इंदौर के बीआरटीएस की पहचान देश के सबसे अच्छे बस ट्रांजिट सिस्टमों में है। दस साल पहले यह इंदौर में शुरू हुआ,लेकिन साढ़े 11 किलोमीटर लंबे बीआरटीएस की बस लेन की लंबाई आधा किलोमीटर कम हो गई है। दरअसल ब्रिज निर्माण के कारण तीन जगह बस रैलिंग उखाड़ दी गई है।11 किलोमीटर लंबे बीआरटीएस काॅरिडोर पर तीन जगह बस मिक्स लेन में चल रही है। इससे हादसे का खतरा बढ़ गया है,क्योकि बीआरटीएस पर बड़े वाहन नहीं चलते है। बस लेन तोड़ने के कारण काॅरिडोर के तीन बस स्टाॅप भी अनुपयोगी साबित हो रहे है।
दो दिन पहले सत्यसांई चौराहा पर रैलिंग उखाड़ दी गई। कुछ माह बाद इंदौर में छह किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ब्रिज बनना है। इसके लिए भी बस लेन कुछ जगह तोड़ी जा सकती है। जगह-जगह बस लेन टूटने से इस प्रोजेक्ट पर अब सवालियां निशान लगने लगे है। नगर निगम ने बीआरटीएस पर आई बस संचालन के लिए सिटी बस कंपनी भी बना रखी है।
मिक्स लेन में चलने से हादसे का खतरा
11 किलोमीटर लंबे बीआरटीएस काॅरिडोर पर तीन जगह बस मिक्स लेन में चल रही है। इससे हादसे का खतरा बढ़ गया है,क्योकि बीआरटीएस पर बड़े वाहन नहीं चलते है। बस लेन तोड़ने के कारण काॅरिडोर के तीन बस स्टाॅप भी अनुपयोगी साबित हो रहे है।विज्ञापन
इस कारण यात्रियों को भी परेशानी हो रही है,क्योकि बसों को एंट्री और एक्जिट के हिसाब से डिजाइन किया गया है। सामान्य बस स्टाॅपों पर बस यात्रियों को नहीं उतार सकती है। बस लेन टूटने का असर यात्री संख्या पर भी पड़ा है। सबसे ज्यादा परेशानी भंवरकुआ चौराहे पर आ रही है। विद्यार्थी सबसे ज्यादा सिटी बस का उपयोग काॅलेज जाने में करते है। भंवरकुआ में बस लेन टूटने से स्टूटेंडों को ज्यादा पैैदल चलना पड़ रहा है।