इंदौर। इंदौर से पुणे जाने के लिए तैयार विमान का इमरजेंसी गेट विमान के रवाना होने से ठीक पहले खुला होने के संकेत पायलट को कॉकपीट में मिले। इससे विमान में गहमागहमी की स्थिति बन गई। स्टाफ ने जाकर देखा तो गेट बंद था, लेकिन कॉकपीट में लगातार संकेत पहुंच रहा था। इस पर विमान की जांच की गई। इस तकनीकी गड़बड़ी के चलते यह विमान तय समय से दो घंटे देरी से रवाना हो पाया और इस बीच यात्री विमान में ही परेशान होते रहे।
विमानतल से मिली जानकारी के मुताबिक इंडिगो एयर लाइंस का की फ्लाइट (6ई-147) रात 9.55 बजे इंदौर से पुणे जाता है। कल भी यह विमान पुणे जाने के लिए तैयार था। इसमें 163 से ज्यादा यात्री सवार थे। विमान जाने की तैयारी में ही था, सभी गेट लगाए जा चुके थे कि तभी पायलट को कॉकपीट में विमान के इमरजेंसी गेट के खुले होने का अलर्ट नजर आया। यह देख पायलट घबरा गया।
उसने तुरंत फ्लाइट स्टाफ को गेट को चेक करने के निर्देश दिए। स्टाफ ने जाकर देखा तो गेट बंद था। स्टाफ ने तुरंत इसकी सूचना पायलट को दी। पायलट ने खुद जाकर भी गेट को चेक किया। इसके बाद भी कॉकपीट में लगातार गेट के खुले होने का अलर्ट मिल रहा था। इस पर पायलट ने तुरंत इसकी सूचना एयर ट्रैफिक कंट्रोल और ग्राउंड स्टाफ को दी। कंपनी के इंजीनियर्स की टीम तुरंत विमान पर पहुंची और विमान की जांच शुरू की।
कंपनी ने बताया फॉल्स अलर्ट
अधिकारियों ने बताया कि विमान में देखने पर विमान के पंख के पास लगा इमरजेंसी गेट बंद नजर आ रहा था, लेकिन कॉकपीट में इसके खुले होने का संकेत मिल रहा था। इस पर विमान की तकनीकी जांच की गई। जांच के दौरान अनुमान लगाया गया कि यह फॉल्स अलर्ट यानी किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण मिला गलत संकेत हो सकता है।
यात्री पर भी जताई शंका
इस मामले में एक्सपर्ट्स का कहना है कि इमरजेंसी गेट के पास बैठे यात्री भी गेट को खोलने की अगर कोशिश करते हैं तो गेट खुलने का अलर्ट मिल सकता है। गड़बड़ी की आशंका होने पर संभव है कि यात्री ने गेट के हेंडल को तुरंत बंद कर दिया हो। हालांकि इस बात की पुष्टि ना हो पाने पर किसी यात्री पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, अन्यथा ऐसे मामले में यात्री को पुलिस के हवाले कर दिया जाता है। विशेषज्ञों ने दरवाजे के खुले होने के अलर्ट को बंद करते हुए विमान को जाने की अनुमति दी। इस पूरी जांच में करीब दो घंटे का समय लगा और 9.55 बजे जाने वाला विमान रात 11.45 बजे रवाना हो सका। इस बीच यात्री विमान में ही बैठे परेशान होते रहे।
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