~ दिव्यांशी मिश्रा
खुशियों और उल्लास के त्योहार दिवाली की एक सबसे अच्छी बात क्या है, की इस दौरान बिना जिम जाए फुल बॉडी वर्कआउट हो जाती है। दिवाली के पहले पूरे घर की साफ-सफाई का प्रचलन पुराने समय से चला आ रहा है। लोग आज भी इसे फॉलो करते हैं। ज्यादातर लोग दिवाली पर खुद से घर की साफ सफाई करने को प्राथमिकता देते हैं। साफ-सफाई के दौरान धूल, गंदगी और प्रदूषकों के साथ ही केमिकल युक्त क्लीनिंग एजेंट के इस्तेमाल से तमाम तरह के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
बहुत से लोग दिवाली पर घर के कंस्ट्रक्शन का काम करवाते हैं, जिसमें घर में काफी ज्यादा धूल गंदगी हो जाती है। इसकी वजह से भी आपका शरीर संक्रमित हो सकता है। इस दौरान सबसे ज्यादा रेस्पिरेट्री प्रॉब्लम्स परेशान करती हैं। इसलिए सफाई करते वक्त संक्रमण से बचाव का विशेष ध्यान रखें।
*क्यों बीमार करती है सफाई?*
साफ सफाई के दौरान धूल, गंदगी, छोटे-छोटे प्रदूषक कण, पालतू जानवरों के बाल आदि सांस के माध्यम से शरीर के अंदर प्रवेश करते हैं, जिसकी वजह से गले में असहज महसूस होता है।
सर्दी, खांसी, जुकाम सहित बार-बार छींक आने जैसी एलर्जी हो सकती है। इतना ही नहीं यदि धूल गंदगी की अधिक मात्रा सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाए, तो फेफड़ों के संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है।
वाली की सफ़ाई के दौरान धूल, फफूंद या ख़तरनाक रसायनों के संपर्क में आने से संक्रमण हो सकता है।
*1. सेफ्टी एसेसरीज का इस्तेमाल करें :*
अपनी त्वचा, आंखों और फेफड़ों को धूल और केमिकल्स से बचाने के लिए, जब भी आप सफ़ाई करें, दस्ताने, मास्क और चश्मे का इस्तेमाल करें। धूल के कणों को सांस में जाने से बचाने के लिए मास्क का इस्तेमाल करके आप श्वसन संबंधी बीमारियों को रोक सकती हैं। इस प्रकार आपके शरीर में किसी भी प्रकार के हानिकारक कण नहीं पहुंचते हैं, और आप संक्रमण से पूरी तरह से बच जाती हैं।
*2. वेंटिलेशन पर ध्यान दें :*
साफ सफाई कभी भी बंद कमरे में न करें, हमेशा खिड़की दरवाजे खुले रखें, ताकि प्रदूषण को बाहर निकलने के लिए जगह मिल सके। पर्याप्त वायु संचार सुनिश्चित करने के लिए, दरवाज़े और खिड़कियां खुली रखें। नतीजतन, धूल और सफ़ाई एजेंट के धुएं का जमाव कम होता है, जिससे श्वसन संबंधी बीमारियों और एलर्जी का खतरा कम हो जाएगा। जो लोग बंद कमरे में सफाई करते हैं, उनमें संक्रमण का अधिक खतरा होता है।
*3. साफ- सफाई करने के लिए सौम्य चीजों का इस्तेमाल करें :*
दिवाली की सफाई के दौरान अक्सर लोग हानिकारक केमिकल्स को क्लीनिंग एजेंट के तौर पर इस्तेमाल करते हैं, जो सेहत के लिए बेहद नकारात्मक साबित हो सकता है। ऐसे मज़बूत रसायनों से दूर रहें जो श्वसन प्रणाली और त्वचा को परेशान कर सकते हैं। संक्रमण प्रतिक्रियाओं की संभावना को कम करने के लिए, बेकिंग सोडा, सिरका या सौम्य डिटर्जेंट जैसे प्राकृतिक क्लींजिंग प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें। इन सामग्रियों से आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।
*4. आराम करें और खूब पानी पिएं :*
दिवाली की सफाई काफी लंबी चलती है, पूरे घर को साफ करना कोई छोटा-मोटा काम नहीं है। चाहे कितने भी हेल्पर मौजूद हों, ज्यादातर लोग आज भी दिवाली की सफाई खुद से करना पसंद करते हैं। लंबे समय तक सफ़ाई करने से थकान हो सकती है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इस प्रकार संक्रमण तथा बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
खासकर दिवाली के महीने में मौसम बदल रहा होता है, जिसकी वजह से पहले से ही संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए इस मौसम ज्यादातर लोग बीमार पड़ते हैं। अपनी ऊर्जा के स्तर को स्थिर रखने के लिए, बीच-बीच में रुकें और खूब पानी पिएं। वहीं नियमित रूप से फल एवं सब्जियों का सेवन करें, साथ ही विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों पर फोकस करें।
*5. संक्रमण को शुरुआत में ही रोकें :*
दिवाली की साफ सफाई के दौरान अगर आपको गले में खराश, नाक में खुजली या हाथ एवं पैरों में किसी प्रकार की असुविधा महसूस होती है, तो फौरन इसपर ध्यान दें। यदि आप इसे कुछ देर के लिए भी नजरअंदाज करती हैं, तो परेशानी बढ़ सकती है। गले में खुजली, खराश या भारीपन महसूस होने पर गुनगुना पानी पिएं। इससे संक्रमण फैलने वाले बैक्टीरिया को मारने में मदद मिलेगी।
इसके अतिरिक्त अदरक की चाय, तुलसी की चाय के साथ ही काली मिर्च और दालचीनी की चाय पी सकती हैं। इन सभी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीफंगल प्रॉपर्टीज पाई जाती है, जो गले में संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकती हैं। (चेतना विकास मिशन).