डॉ. श्रेया पाण्डेय
जॉन्डिस एक कॉमन स्वास्थ्य समस्या है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को यहां तक कि नवजात शिशुओं को भी हो सकती है। हम में से ज्यादातर लोगों ने कभी न कभी जॉन्डिस का सामना जरूर किया होगा। कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में यह समस्या अधिक फ्रीक्वेंटली देखने को मिलती है। हालांकि, बार-बार जॉन्डिस होना खतरनाक हो सकता है।
इसलिए इसके लक्षणों पर ध्यान देकर उपचार की दिशा में पहल करनी चाहिए। मगर इस दौरान उन मिथ्स से बचना भी जरूरी है, जो पीलिया के बारे में भ्रामक अवधारणाएं फैलाते हैं। ये मिथ्स न केवल जॉन्डिस के उपचार को जटिल बना देते हैं, बल्कि पीड़ित व्यक्ति और उसके परिवार वालों पर भी अनावश्यक मानसिक दबाव बनाते हैं।
कुछ पीलिया के बारे में कुछ मिथ्स ऐसे हैं जो सालों से बने हुए हैं। किसी भी बीमारी से बचाव के लिए और उन्हें ट्रीट करने के लिए सबसे पहले हमें उसके बारे में सही जानकारी होना जरूरी है।
*क्या है जॉन्डिस या पीलिया?*
पीलिया रक्त में बिलीरुबिन नामक पदार्थ के निर्माण के कारण होता है। पीलिया की स्थिति में आपकी त्वचा और आपकी आंखों का सफेद भाग पीले रंग का हो जाता है। जब आपका लीवर संक्रमित या डैमेज हो जाता है और बिलीरुबिन को ठीक से संसाधित नहीं कर पता तब पीलिया की स्थिति उत्त्पन होती है।
इस स्थिति को हेपेटाइटिस कहा जाता है और यह आमतौर पर शराब, वायरस या कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव के कारण भी होता है।
पीलिया के प्रमुख लक्षणों में त्वचा का पीलापन, पीली आंखें (सफेद हिस्सा), पूरे शरीर में खुजली, गहरे पीले रंग का यूरिन और हल्के रंग का मल, और कभी-कभी पेट में दर्द और बुखार शामिल हैं।
*जॉन्डिस के बारे में प्रचलिए कुछ मिथ्स और फैक्ट :*
मिथ 1.
बच्चे को पीले कपड़े पहनाने से पीलिया हो जाता है!
फैक्ट :
यह एक बहुत बड़ा मिथ है, कपडे का रंग बच्चों में पीलिया का कारण नहीं बनता, क्युकी इसका कोई साइंटिफिक एविडेन्स नहीं है। पीलिया रक्त में बिलीरुबिन नामक पदार्थ के निर्माण के कारण होता है।
मिथ 2.
हल्दी या पीले रंग का खाना अधिक खाने से पीलिया हो जाता है!
फैक्ट :
नहीं! ऐसा नहीं होता! बहुत से लोगों में यह मिथ सालों से बानी हुई है की प्रेगनेंसी में पीले खाद्य पदार्थों के सेवन से, जॉन्डिस हो जाती है। हल्दी सहित कई अन्य पीले फल हैं, जो प्रेगनेंसी में मां के लिए फायदेमंद होते हैं, इसके साथ ही यह सामान्य लोगों के लिए भी फायदेमंद होते हैं। जॉन्डिस का कारण उनहेल्दी भोजन है, न की किसी खास रंग के खाद्य पदार्थ के सेवन से ऐसा होता है।
मिथ 3.
पीलिया यानि की जॉन्डिस संक्रामक है!
