इंदौर। बीआरटीएस कॉरिडोर पर एमआर-9 से नौलखा के बीच एलिवेटेड ब्रिज बनाने की तैयारी अंतिम दौर में पहुंच गई है। अप्रैल से शहर के इस सबसे लंबे ब्रिज का मैदानी काम शुरू हो जाएगा। पीडब्ल्यूडी ब्रिज सेल इसका काम इंडस्ट्री हाउस तिराहा से एलआईजी के बीच से शुरू करने की तैयारी कर रही है।
काम शुरू होने के बाद करीब दो साल में पूरा करने का लक्ष्य है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि बीआरटीएस कॉरिडोर पर सीवरेज, पानी, टेलीफोन और गैस लाइन समेत सभी लाइनों की जानकारी संबंधित विभागों से ले ली गई है। उस हिसाब से पिलर और खुदाई के स्थान तय किए गए हैं। इधर, एलिवेटेड ब्रिज के लिए टेस्टिंग का काम भी तेजी से हो रहा है। अलग-अलग जगह चार मशीनें यह काम कर रही हैं। पिछले दिनों गीता भवन चौराहे से शिवाजी प्रतिमा के बीच सॉइल और रॉक टेस्टिंग का काम किया गया।
कॉरिडोर पर 60 से ज्यादा जगह टेस्टिंग का काम होना है। हालांकि अफसरों का कहना है कि 7.5 किमी लंबे ब्रिज के लिए जिन हिस्सों में टेस्टिंग हो गई है, वहां काम शुरू करने में समस्या नहीं है। बाकी स्थानों पर टेस्टिंग का काम साथ-साथ में होता रहेगा। होली और रंगपंचमी के कारण फिलहाल खुदाई या पिलर निर्माण संबंधी काम शुरू नहीं किए गए हैं। त्योहारों के बाद ये काम शुरू हो जाएंगे। 306 करोड़ रुपए के इस ब्रिज की लंबाई 6.60 किलोमीटर है और यदि इसमें तीन भुजाओं (ग्रेटर कैलाश रोड, ढक्कनवाला कुआं और शिवाजी प्रतिमा-बायपास रोड) की लंबाई जोड़ ली जाए तो ब्रिज की कुल लंबाई 7.40 किमी हो जाती है।
बाधाओं को हटाने की भी तैयारी शुरू…
पीडब्ल्यूडी ने एलिवेटेड ब्रिज के निर्माण में बाधक बिजली लाइनें और ट्रांसफार्मर आदि हटाने का काम भी अलग एजेंसी को सौंप दिया है। यह काम भी चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की तैयारी है।