महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है ।मकर संक्रांति पर त्रिवेणी किनारे उमड़ा आस्था का महासागर, अखाड़ों के स्नान से शुरू होगा परंपरा का पालनसंगम पर डुबकी के लिए कड़ाके की ठंड की चिंता किए बिना देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। विदेशी भक्त भी महाकुंभ पहुंच रहे हैं। कुंभ मेला क्षेत्र दिव्य सजावट और भव्य तैयारियों से जगमगा उठा है। चारों ओर आध्यात्मिकता का प्रकाश और धर्म की गूंज है। आज मकर संक्रांति पर्व पर अखाड़ों का अमृत स्नान करीब साढ़े नौ घंटे तक चलेगा। शिविर से निकलने और वापस आने में 12 घंटे से भी अधिक समय लगेगा।
13 अखाड़ों के साधु त्रिवेणी संगम पर लगाएंगे पवित्र डुबकी
महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान के लिए अखाड़ों ने जुलूस शुरू कर दिया है। सनातन धर्म के 13 अखाड़ों के साधु आज त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगाएंगे।मकर संक्रांति पर्व पर मंगलवार को अखाड़ों का अमृत स्नान करीब साढ़े नौ घंटे तक चलेगा। शिविर से निकलने और वापस आने में 12 घंटे से भी अधिक समय लगेगा। सबसे पहले महानिर्वाणी एवं अटल अखाड़े के संत स्नान करेंगे। संत सुबह सवा छह बजे संगम पर पहुंचेंगे और करीब 40 मिनट तक अमृत स्नान होगा। अखड़ों के निकलने वाले रास्ते के दोनों तरफ भारी पुलिस बल तैनात है।
विदेशियों की भागीदारी भी विशेष
महाकुंभ मेले में आए विदेशी श्रद्धालुओं की भागीदारी भी विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया व एशिया के विभिन्न देशों से आए श्रद्धालु भारतीय संस्कृति व आध्यात्मिकता से अभिभूत हो रहे हैं। गंगा किनारे योग, ध्यान और सत्संग में शामिल होकर वे आत्मशांति महसूस कर रहे हैं।
हर तरफ हर-हर गंगे का उद्घोष
प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा है। कोई हनुमान चालीसा पाठ करता हुआ आगे बढ़ रहा है तो कोई हर-हर गंगे के जय उद्घोष के साथ संगम की ओर बढ़ रहा है।
त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं का तांता लगा
कंपकंपाती ठंड के बीच संगम में डुबकी लगाने के लिए लोग कई-कई किमी पैदल चलकर घाट तक पहुंच रहे हैं।
त्रिवेणी संगम पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
संगम की ओर जाता श्रद्धालुओं का रेला
सुबह 6:15 बजे से शुरू होगा अखाड़ों का स्नान
मकर संक्रांति पर्व पर मंगलवार को अखाड़ों का अमृत स्नान करीब साढ़े नौ घंटे तक चलेगा। शिविर से निकलने और वापस आने में 12 घंटे से भी अधिक समय लगेगा। अखाड़ों के संतों एवं नागाओं के स्नान का समय तय हो गया है।
सबसे पहले महानिर्वाणी एवं अटल अखाड़े के संत स्नान करेंगे। संत सुबह सवा छह बजे संगम पर पहुंचेंगे और करीब 40 मिनट तक अमृत स्नान होगा। इनके बाद निरंजनी एवं आनंद अखाड़ा के संत 7:05 बजे स्नान करेंगे।
जूना, आवाहन एवं पंचअग्नि अखाड़ा के संत सुबह 8 बजे स्नान करेंगे। निर्वाणी, दिगंबर, निर्मोही अखाड़ा के संत क्रमश: 10:40, 11:20 एवं 12:20 बजे स्नान करेंगे। नया पंचायती अखाड़ा के संत दोपहर 1:15 तथा बड़ा पंचायती के 2:20 बजे, निर्मल पंचायती अखाड़ा के संत 3:40 से 4:20 बजे तक स्नान करेंगे।
अमृत स्नान के लिए नागा साधु करते हैं 21 शृंगार
महानिर्वाणी अखाड़े के शंकरपुरी महाराज ने बताया कि हिंदू धर्म में सुहागिन 16 शृंगार करती हैं, लेकिन नागा साधु अमृत स्नान के लिए 21 शृंगार करते हैं। इसमें शरीर के साथ ही मन और वचन का भी शृंगार शामिल होता है। इसके साथ ही सर्वमंगल की कामना भी होती है।
इस शृंगार का मतलब दिखावा करना नहीं होता है। नागा साधु इसे अंदर तक महसूस भी करते हैं। महादेव को प्रसन्न करने के लिए 21 शृंगार के साथ ही नागा साधु संगम में अमृत स्नान की डुबकी लगाएंगे।मेले में आसन लगाए नागा साधु खड़ेश्वरी बाबा बताते हैं, नागा बनने के बाद साधना और तपस्या बेहद जरूरी है। स्नान से पहले नागा साधु खुद को सजाते हैं। इसमें तन के साथ ही मन को भी सजाना जरूरी होता है।
शृंगार के बाद प्रस्थान करेंगे नागा साधु
शरीर में भस्म लगाने के बाद चंदन, पांव में चांदी के कड़े, पंचकेश यानी जटा को पांच बार घुमाकर सिर में लपेटेंगे, रोली का लेप, अंगूठी, फूलों की माला, हाथों में चिमटा, डमरू, कमंडल, माथे पर तिलक, आंखों में सूरमा, लंगोट, हाथों व पैरों में कड़ा और गले में रुद्राक्ष की माला धारण करने के बाद नागा साधु प्रस्थान करेंगे।
Add comment