फैक्ट :
नहीं, पीलिया अपने आप में संक्रामक नहीं है। पीलिया ब्लड फ्लो में बिलीरुबिन की अधिकता के कारण होता है और यह लीवर की बीमारी जैसी मेडिकल कंडीशन का एक लक्षण है।
हालांकि, पीलिया का कारण बनने वाली मेडिकल कंडीशन संक्रामक हो सकती है। उदाहरण के लिए, हेपेटाइटिस ए, बी और सी सभी संक्रामक वायरल संक्रमण हैं, जो पीलिया का कारण बन सकते हैं।
मोनोन्यूक्लिओसिस, मलेरिया और साइटोमेगालोवायरस जैसी अन्य संक्रामक बीमारियां भी पीलिया का कारण बन सकती हैं। इसके अलावा, कुछ नवजात बच्चों में इमेच्योर लिवर के परिणामस्वरूप पीलिया विकसित होता है, जो संक्रामक नहीं है।
मिथ 4.
बहुत ज्यादा फैटी फूड खाने से पीलिया हो जाता है?
फैक्ट :
पीलिया केवल अत्यधिक मात्रा में जंक या फैटी फ़ूड खाने से नहीं होता है। यह ब्लड में पीले रंग के बिलीरुबिन की अधिकता के कारण होने वाली स्थिति है, जो रेड ब्लड सेल्स के टूटने से उत्पन्न होता है। लीवर डिजीज, कुछ मेडिसिंस और संक्रमण के कारण बिलीरुबिन की अधिकता हो सकती है।
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मिथ 5.
जॉन्डिस को घरेलू उपचार की मदद से ट्रीट किया जा सकता है।
फैक्ट :
पीलिया को केवल घरेलू उपचार से ठीक नहीं किया जा सकता। हालांकि, घरेलू उपचार पीलिया के कुछ लक्षण जैसे थकान, मतली और खुजली से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन वे स्थिति को पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकते।
यदि आपको पीलिया के लक्षण नज़र आ रहे हैं, तो घरेलु उपचार पर निर्भर न रहें, जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर द्वारा सुझाई गयी दवाइयों का नियमित सेवन रिकवरी में आपकी मदद करेगा।
मिथ 6.
भोजन के साथ शराब का सेवन करने से पीलिया नहीं होता है।
फैक्ट :
भोजन के साथ शराब का सेवन सीधे पीलिया का कारण नहीं बनता, लेकिन यह पीलिया की स्थिति में योगदान जरूर दे सकता है। शराब लीवर को नुकसान पहुंचता है, जो शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को तोड़ने और निकालने वाला एक महत्वपूर्ण अंग है। जब लीवर संक्रमित हो जाता है, तो यह शरीर में टॉक्सिन्स के निर्माण का कारण बन सकता है, जो पीलिया का एक प्रमुख कारण है। इसलिए शराब को मॉडरेशन में लेने की सलाह दी जाती है।
इसके अतिरिक्त, शराब शरीर की कुछ विटामिन और मिनरल्स को अवशोषित करने की क्षमता में बाधा उत्पन्न कर सकता है, जिससे पीलिया होने का खतरा बढ़ जाता है।
मिथ 7.
पीलिया के रोगियों को केवल हल्का, उबला हुआ भोजन खाना चाहिए।
फैक्ट :
हल्का, उबला हुआ भोजन पचाने में आसान होता है, लेकिन हमें केवल इसपर निर्भर नहीं रहना चाहिए। पीलिया के रोगियों को संतुलित आहार लेना चाहिए, जिसमें फल, सब्जियां और लीन प्रोटीन शामिल हों। यह जरुरी नहीं की आप केवल उबला हुआ भोजन कर रहे हैं।
जब किसी व्यक्ति को पीलिया होता है, तो उसका शरीर सामान्य रूप से टॉक्सिन्स को मैनेज करने और इन्हे निकालने में असमर्थ होता है। परिणामस्वरूप, पीलिया के मरीज को हमेशा सिमित मात्रा में फैटी फ़ूड के सेवन की सलह दी जाती है, इसके अलावा कार्बोहाइड्रेट में उच्च और पचाने में आसान खाद्य पदार्थ लेना चाहिए।