*संयुक्त किसान मोर्चा ने सांसद शंकर लालवानी के कार्यालय पर किया प्रदर्शन ,दिया ज्ञापन*
इंदौर ।संयुक्त किसान मोर्चा ने देश भर के सांसदों विधायकों के निवास पर किसानों की मांगों को लेकर 21से 23 फरवरी तक प्रदर्शन का आवाहन किया है । इसी के तहत इंदौर में भी संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान संगठनों ने आज सांसद शंकर लालवानी के कार्यालय पर प्रदर्शन किया और किसानों की समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया ।उक्त जानकारी देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव ने बताया कि मोर्चे के घटक संगठन अखिल भारतीय किसान सभा, किसान संघर्ष समिति, भारतीय किसान मजदूर सेना, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन और किसान सभा अजय भवन के कार्यकर्ता प्रदर्शन में शामिल थे ।प्रदर्शन का नेतृत्व रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव,अरुण चौहान, रुद्रपाल यादव और सोनू शर्मा आदि ने किया । प्रदर्शन में प्रमुख रूप से शैलेंद्र पटेल, प्रमोद नामदेव,सोहराब पटेल, मोहम्मद अली सिद्दीकी, कैलाश यादव, मनोज हारडिया, मुकेश चौधरी आदि शरीक थे ।
दिए गए ज्ञापन में एमएसपी गारंटी लागू करने, सभी किसानों का कर्ज मुक्त करने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, घोड़ा रोज से हुई फसल बर्बादी का मुआवजा धारा 6-4 के तहत दिए जाने प्याज, सोयाबीन और गेहूं की भावांतर एवं बोनस की बकाया राशि का तत्काल भुगतान करने, निरंजनपुर मंडी को वेध मंडी बनाए जाने, अजय मिश्रा टेनी को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने, भूमि अधिग्रहण पर चार गुना मुआवजा दिया जाए। किसानों को ₹10000 पेंशन दी जाए। मनरेगा में अनिवार्य रूप से 200 दिन काम और₹600 प्रति दिन मजदूरी का प्रावधान किया जाए ।4 वर्ष से प्याज और सोयाबीन की भावांतर बकाया राशि का भुगतान तत्काल किया जाए। इंदौर में 186 किसानों के बकाया पौने तीन करोड रुपए का भुगतान मंडी निधि से किया जाए ।घोड़ा रोज़ की समस्या को युद्ध स्तर पर समाधान किया जाए।
मध्य प्रदेश सरकार किसानों को सभी कृषि उत्पादों की एमएसपी (सी-2 + 50%) पर खरीदी की कानूनी गारंटी, सभी किसानों की सम्पूर्ण क़र्ज़ा मुक्ति, किसानों को प्रति माह 10 हजार रुपए पेंशन देने, राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम वेतन प्रति माह 26,000 रूपये कराने, मजदूर विरोधी चार श्रम संहिता वापस लेने,
मनरेगा मजदूरों को 200 दिन, 600 रूपये प्रतिदिन की मजदूरी देने, अनावारी की इकाई पटवारी हल्का की जगह किसान का खेत बनाने, आवारा पशुओं से नष्ट हुई फसलों का मुआवजा देने की मांग की गई है।
भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि गेहूं की समर्थन मूल्य पर 2700 रुपए प्रति क्विंटल से खरीदी की जाएगी। लेकिन सरकार बनने के बाद सरकार ने यह वादा पूरा नहीं किया है अतः मांग करते हैं कि मध्य प्रदेश की सभी मंडियों में गेहूं की खरीदी 2700 रुपए प्रति क्विंटल पर ही की जाए।
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