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स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों का सम्मान करेगी कांग्रेस !

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डॉ श्रीगोपाल नारसन

अखिल भारतीय स्तर से लेकर जमीनी स्तर तक स्वतंत्रता सेनानी प्रकोष्ठ के माध्यम से देश को आजादी दिलाने वाले राष्ट्रभक्तो को कांग्रेस साथ लेकर चलती थी।प्रधानमंत्री के रूप में राजीव गांधी हमेशा जब भी कोई स्वतंत्रता सेनानी उनसे मिलता,उनके सामने नतमस्तक हो जाते थे।उस समय अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी कांग्रेस प्रकोष्ठ की कमान तत्कालीन सांसद एवं महान स्वतंत्रता सेनानी शीलभद्र याजी सम्भालते थे।जिसकारण स्वतंत्रता सेनानियों व उनके परिवार को अधिकांशतः कांग्रेसी माना जाता था।लेकिन राजीव गांधी के जाने के बाद कांग्रेस अपने इन स्वतंत्रता सेनानियों व उनके उत्तराधिकारियों को प्रायःभूल गई थी,जिनकी बदोलत देश आजाद हुआ और कांग्रेस ने सात दशक तक सत्ता प्राप्त की।कांग्रेस की इस बेरुखी का परिणाम यह हुआ कि स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार भी अन्य पार्टियों की तरफ रुख करने लगे थे,इसी कारण कांग्रेस भी अपना जनाधार खोती चली गई।अपने खोये जनाधार को वापस लाने के लिए उत्तराखंड में स्वतंत्रता सेनानी परिवारो को कांग्रेस से जोड़ने की पहल पिछले बरस प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने शुरू की है।उन्होंने इसके लिए राज्य व जिला स्तर पर स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी कांग्रेस प्रकोष्ठ भी गठित किये है।जिस पहली सभा प्रदेश कांग्रेस स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मुरली मनोहर की अध्यक्षता एवं प्रदेश महामंत्री अवधेश पन्त के संयोजन में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर आयोजित हुई थी।इस प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों की प्रथम बैठक के मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने सभी नवनियुक्त स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी पदाधिकारियों को नियुक्त पत्र व स्मृति चिन्ह देकर उन्हें कांग्रेस परिवार का हिस्सा बनाया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने इस अवसर पर उन महान स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों का भावपूर्ण स्मरण करते हुए कहा कि आज यदि आजादी की हम खुली हवा में सॉस ले रहे है तो वह उन महान स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों की ही देन है जिन्होंने अपने प्राणों को नौछावर कर देश की आजादी के लिए शहादत दी थी। करन माहरा ने कहा कि पूरा देश इन राष्ट्रभक्तो का ऋणी है।लेकिन भाजपा सरकार स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवारों की सुध नही ले रही है। उनके उत्तराधिकारी रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।पिछले कुछ वर्षों से इस देश की सरकारों द्वारा जितनी घोर उपेक्षा स्वतंत्रता सेनानी परिवारों की राजनीतिक विद्वेष की भावना से प्रेरित होकर की गई है वह अपने आप में बहुत ही गंभीर एवं अत्यंत विचारणीय प्रश्न है। आज इस देश के महान स्वतंत्रता के इतिहास को और उन महान विभूतियों के इतिहास को जिन्होंने इस देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुतियां दी थी उनके नाम और काम को भारत के इतिहास से मिटाने का षड्यंत्र भिन्न-भिन्न तरीकों से किया जा रहा है। मीसा बंदियों को महिमा मंडित कर उन्हें लोकतंत्र सेनानी बताकर उनको स्वतंत्रता सेनानियों से ऊपर सम्मानित किया जा रहा है। इसी प्रकार 25 जून को लोकतंत्र हत्या दिवस घोषित कर सरकार द्वारा भारत के इस महान लोकतंत्र का विश्व पटल पर मजाक बनाया जा रहा है। सरकार स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों का अपमान और उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश में अब तक इसलिए सफल हो रही है क्योंकि देशभर में फैले स्वतंत्रता सेनानियों/शहीदों के लगभग दो करोड़ परिवार की शक्ति अभी तक संगठित नहीं हो पाई है तथा उन्हें ऐसा कोई मंच अब तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है जहाॅं वो समान विचारधारा के साथ एकत्रित होकर अपनी राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन कर सकें और सरकार को अपनी ताकत का एहसास करा सकें।

