समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी पहली सूची जारी कर दी है। मैनपुरी से डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री लालजी वर्मा को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। बीते विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बसपा छोड़कर वे सपा में शामिल हुए थे। पार्टी ने उन्हें कटेहरी विधानसभा सीट से टिकट दिया था। वे चुनाव जीतकर विधायक भी बने। विधायक रहते अब सपा ने उन्हें लोकसभा का प्रत्याशी अधिकृत तौर पर घोषित किया है। बसपा सरकारों में कैबिनेट मंत्री रह चुके लालजी टांडा सीट से भी विधायक रह चुके हैं।
प्रत्याशियों की सूची इस प्रकार है-
- संभल से शफिकुर्ररहमान बर्क
- फिरोजबाद से अक्षय यादव
- मैनपुरी से डिंपल यादव
- एटा से देवेश शाक्य
- बंदायू से धर्मेंद्र यादव,
- खीरी से उत्कर्ष वर्मा
- धौरहरा से आनंद भदौरिया
- उन्नाव से अन्नु टंडन
- लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा
- फर्रुखाबाद से डॉ नवल किशोर शाक्य
- अकबरपुर से राजाराम पाल
- बांदा से शिवशंकर सिंह पटेल
- फैजाबाद से अवधेश प्रसाद
- अंबेडकरनगर से लालजी वर्मा
- बस्ती राम प्रसाद चौधरी
- गोरखपुर से काजल निषाद को सपा ने प्रत्याशी बनाया है।
इंडिया गठबंधन को लेकर स्थिति बहुत साफ नहीं
लोकसभा चुनावों को लेकर समाजवादी पार्टी पिछले कुछ समय से काफी सक्रिय नजर आ रही है। अभी कुछ दिन पहले ही पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा था कि उत्तर प्रदेश में ‘INDIA’ में सीट बंटवारे को लेकर सहमति गई है। लोकसभा की 11 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। हालांकि इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा था कि सपा को बड़ा दिल दिखाना चाहिए। सूत्रों की माने तो कांग्रेस 20 सीटों की मांग कर रही है।
सपा की रणनीति में पीडीए को प्रमुखता
पिछड़ों, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) सरकार का नारा बुलंद करने वाली सपा अगड़ों को भी जोड़ने की मुहिम शुरू करने जा रही है। समाजवादियों की रणनीति है कि पीडीए को उनके अधिकार दिलाएंगे, पर किसी का भी साथ लेने से कोई परहेज नहीं है। यही वजह है कि क्षत्रिय, ब्राह्मण, वैश्य और कायस्थ समाज के बीच पैठ बढ़ाने की योजना पर भी पार्टी काम कर रही है।
मैनपुरी के इस दिग्गज नेता ने दिया इस्तीफा
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुटे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को उनके ही गढ़ मैनपुरी में बड़ा झटका लगा है। दरअसल यहां से उनके बेहद करीबी माने जाने वाले नेता मनोज यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं मनोज यादव ने अपने इस फैसले के पीछे की हैरान कर देने वाली वजह भी बताई…
बताई ये वजह
सपा नेता और देश की नामी कंस्ट्रक्शन कंपनियों में शामिल राज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के मालिक मनोज यादव ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। मनोज सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि सपा में पारिवारिक विवाद के साथ ही गुटबाजी बढ़ गई है। नेता एक दूसरे की टांग खींचने में लगे हुए हैं। इससे आहत होकर वे सपा का दामन छोड़ रहे हैं।
मोदी सरकार की तारीफये भी पढ़ें –
उन्होंने इस दौरान मोदी सरकार में हो रहे कार्यों की भी तारीफ की। बता दें कि मनोज यादव अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं। साथ ही दिसंबर 2022 में मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी उन्होंने डिंपल यादव की मदद की थी। उनके इस्तीफे से अलग-अलग चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है। मनोज यादव सपा के टिकट पर घिरोर से ब्लॉक प्रमुख भी रह चुके हैं।