मौजूद राजकीय ब्यवस्था में चंद लोगों की उड़ान को खुला गगन और आम जन को कीडे मकोडे जैसे सरकने कीचड़ के हालात मिले है।*
ग्राम चकडौर में मालिक मुलाकात का आयोजन किया गया। मालिक मुलाकात में क्षेत्रीय कई ग्रामों के ग्रामीण उपस्थित रहे। मालिक मुलाकात के वक्ताओं ने अपनी बात रखते हुए मौजूदा व्यवस्था जो संविधान के विपरीत काम कर रही है उस पर अपने विचार रखते हुए चिंता प्रगट की। मालिक मुलाकात में अपनी बात रखते हुए टोको-रोको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने कहा कि जहां संविधान में जनता को संप्रभु स्वीकार किया गया है और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से जनता के राज करने की बात कही गई है लेकिन इसके उल्टा जनप्रतिधि, नौकरशाह, उद्योगपति, और माफिया की चौकड़ी साही भूमिका में है।
उमेश तिवारी ने कहा कि देश मे विकास का मायना गढ़ने की साजिश की गई है जिसके तहत हम आप मनाने लगे हैं की विकास का मतलब है औद्योगीकरण और उद्योग का मालिक कौन होगा ? निश्चित ही अमीर ! मुनाफा किसकी जेब में जायेगा ? निश्चित ही अमीर के जेब में। इस उद्योग के लिए प्राकृतिक संसाधन लूटे जायेगे जिस पर सब का हक है। इस उद्योग के लिये ज़मीन किसकी ली जायेगी ? निश्चित ही किसान की गरीब की विकास का मतलब तो हो गया है की सरकारी तंत्र के दम पर किसान से गरीब से आदिवासी से ज़मीन छीन लो अमीर को दे दो इसे ही हम विकास कहते हैं, इसे ही हम लोकतन्त्र भी कहते हैं। इस तरह के विकास के लिये जाति, सांप्रदायिकता को हवा देने वाले, गरीबों को कीड़ा मकौड़ा समझने वाले राजनैतिक दलों को ही हमारा समर्थन और वोट मिलता है। इसका मतलब है कि जल जंगल जमीन खनिज संसाधनों की इस लूट में हम भी शामिल हैं क्योंकि मौन होकर हम तमाशा देखते हैं, इस शोषण के खिलाफ आवाज नहीं उठाते हैं क्योंकि हम सोचते हैं कि हमसे क्या ? जब हम पर ये शोषण होगा तब देखेंगे।
उमेश तिवारी ने कहा कि जल जंगल जमीन से आदिवासियों को बेदखल किया जा रहा है, बाजार और सत्ता के गठजोड़ से आदिवासी सबसे अधिक संख्या में पलायन और विस्थापन को मजबूर हुए हैं और जो जंगलों में बचे हैं उनकी स्थिति बिना जड़ के पेड़ जैसी हो गई है। यह तबका उद्योगपति और सरकार की दोहरी मार झेल रहा है। नदियों जंगलों पहाड़ों से उनकी पहचान समाप्त करने और अब उनकी हत्या आम बात हो गई है कभी नक्सली के नाम पर कभी फर्जी एनकाउंटर के नाम पर आदिवासियों की जान कितनी सस्ती हो गई है।
आप भी तो इस सब के बारे में जानिये, यह देश आपका भी तो है।
मालिक मुलाकात में अपनी बात रखते हुए एकता परिषद की जिला समन्वयक सरोज सिंह ने कहा कि देश प्रदेश सहित सीधी जिले में भी साजिस के तहत आदिवासियों को विस्थापित कर उन्हें उनके पुरखो से प्राप्त जल, जंगल, जमीन से बेदखल किया जा रहा है। चाहे संजय टाइगर रिजर्ब के 54 गाँव हो गुलाब सागर बांध डूब से प्रभावित कई गांव हो पॉवर प्लांट के नाम पर मूसामूडी भुमका गांव के विस्थापन का सवाल हो प्रभावित अधिकतर आदिवासी ही है।
मालिक मुलाकात में अपनी बात रखते हुये क्रांतिकारी मोर्चा के शिवकुमार सिंह ने सत्तधिसो द्वारा कायदे कानून की धज्जियां उड़ाए जाने पर नाराजगी ब्यक्त की। उन्होंने कहा कि पैसा कानून, 5वी और 6वी अनुसूची, बनाधिकार अधिनियम के पालन न होने को मौजूदा ब्यवस्था को संबिधान के विपरीत काम होना बताया।
मालिक मुलाकात को सूर्यवाली सिंह जनपद सदस्य, तेजभान सिंह पूर्व सरपंच, श्यामलाल प्रजापति सरपंच, अजय सिंह, यज्ञशरण सिंह जनपद सदस्य, गैबीनाथ गुप्ता पंच, प्रवीण तिवारी, भैयालाल सिंह, सूर्यप्रकाश पांडेय, सुकवारिया सिंह, रामरती सिंह, हनुमान यादव ने भी संबोधित किया। मालिक मुलाकात में पहुंचे ग्रामीणों ने सर्वानुमति से निर्णय किया कि गांव गांव में मालिक मंडल का गठन किया जाएगा।
आयोजित कार्यक्रम का सफल संचालन राजकुमार तिवारी के द्वरा किया गया।
उमेश तिवारी सीधी (मध्य प्रदेश)