इन सब बातों से आहत होकर उत्तराखंड कांग्रेस स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी प्रकोष्ठ के तत्वाधान में दिनांक 25 अगस्त को उत्तराखंड देवभूमि हरिद्वार में स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों के उत्तराधिकारियों का एक राष्ट्रीय स्तर का समागम सैनी आश्रम ज्वालापुर (हरिद्वार) में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें देश भर के विभिन्न राज्यों से आए तमाम स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों के परिवारों को एक माला में पिरोकर उन्हें अपने पूर्वजों के मान- सम्मान और अपने स्वयं के अस्तित्व की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धित और संकल्पित किया जाएगा। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में इस आशय का एक प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पास कराया जाएगा की उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के अनुरूप ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के द्वारा भी राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी प्रकोष्ठ का गठन किया जाए जिसकी शाखाएं सभी राज्यों में स्थापित की जाएं ताकि समान विचारधारा वाले स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों के उत्तराधिकारियों को एक उपयुक्त मंच अपनी बात कहने और अपना शक्ति प्रदर्शन करने के लिए उपलब्ध हो सके।जबकि आजादी के बाद देश ने कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में विकास के मार्ग पर बहुत तेजी से आगे बढ़ कर विश्व में अपना एक विशेष स्थान बनाया था, वहीं आज पूरा विश्व भारत को एक आर्थिक शक्ति के रूप में देख रहा है। माहरा के शब्दों में, कांग्रेस पार्टी ने सदैव साम्प्रदायिक सौहार्द एवं भाईचारे का वातावरण बनाने में सफलता प्राप्त की। इसी कारण कांग्रेस आज दावे के साथ कह सकती है कि आज बेसक हम केन्द्र व राज्य में सत्ता में न हो परन्तु विपक्ष के रूप में भी कांग्रेस लोकतांत्रिक मर्यादा में रहते हुए जनभावनाओं के अनुरूप केन्द्र व राज्य की वर्तमान सरकारों पर सही दिशा में चलने के लिए दबाव बनाये रखेगी।उन्होंने चिंता व्यक्त की कि आज भारत के पड़ोसी देशों द्वारा देश की सीमाओं पर जिस प्रकार का माहौल बनाया जा रहा है, वह गम्भीर विषय है,जिसपर ध्यान देना जरूरी है।हालांकि भारत के वीर सैनिक देश की सीमाओं की रक्षा के लिए सदैव तत्पर हैं। उन्होंने कांग्रेस के उन तमाम सेनानियों को बधाई दी जो कांग्रेस के मूल्यों के लिए गली-गली, गांव-गांव अलख जगाये रखने को काम कर रहे हैं।उन्होंने राज्य निर्माण के आन्दोलनकारियों को भी बधाई दी जिनके संघर्ष और बलिदान से उत्तराखण्ड राज्य की प्राप्ति हुई है। आज सत्ता में बैठी कुछ ताकतों द्वारा देश की आजादी के लिए कुर्बानियां देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को भुला कर देश की जनता को गुमराह कर छद्म राष्ट्रवाद का नारा देने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के साथ साथ स्वतंत्रता सेनानी परिवारों ने भी चिंता प्रकट की।इसी मुद्दे पर व स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी कांग्रेस का राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस प्रकोष्ठ गठित करने के उद्देश्य से हरिद्वार में यह सम्मेलन आयोजित कर रहा है।
स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मुरली मनोहर ने बताया कि स्वतत्रंता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी प्रकोष्ठ का अखिल भारतीय स्तर पर पुर्नगठन करने, कांग्रेस घोषणा पत्र में उत्तराधिकारियों के मांगो को स्थान देने, नेता प्रतिपक्ष से विधानसभा में प्रमुख मांगो को उठाये जाने, पूर्व की भॉति सेनानी आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज, आरक्षण दिये जाने जैसी महत्वूपर्ण मांगो को पुरजोर ढंग से सम्मेलन में रखा जाएगा।स्वतंत्रता सेनानी परिवार से प्रकोष्ठ के महामंत्री बने अवधेश पन्त, सुरेन्द्र कुमार सैनी आदि स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारियो ने कांग्रेस के खोये जनाधार को वापस लाने की प्रतिबद्धता को सम्मेलन में दोहराने की बात कही है।
(लेखक अमर शहीद जगदीश प्रसाद वत्स के भांजे व स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के मुख्य प्रवक्ता है)

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