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सीएम उज्जैन ले गए देवास का पानी:इंदौर और देवास जिले किसानों का 25 फरवरी को प्रदर्शन

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सूखी पड़ी शिप्रा नदी में पानी छोड़ने को लेकर इंदौर और देवास जिले के सैकड़ों किसान 25 फरवरी को प्रदर्शन करने जा रहे हैं। उनकी मांग है कि हमारे हिस्से का पानी दूसरे जिलों में भेजा जा रहा है जो जो हमें मिलना चाहिए। इसको लेकर कल एक बैठक भी हुई, जिसमें निर्णय लिया कि गांव-गांव से किसानों को लाकर प्रदर्शन किया जाएगा। नदी के एक ओर इंदौर जिले के तो दूसरी ओर देवास जिले के किसान प्रदर्शन करेंगे। 

सीएम उज्जैन ले गए देवास का पानी
किसानों ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव इंदौर और देवास जिले के हिस्से का शिप्रा का पानी अपने जिले उज्जैन में ले गए हैं। इससे किसान परेशान हो रहा है और वह फसल नहीं उगा पा रहा है, जबकि नर्मदा क्षिप्रा संगम इसलिए किया गया था कि किसानों के लिए पानी क्षिप्रा नदी में छोड़ा जाएगा और किसानों को फसल उगाने का मौका मिलेगा। किसान नेता हंसराज मंडलोई ने आरोप लगाया कि अब किसानों के साथ विश्वासघात किया जा रहा है। इसी को लेकर 25 फरवरी को शिप्रा नदी के किनारे पर इंदौर एवं देवास जिले की हाटपीपल्या एवं सांवेर विधानसभा क्षेत्र के किसान नर्मदा शिप्रा लिंक को चालू करने के लिए एवं उज्जैनी से उज्जैन तक नर्मदा की जो पाइप लाइन सांवेर विधानसभा क्षेत्र के गांव से गई है, उससे क्षेत्र के किसानों एवं तालाबों को पानी उपलब्ध कराने के लिए धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है। 

शिप्रा नदी के किनारे पर होगा प्रदर्शन
इस कड़ी में इंदौर जिले के सेमलियाचाऊ में शिप्रा नदी के किनारे पर किसान सुबह 10 बजे से 12 बजे तक प्रदर्शन करेंगे एवं इंदौर जिले के इसके बाद में देवास जिले की सीमा में नदी के उसे किनारे पर 12 बजे से लगाकर भरी दोपहर 2 बजे तक ग्राम देखना खेड़ी में देवास जिले के किसान प्रदर्शन करेंगे एवं नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना को चालू करने के साथ हाटपीपल्या विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक गांव में नर्मदा का पानी पहुंचाने के संबंध में अपनी बात रखेंगे। किसानों ने सूखी पड़ी नदी में बैठकर शपथ ली है कि जब तक नर्मदा-शिप्रा परियोजना का पानी हमारे जिलों में नहीं आता तब तक आंदोलनों के माध्यम से हम सरकार को जगाने का काम करेंगे।

किसानों का पानी उद्योगों को बेचा
किसान नेताओं ने कहा की मध्य प्रदेश के मुखिया देवास एवं इंदौर जिले के हिस्से का पानी अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए अपने गृह क्षेत्र उज्जैन पाइप लाइन के जरिए ले जा रहे हैं और किसानों के हिस्से का पानी उद्योगों को बेचा जा रहा है। किसान नेताओं ने कहा कि देवास एवं इंदौर जिले के भारतीय जनता पार्टी के सांसद और विधायकों के साथ मंत्री भी कुछ नहीं बोल रहे हैं। किसानों का कहना है कि सांवेर से ही जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट है, बावजूद इसके क्षेत्र के किसान पानी के लिए परेशान हो रहे हैं। 25 फरवरी को होने वाले धरना प्रदर्शन में किसानों ने अपने आसपास के गांवों के किसानों को भी लाने की अपील की है, ताकि उनके हिस्से का पानी शिप्रा नदी में छोड़ा जा सके और वे फसल ले सकें।

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