म सेंचुरी के समस्त मजदूर, सेंचुरी के नारी शक्ति, सभी युवा शक्ति एवं रोजगार पक्ष के स्टाफ- *हम आदरणीय मेधा ताई जी के ऊपर लगे झूठे आरोपों और FIR को खारिज करने की मांग करते हैं* ।
इतिहास देखा जाए तो आंदोलनकारियों के ऊपर अक्सर झूठे केस लगते रहे हैं क्योंकि आंदोलनकारी उसी के सामने खड़े होकर लड़ते हैं जो सत्ता पक्ष में रहते है। नर्मदा बचाओ आंदोलन के देवाराम कनेरा के ऊपर 184 मुकदमे कायम किए गए थे जिसमें से 179 मुकदमों में उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया गया , मात्र पांच मुकदमे वर्तमान समय में विचाराधीन है। इस बात से भी स्पष्ट हो जाता है कि आंदोलनकारियों के ऊपर दुर्भावनापूर्ण उद्देश्य से मुकदमे कायम करवाए जाते हैं।
नर्मदा बचाओ आंदोलन विश्व की ऐसी आंदोलन है जो *गरीबोँ,शोषितों, पीड़ितों मजदूरों ,असहायों और किसानों को न्याय दिलाती है* ।
*नर्मदा बचाओ आंदोलन सेंचुरी के मजदूरों के लिए जीवन का एक वरदान साबित हुआ है* । क्योंकि बिरला मैनेजमेंट ने हमारी जीवन को उजाड़ने की पुरी तैयारी कर ली थी। लेकिन यही नर्मदा बचाओ आंदोलन की समाज सेविका सेंचुरी के मजदूरों के लिए एक फरिश्ता बन कर आती है और हमें हमारा हक बताती है, सिखाती है और न्याय दिलाती है ।
आज नर्मदा बचाओ आंदोलन की वजह से ही हम 4 साल तक अपना हक लिये और बचे हुए अधिकारों के लिए मैदान में खड़े हैं , संघर्ष कर रहे हैं और अपना हक और अधिकार लेकर ही रहेंगे । इसमें नर्मदा बचाओ आंदोलन पुरी सहयोग की थी , कर रही है और सहयोग कर न्याय भी दिलायेगी।
इसलिए हम सरकार से विनम्र आग्रह करते हैं कि नर्मदा बचाओ आंदोलन या आदरणीय मेधा पाटकर जी के उपर लगे आरोप सरासर गलत और बेबुनियाद है । हम उनके ऊपर लगे केस को खारिज करने की मांग करते हैं । और हम पूर्ण आशा करते हैं कि इस झुठी आरोपों को आप निरस्त या निरस्त कर देंगे । *धन्यवाद*
*श्रमिक जनता संघ*