एस पी मित्तल, अजमेर
माना तो यही जाता है कि सलाहकार अपने मुख्यमंत्री को सही सलाह देंगे। सलाहकार ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिससे मुख्यमंत्री और उनकी सरकार की छवि खराब हो। लेकिन 15 फरवरी को सलाहकार संयम लोढ़ा ने मुख्यमंत्री के भरोसेमंद शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। विधायक के साथ मुख्यमंत्री के सलाहकार बने बाबूलाल नागर के एक सवाल पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि पैराटीचर, शिक्षाकर्मी जैसे संविदा कर्मियों को नियमित करने की कोई परंपरा नहीं है। सरकार इसके लिए मेरी अध्यक्षता में जो कमेटी बनाई है उसकी रिपोर्ट तैयार है, लेकिन कैबिनेट में रखने से पहले रिपोर्ट की जानकारी नहीं दी जा सकती है। कल्ला के इस बयान पर निर्दलीय विधायक और मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा खफा हो गए। लोढ़ा ने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनावी वादों में संविदा कर्मियों को नियमित करने का वादा भी किया था, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि मंत्री को अपनी पार्टी के घोषणा पत्र की ही जानकारी नहीं है, इसलिए परंपराओं का हवाला दे रहे हैं। यदि कांग्रेस सरकार संविदा कर्मियों को नियमित नहीं करती है तो यह राजस्थान के युवाओं के साथ धोखा होगा। सवाल उठता है कि जब मुख्यमंत्री के सलाहकार ही मंत्री पर युवाओं को धोखा देने का आरोप लगा रहे है, तब अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की विश्वसनीयता का क्या होगा? यहां पर उल्लेखनीय है कि पंचायत सहायक से लेकर पैराटीचर्स तक नियमित करने की मांग को लेकर प्रदेशभर में आंदोलन कर रहे है। चुनाव के दौरान घोषणा पत्र में वादा करने के बाद भी संविदा कर्मियों को नियमित नहीं करने को लेकर हजारों युवाओं में भारी नाराजगी है।
सत्ता में आने पर परेशानी होगी:
रीट परीक्षा घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन 15 फरवरी को भी भाजपा विधायकों ने हंगामा किया। प्रश्नकाल के दौरान हो रहे हंगामे पर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। जोशी ने कहा कि भाजपा के विधायक लोकतांत्रिक परंपराओं को तोड़ने का काम कर रहे हैं। प्रश्नकाल को डिस्टर्ब कर भाजपा के विधायक संसदीय परंपराओं के विपरीत काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब आप लोग सत्ता में आओगे तो बहुत तकलीफ होगी। जोशी का कहने का आशय यह था कि यदि कांग्रेस शासन में प्रश्नकाल के दौरान हंगामा हो रहा है तो भाजपा शासन में भी प्रश्नकाल के दौरान हंगामा होगा,तब भाजपा के विधायकों को परेशानी होगी।
सीएम गहलोत का पंजाब दौरा:
पांच राज्यों में से उत्तराखंड और गोवा में विधानसभा के चुनाव के लिए मतदान हो चुका है। वहीं उत्तर प्रदेश के दो चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं, लेकिन इन चुनावों में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कोई भूमिका नजर नहीं आई, लेकिन अब जानकार सूत्रों के अनुसार सीएम गहलोत 16 फरवरी को एक दिवसीय दौरे पर पंजाब जाएंगे। पंजाब में 20 फरवरी को मतदान होना है। तय कार्यक्रम के अनुसार सीएम गहलोत लुधियाना सेंटर और डेराबस्सी में चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। पांच राज्यों में चुनाव घोषणा के बाद यह पहला अवसर है जब सीएम गहलोत कांग्रेस उम्मीदवारों के प्रचार के लिए जा रहे हैं।