जबलपुर में बन रहे 800 करोड़ रुपए के फ्लाईओवर में घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार की बात सामने आई है। निर्माण में लापरवाही के चलते फ्लाईओवर में दरारें आईं, जिससे जांच के आदेश दिए गए और चीफ इंजीनियर का तबादला हुआ। कांग्रेस ने प्रशासन और सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
जबलपुर में बन रहे एक 800 करोड़ रुपए के फ्लाईओवर में घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार की बात सामने आई है। प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद विभाग ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की है। इसमें चीफ इंजीनियर के तबादले से लेकर जांच कमेटी बनाना सब कुछ हो गया है। विपक्षी दल कांग्रेस ने भी मौका पाकर सरकार पर जमकर निशाना साधा है। हाल ही में उद्घाटन के बाद फ्लाईओवर में दरारें आ गईं, जिससे पूरे निर्माण विभाग हड़कंप मच गया है।
दरअसल, जबलपुर शहर के मदन महल चौक से दमोह नाका तक बन रहा राज्य का सबसे बड़ा फ्लाईओवर विवादों के घेरे में है। इसकी लागत लगभग आठ सौ करोड़ रुपए है। निर्माण में लापरवाही और घटिया सामग्री के इस्तेमाल के चलते फ्लाईओवर के एक हिस्से में दरारें आ गईं। इस घटना के बाद लोक निर्माण विभाग हरकत में आया और जांच के आदेश दिए। साथ ही चीफ इंजीनियर एससी वर्मा का तबादला रीवा कर दिया गया। एमपी कांग्रेस ने सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
15 दिनों में मिलेगी मामले की रिपोर्ट
इस मामले में पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर केपीएस राणा ने चार सदस्यों वाली जांच कमेटी बनाई है। यह कमेटी 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी। फ्लाईओवर का एक हिस्सा हाल ही में शुरू हुआ था। लेकिन कुछ ही दिनों में उसमें दरारें दिखने लगीं।
मामले को सियासी रंग देते हुए प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी पॉलिटिकल पार्टी कांग्रेस ने सत्ताधारी भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने प्रशासन पर बड़े स्तर पर गड़बड़ घोटाला करने के आरोप लगाए हैं। वहीं उन्होंने भ्रष्टाचार और कमीशनबाजी को लेकर भी सरकार को आड़े हाथों लिया है।
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