राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और कांग्रेस के महासचिव सचिन पायलट ने बीबीसी से बात करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार राज्य की सत्ता का इस्तेमाल करके संवैधानिक संस्थाओं को कमज़ोर कर रही है और विपक्ष को ख़त्म करने का प्रयास कर रही है.
सचिन पायलट ने इंडिया गठबंधन पर बात करते हुए ये भी कहा कि राज्यों के सहयोगी दलों को अधिक जगह देने के लिए कांग्रेस पार्टी ने कई जगहों पर अपने हितों से समझौते भी किए हैं.
कांग्रेस इंडिया गठबंधन का सबसे बड़ा दल है और गठबंधन को आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी भी कांग्रेस की ही मानी जा रही है.
गिरफ़्तार किए गए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समर्थन में बीते रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली हुई.
इस रैली में विपक्ष के नेताओं ने एक सुर में कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार के निशाने पर विपक्ष है.
साथ ही इस रैली में चुनावों में निष्पक्षता-स्वतंत्रता और संवैधानिक संस्थाओं और एजेंसियों के राजनीतिक इस्तेमाल का सवाल भी उठा.
इंडिया गठबंधन मंच पर तो एकजुट दिखा लेकिन पर्दे के पीछे क्या चल रहा है. सीटों के बंटवारे में देरी क्यों हो रही है, इस सवाल पर सचिन पायलट ने कहा, “हमारे गठबंधन में 24 राजनीतिक दल हैं, हर क्षेत्रीय दल में अपनी राजनीतिक ज़मीन को बचाने की ज़रूरत होती है, गिव एंड टेक में समय लग सकता है.”
उन्होंने कहा, “बिहार में हमारा सीटों का बंटवारा हो गया है, महाराष्ट्र में एक-दो सीटों के ऊपर पेंच फंसा हुआ है. उस पर बात हो रही है. लोगों की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं और देश की ज़रूरतों को पहचानना पड़ेगा.”
“हम सभी एकजुटता से चुनाव लड़ रहे हैं. इंडिया अलायंस की सभी पार्टियां एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगी. 2024 में वही होगा जो साल 2004 में हुआ था जब वाजपेयी जी ने इंडिया शाइनिंग का नारा दिया था और ठीक विपरीत कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार आ गई थी.”