ललित वर्मा
कहानी बेहद क्रूशल हो चुकी थी। एक-दूसरे पर जान छिड़कने वाले दोस्त कट्टर दुश्मन बन गए थे। इमोशन चरम पर, आगे क्या होगा। तभी फोन की घंटी बजी। दूसरी तरफ वाइफ: सुनो, आपने किसी से मुझे 10 हजार रुपये पेटीएम करने को बोला है क्या? ‘नहीं तो।’ ‘तो ये कौन हैं जो मुझे कह रहा है कि आपके पति ने मुझे आपको 10 हजार ट्रांसफर करने को बोला है इसलिए एक पेटीएम पेज भेजा है। उस पर तुरंत क्लिक करो तो पैसा आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा।’ ‘हैं… बिलकुल मत करना।’ ‘हां-हां नहीं किया, आप इनसे बात कर लो। मर्ज कर रही हूं कॉल।’ और फिर मैं उससे बात करने लगा जो मेरा नाम संदीप बता रहा था। ज्यादा बात किए बगैर मैंने उसे ये कहकर फोन काट दिया कि गलत जगह पैसे ट्रांसफर कर रहे हो। सही नंबर डायल करो। ये रॉन्ग नंबर है। ऐसे ही फोन दो दिन बाद चाचा जी और बड़े भाई के पास आए।
असल में ये रॉन्ग नंबर नहीं थे। फ्रॉड की शातिर कोशिशें थीं। जैसे ही उस पेज पर क्लिक किया जाता, पेटीएम से 10 हजार उसे ट्रांसफर हो जाते। फिर करते रहो जिसे शिकायत करनी है। ऐसे फ्रॉड कॉल्स बहुत आम हो चुके हैं। एक तरीका एक्स्पोज हो जाता है तो ठग नया तरीका खोज लेते हैं। आपको सोचने के लिए 3 मिनट से भी कम देते हैं। जैसे ही झांसे में आते हैं, बड़ी चपत लग चुकी होती है। ऐसे फ्रॉड के लिए एक शब्द है फिशिंग। फिशिंग कहते हैं मछली पकड़ने को। मछली पकड़ने के लिए तार से बंधे कांटे पर आटा या मछली का चारा लगाकर उसे पानी में लटकाया जाता है। चारे के लालच में जैसे ही मछली उसे खाती है, कांटा उसके तालु में फंस जाता है। वह खुद किसी का चारा बन जाती है। ठीक यही करता है दूर बैठा ठग। वह आपको एक लालच देता है। लालच हर जीव की मूल कमजोरी है। जानवर खाने के लालच में फंसते है, आदमी रुपयों के लालच में। जो संयमी होता है, वह समझ जाता है। आगे पांव नहीं बढ़ाता और बच जाता है।
आज फिशिंग इतने तरीके से हो रही है कि गिनना मुश्किल है। कई ऑनलाइन ठगियां आपके बस में नहीं, लेकिन गौर कीजिए, अधिकतर ठगियों के मूल में ठगे जाने वाले का लालच होता है। आपकी लॉटरी निकल गई है, इतने दीजिए, पैसा मिल जाएगा। इस लिंक पर क्लिक कीजिए, इतने पैसे आपके अकाउंट में। बिना कुछ किए इतने रुपये महीना कमाएं, इस लिंक पर जाएं। यानी जितनी तरह के लालच, उतने तरीके से फिशिंग।
फिशिंग से बचने का दमदार तरीका है लालच पर नियंत्रण। वैसे तो लोभ और मोह से बड़े-बड़े नहीं बच पाए, लेकिन कम से कम शॉर्टकट से कमाने का मोह त्यागकर तो अपनी जेब कटवाने से बच ही सकते हैं। फैसला आपका है। तैरना है कि फंसना है।