजी के शोध वैज्ञानिक, Research Scientists of Department of Biochemistry and Molecular Biology from Spain’s Oviedo University इस विषय पर बहुत गंभीरता से शोध करके एक बहुत ही बेहतरीन,सार्थक,यथार्थवादी और आशाजनक परिणाम सामने लेकर आए हैं !

  अब मनुष्य भी कुछ दशकों में अपनी उम्र को पलटने में सक्षम हो जाएगा !

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          इन शोध वैज्ञानिकों ने मनुष्य को अमर बनाने का एक जरिया खोजा है,उन्होंने एक टुरिटोप्सिस दोहरनी नामक प्रजाति की एक जेलीफिश A Jellyfish of the genus Turritopsis Dohrnii पर शोध कर कुछ बिल्कुल आश्चर्यचकित करनेवाले नए खुलासे किए हैं !  वैज्ञानिकों ने बताया कि इस जेलीफिश को अमरता की श्रेणी में रखा जा सकता है,क्योंकि यह तब तक जिंदा रह सकती है,जब तक वह इस दुनिया में जीवित रहना चाहती है ! इन शोध वैज्ञानिकों के अनुसार इस जेलीफिश के इस जीवन जीने की कला को विज्ञान की मदद से समझकर इससे मनुष्य के जीवन को भी अमर होने का रास्ता भी खोजा जा सकता है !                      यह विशेष प्रकार की जेलीफिश अपने व्यस्क या वृद्धावस्था के जीवन से अपने जीवन के शिशुकाल या लार्वा काल में जाने की अभूतपूर्व क्षमता रखती है ! या यह अपनी उम्र को पलटने की अद्भुत क्षमता रखती है ! इस विशिष्ट प्रकार की जेलीफिश प्रजाति में सबसे बड़ी चीज यह है कि यह जब तक इस धरती के समुद्र में रहना चाहती है,तब तक रहती है !

  यह महत्वपूर्ण शोध पत्र प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित 

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इस महत्वपूर्ण अध्ययन को कंपेरेटिव जीनोमिक्स ऑफ मॉर्टल एंड इम्मोर्टल निडेरियन्स अनवील्स नोवेल कीज बिहाइंड रिजुवेनेशन या Comparative Genomics of Mortal and Immortal Cnidarians Unveils Novel Keys Behind Rejuvenation कहा जाता है। यह महत्वपूर्ण शोध पत्र प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज या Proceedings of The National Academy of Sciences नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

              इस महत्वपूर्ण शोध के लिए इन शोध वैज्ञानिकों ने एक अमरता को प्राप्त करनेवाले एक जेलिफ़िश को लिया और इसकी तुलना लगभग उसी से बिल्कुल मिलती – जुलती एक साधारण जेलीफ़िश से की,इसके लिए अमर जेलीफिश के विशिष्ट डीएनए के भागों को सबसे पहले अलग-अलग किया ,इसके बाद उन्होंने जीनोम को अनुक्रमित किया और डीएनए के सटीक हिस्से को अलग करने में कामयाब रहे उम्र को कम करने वाली जेलीफ़िश को जिसे मेटाज़ोन भी कहा जाता है,खुद को एक बहुत ही युवा संस्करण में बदलने के लिए उपयोग करता है !

  ट्यूरिटोप्सिस डोहरनी जेलीफिश की तरह हम मानव भी अमर हो सकते हैं !

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इन शोध वैज्ञानिकों के अनुसार ‘ट्यूरिटोप्सिस डोहरनी एकमात्र मेटाज़ोन है जो अपने मेडुसे पुनरुत्पादन के बाद बार-बार कायाकल्प करने में सक्षम है ! ‘ इस प्रकार यह विशिष्ट जीव जैविक अमरता की तरफ हमें इशारा करके बताता है कि इस धरती पर रहने वाले मनुष्य सहित कोई भी जीव अपनी इच्छानुसार अपनी उम्र को बढ़ा सकता है ! इन शोध वैज्ञानिकों ने अब मानव प्रजाति के ‘प्रतिकृति,डीएनए मरम्मत,टेलोमेयर रखरखाव,रेडॉक्स पर्यावरण,स्टेम सेल आबादी और इंटरसेलुलर संचार या Replication,DNA Repair,Telomere Maintenance,Redox Environment, Stem Cell Populations and Intercellular Communication ‘से जुड़े जीनों के वेरिएंट और विस्तार की पहचान कर लिया है ! 

  यूनिवर्सिटी ऑफ ओविएडो के  डॉक्टर कार्लोस लोपेज़ – ओटिन

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यह रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ ओविएडो के डॉक्टर कार्लोस लोपेज-ओटिन Doctor Carlos López-Otín of the University of Oviedo के नेतृत्व में हुआ, इन वैज्ञानिकों की टीम ने जेलीफिश के आनुवंशिक अनुक्रम या Genetic Sequence को उनकी लंबी उम्र के रहस्य का पता लगाने और मानव उम्र बढ़ाने के नए सूत्र खोजने की आशा को देखते हुए उसका गहन अध्ययन किया,वे इस चीज को पता लगाने में सफल रहे कि ट्यूरिटोप्सिस डोहरनी नाम की इस जेलीफिश के जीनोम में कुछ विशिष्टताएं और विभिन्नताएं हैं जो इसे डीएनए की प्रतिलिपि बनाने और मरम्मत करने में बेहतर बनाती हैं और वे टेलोमेरेस नामक गुणसूत्रों के सिरों को बनाए रखने में बेहतर गुण से सम्पन्न हैं ! जबकि मनुष्यों में बढ़ती उम्र के साथ टेलोमेयर की लंबाई कम होती जाती दिखाई देती गई है !

  अब मनुष्य भी अपनी मौत को हरा सकता  है !

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          ये शोध वैज्ञानिक मनुष्यों के समान डीएनए के कुछ हिस्सों को खोजने में भी कामयाब रहे,जिसका आशय यह है कि अब से कुछ दशकों बाद संभवतः मानव प्रजाति भी अपनी वृद्धावस्था की दयनीय अवस्था से किशोरावस्था की उर्जावान अवस्था की तरफ लौटा लेने की अद्भुत क्षमता से लैस हो जाएगा ! जिसे हम अभी के वर्तमान समय में कर पाने की कल्पना भी नहीं कर सकते ! इसके अलावा इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग मनुष्य जनित कुछ असाध्य बीमारियों जैसे कैंसर,बांझपन, हृदयाघात और ब्रेन हेमरेज,ब्लडप्रेशर और अन्यान्य असाध्य बीमारियों को ठीक करने में भी कुशलतापूर्वक किया जा सकता है ! 

इस महत्वपूर्ण व क्रांतिकारी शोध के बाद ऐसा माना जा रहा है कि मनुष्य अमर होने से बस कुछ कदमों की दूरी पर ही खड़ा है ! और हम मानव भी उक्त वर्णित जेलीफिश की तरह भविष्य के कुछ अगले दशकों में अपने जीवन को,अपनी युवावस्था को अनन्त काल तक अक्ष्क्षुण रख सकने में सक्षम हो जाएंगे !

         -निर्मल कुमार शर्मा ‘गौरैया एवम् पर्यावरण संरक्षण तथा देश-विदेश के सुप्रतिष्ठित समाचार पत्र-पत्रिकाओं में वैज्ञानिक,सामाजिक, राजनैतिक, पर्यावरण आदि विषयों पर स्वतंत्र,निष्पक्ष,बेखौफ, आमजनहितैषी,न्यायोचित व समसामयिक लेखन,संपर्क-9910629632, ईमेल – nirmalkumarsharma3@gmail.com

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