सनत जैन
भारतीय छात्रों को अमेरिका और कनाडा में अवैध रूप से प्रवेश कराने के एक बडे रैकेट का खुलासा हुआ है। यह रैकेट न केवल छात्रों और उनके अभिभावकों को भ्रमित करता है, बल्कि विदेशी शिक्षा के नाम पर उनके भविष्य को भी अंधकार मय बनाकर करोड़ों रुपए की कमाई कर रहा है। एक खुलासे में बताया गया है कि लगभग 200 कनाडाई कॉलेज इस रैकेट का हिस्सा हैं।
कनाडा के कॉलेजों में छात्रों को प्रवेश दिलाकर उन्हें अवैध रूप से अमेरिका भेजा जाता है। इस रैकेट की कार्यप्रणाली में छात्रों को आकर्षक पैकेज और अमेरिका का वीजा दिलाने का वादा किया जाता है। भ्रमित कर छात्रों को कनाडा के कॉलेजों में प्रवेश दिलाया जाता है। उसके बाद अवैध रूप से अमेरिका पहुंचाने का काम होता है। वीजा आवेदन में गलत जानकारी देकर छात्रों को अवैध रूप से अमेरिका भेजा जाता है। जहां वह कानूनी सुरक्षा से वंचित हो जाते हैं। इस रैकेट का सबसे बडे शिकार वे छात्र होते हैं, जो बेहतर भविष्य की तलाश में अपने परिवार की समस्त पूंजी को दांव पर लगा देते हैं। अवैध रूप से कनाडा से अमेरिका पहुंचते हैं तो वह अवैध प्रवासी बन जाते हैं। जो उनको अपराधी बना देता है।
इस तरह से गए छात्रों को आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ता है। उनका केरियर बर्बाद हो जाता है। भारत में रह रहे उनके परिवार के लोग परेशान हो जाते हैं। इस तरह की अवैध घुसपैठ से भारत की छवि भी दुनिया के देशों में खराब हो रही है। इस मामले में भारत सरकार की लापरवाही के कारण इस तरह के रैकेट्स बड़ी तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। भारत सरकार को उन पर सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए, जो अभी तक नहीं की जा रही है। भारत सरकार द्वारा छात्रों और उनके अभिभावकों को जागरूक करना आवश्यक है ताकि वे इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार न बनें। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय को यह सुनिश्चित करना चाहिए। विदेश में अध्ययन के लिए जाने वाले छात्रों के लिये सत्यापित संस्थानों की सूची उपलब्ध कराई जाए। विदेशी शिक्षा के नाम पर धोखाधड़ी को रोकना अत्यावश्यक है। सरकार, शिक्षण संस्थान और सामाजिक संगठनों को मिलकर जन-जागरण का काम करना होगा। ताकि भारतीय छात्रों का भविष्य देश और विदेश में सुरक्षित रहे।
यह समझने की बात है कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं है। यह युवा पीढ़ी के समग्र विकास और नैतिक मूल्यों एवं उनके केरियर का आधार भी है। छात्रों को सही दिशा में मार्गदर्शन देना, सरकार, शिक्षा मंत्रालय एवं सामाजिक संगठनों की सामूहिक जिम्मेदारी है। जिस तरह से पढ़ाई के नाम पर भारतीय युवाओं को ठगा जा रहा है। उन्हें अनजाने में अपराधी बनाया जा रहा है। छात्रों के परिवार अपने बच्चों का कैरियर बनाने के लिए लाखों रुपए की धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैं। विदेश भेजने के लिए छात्रों के परिवारजन, लाखों रुपए का कर्ज लेते हैं। ऐसी स्थिति में सरकार की जिम्मेदारी है कि इस तरह से यदि कोई धोखाधड़ी हो रही है तो उस पर तुरंत कड़ाई से रोक लगाने की कार्रवाई करे। अभी पढ़ाई के नाम पर जिस तरह से अवैध गतिविधियां भारत – कनाडा और अमेरिका के शिक्षण संस्थानों में अपराधी गिरोह द्वारा शिक्षा के नाम पर संचालित की जा रही हैं, उन पर तुरंत रोक लगाए जाने की जरूरत है। इस गोरख धंधे में जो बच्चे बैंक से एजुकेशन लोन लेकर विदेशों में पढ़ाई करने के लिए जाते हैं, वे धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैं। बैंक का लोन जो विदेशी मुद्रा में दिया जाता है। उसका नुकसान भी बैंकों को उठाना पड़ रहा है। इसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। सरकार को इस मामले में जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है।
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